बहुत दिनों बाद दूधनाथ सिंह जी का कहानी संग्रह आया है. दूधनाथ जी ने हर विधा में लिखा और खूब लिखा. फिलहाल उनके संग्रह ‘जलमुर्गियों का शिकार’ से एक छोटी सी रोचक कहानी- मॉडरेटर ================================================================== चौरासी सिद्धों में सर्वोपरि थे सरहपाद। मठ के महन्त। विचारक। दार्शनिक। सिद्ध। ब्राह्मण। मठ में …
Read More »वीरू सोनकर की प्रेम कविताएं
मार-तमाम कविताएं लिखी जा रही हैं. सब में एक दूसरे की छाया होती है. लेकिन वीरू सोनकर की कविताओं में एक अलग सी माया है. प्रेम की माया. बहुत कम समय में इस कवि ने अपनी भावप्रवणता के कारण सबका ध्यान खींचा है. खासकर उसकी प्रेम कविताओं ने. आज इस …
Read More »बिहार चुनाव के तनाव से बचना चाहते हैं तो पढ़िए ‘इश्कियापा’
बिहार में चुनाव का मौसम है, आरोप-प्रत्यारोप का मौसम है, मान-मनुहार का मौसम है, जय बिहार का मौसम है! ऐसे में अपने उपन्यास ‘इश्कियापा’में पंकज दुबे बिहारी(पटनिया) प्यार का मौसम लेकर आये हैं. स्वीटी-लल्लन की प्रेम कहानी. स्वीटी जिसके होंठ मेजेंटा रेड हैं, जिसका सपना है ब्रिटनी स्पीयर्स बनना, लल्लन …
Read More »hi हिंदी, high हिंदी या हाय हिंदी!
हिंदी दिवस पर यह लेख पढ़ा http://www.ichowk.in पर. युवा लेखक कुलदीप मिश्र का. थोड़ा हटकर लगा, लिखने की शैली अलग सी लगी तो आज साझा कर रहा हूँ- मॉडरेटर =========================================== Hi हिंदी. हाय हिंदी. तुम्हें हिंदी दिवस की मुबारकबाद. साथ ही यह कामना कि कुछ साल बाद वह दिन आए, …
Read More »ऐसे समय में शहीद चंद्रशेखर की याद आती है
आज चंद्रशेखर जी की जयंती है. आज के माहौल में जब अभिव्यक्ति की आजादी के ऊपर खतरा मंडरा रहा है, भय का माहौल बनाया जा रहा है चंद्रशेखर जी की याद आती है. उस चंद्रशेखर की जिसने कैरियर और संघर्ष में संघर्ष का रास्ता चुना, जिसने सुविधा और साहस में …
Read More »उत्तराखंड की घाटियाँ और पहाड़!
युवा पत्रकार स्वतंत्र मिश्र यायावर मिजाज रखते हैं. यायावरी के वृत्तान्त लिखते हैं. पहले हम उनके हिमाचल यात्रा की दास्तान पढ़ चुके हैं. इस बार उत्तराखंड- मॉडरेटर ================================= 2012 के अगस्त में ‘तहलका’ की नौकरी छोड़ …
Read More »अमलतास में फूल नहीं आए
आज ‘प्रभात खबर’ में ‘कुछ अलग’ स्तम्भ में मेरा यह छोटा सा लेख प्रकाशित हुआ है. पढ़कर राय दीजियेगा- प्रभात रंजन =============== ‘अमलतास में फूल नहीं आये’- कल रघुवीर सहाय की यह कविता पढ़ते पढ़ते अचानक ध्यान आया कि नई कविता के दौर में हिंदी कविता का प्रकृति से कितना …
Read More »वरिष्ठ कवि विष्णु नागर से युवा कवि अविनाश मिश्र की बातचीत
आजकल कवियों के बीच आपसी संवाद भी कम होता जा रहा है. वरिष्ठ कवियों से युवा कवि कम ही बात करते हैं. ऐसे में वरिष्ठ कवि विष्णु नागर से युवा कवि अविनाश मिश्र का यह संवाद स्वागतयोग्य और पठनीय है- मॉडरेटर ============================== ‘फार्मूलाग्रस्तता का शिकार नहीं हूं‘ ”वे सवाल भी …
Read More »डिजिटल दुनिया में बड़ी होती हिंदी की बिंदी
आज ‘प्रभात खबर’ में डिजिटल दुनिया में हिंदी के मजबूती से बढ़ते कदम पर मेरा यह लेख प्रकाशित हुआ है. आप लोग भी पढ़कर बताइयेगा- प्रभात रंजन ========================================= हाल में ही प्रधानमंत्री ने विश्व हिंदी सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए जब यह बात कही कि डिजिटल विश्व में तीन भाषाएँ …
Read More »गोपालराम गहमरी का ऐतिहासिक लेख ‘हिंदी की चिंदी’
रांची में रहने वाले जोशीले पत्रकार संजय कृष्ण की सम्पादित पुस्तक आई है ‘गोपालराम गहमरी के संस्मरण’, जिसका प्रकाशन दिल्ली के विकल्प प्रकाशन द्वारा किया गया है. उस पुस्तक पर बाद में विस्तार से लिखूंगा. लेकिन हिंदी दिवस के मौके पर उस पुस्तक में संकलित उनके इस लेख की याद …
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