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Prabhat Ranjan

‘कसप’ सिर्फ प्रेम कहानी भर नहीं है

आज हिंदी के मूर्धन्य लेखक मनोहर श्याम जोशी के गुजरे 11 साल हो गए. उनके प्रेम-उपन्यास ‘कसप’ की रचना-प्रक्रिया पर उनका यह लेख प्रस्तुत है, जो उन्होंने मेरे कहने पर लिखा था और जो जनसत्ता में सबसे पहले प्रकाशित हुआ था. उनकी अमर स्मृति के नाम- जानकी पुल. ========================= हिंदी …

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मनोहर श्याम जोशी मनमोहन देसाई और दस लाख का एडवांस!

मशहूर लेखक मनोहर श्याम जोशी की आज पुण्यतिथि है. 2006 में आज के ही दिन उनका देहांत हो गया था. जीते जी किम्वदंती बन चुके उस लेखक के लेखन से जुड़ा एक किस्सा आज याद आ गया. बहुत कम लोग जानते हैं इस किस्से को. एक महान किस्सागो की स्मृति …

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‘बतिया सकता हूँ हौले-हल्के बिल्कुल ही पास बैठकर’

आज कवि भवानी प्रसाद मिश्र की जयंती है. मुझे कवि सिद्धेश्वर सिंह के इस लेख की याद आ गई- मॉडरेटर =================================================== न रात-भर नौका विहार न खुलकर बात-भर हँसना बतिया सकता हूँ हौले-हल्के बिल्कुल ही पास बैठकर ये पंक्तियाँ भवानी प्रसाद मिश्र की कविता ‘आराम से भाई ज़िन्दगी’ से ली …

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मुगले आज़म की अनारकली से अनारकली डिस्को चली तक

दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसियेट प्रोफ़ेसर लाल जी का यह लेख फ़िल्मी गीतों के बहाने एक दिलचस्प आकलन करता है- मॉडरेटर ========== सार्थक कृतियां अपने भीतर अपने समय का इतिहास समेटे रहती हैं। चाहे वह गीत हो या संगीत,  चित्रकला हो या स्थापत्य कला या फिर साहित्‍य। ऐतिहासिक अन्‍तर्वस्‍तु उसमें विद्यमान …

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‘दिल्ली की शायरी में लड़कों के लिए इश्क बहुत है, लखनऊ में लड़कियों के लिए’

उदयन वाजपेयी के संपादन में निकलने वाली पत्रिका ‘समास’ के 15 वें अंक में उर्दू के महान लेखक शम्सुर्ररहमान फारुकी का एक बहुत जबरदस्त इंटरव्यू आया है, जो कि उदयन वाजपेयी जी ने ही लिया है. उस इंटरव्यू में बहुत सारी बातों के अलावा लखनऊ-बनाम दिल्ली की बहस के ऊपर …

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केदारनाथ सिंह की कविता ‘दुपहरिया’

आज सुबह चढ़ते चैत के महीने पर वरिष्ठ लेखक राकेश कुमार सिंह की पोस्ट लगाईं थी. लेकिन चैत के महीने में केदारनाथ सिंह के इस कविता के बिना कैसी बात बनेगी- मॉडरेटर ========================= झरने लगे नीम के पत्ते बढ़ने लगी उदासी मन की, उड़ने लगी बुझे खेतों से झुर-झुर सरसों …

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हिंदी सिनेमा का शुरूआती ज़माना और बाइयों का फ़साना

आज यतीन्द्र मिश्र का जन्मदिन है. मुझे 15-16 साल पहले का वह दौर याद आ रहा है जब यतीन्द्र की किताब ‘गिरिजा’ आई थी. गायिका गिरिजा देवी पर लिखी वह किताब हिंदी में अपने ढंग की पली ही किताब थी. बड़ी धूम मची थी. तब मैं लेखक नहीं वेखक था. …

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यह जवान हो चुके चैत का मौसम है!

वरिष्ठ लेखक राकेश कुमार सिंह का लेखन किसी परिचय का मोहताज नहीं है. एक ज़माने में उनका उपन्यास आया था ‘पठार पर कोहरा’. बहुत प्रभावित हुआ था. बाद में उनके अनेक उपन्यास आए. उनकी अच्छी चर्चा भी हुई. सबसे प्रभावित करता है उनका पलामू जिले में अपने गाँव को लेकर …

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ट्विंकल खन्ना की पुस्तक ‘लक्ष्मी प्रसाद की अमर दास्तान’ का एक अंश

पूर्व अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना की किताब ‘द लिजेंड ऑफ़ लक्ष्मी प्रसाद’ जब अंग्रेजी में आई थी तो खूब चर्चा हुई थी. अब जगरनॉट बुक्स से वह किताब हिंदी में भी आ रही है ‘लक्ष्मी प्रसाद की अमर दास्तान’ के नाम से. प्रस्तुत है किताब का एक रोचक अंश- मॉडरेटर ========================================= …

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‘अनारकली ऑफ़ आरा’ के निर्देशक के नाम शाजापुर के एक दर्शक का पत्र

अविनाश दास द्वारा लिखित-निर्देशित फिल्म ‘अनारकली ऑफ़ आरा’ को जिस तरह से दर्शकों का प्यार मिला है वह असाधारण है. यह पत्र शाजापुर के एक दर्शक ने निर्देशक के नाम भेजा है. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर =================================================== (एक प्रशंसक ने अविनाश दास को भेजा एक पत्र, जो किसी बड़े-से-बड़े निर्माता …

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