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Prabhat Ranjan

‘बेहयाई के बहत्तर दिन’ और यतीश कुमार

बरसों पहले प्रमोद सिंह की एक किताब आई थी ‘अजाने मेलों में’। उनकी भाषा, उनकी शैली ने सबको प्रभावित किया था। अब उनकी किताब आई है ‘बेहयाई के बहत्तर दिन’। हिन्द युग्म से प्रकाशित इस किताब पर कवि-लेखक यतीश कुमार की समीक्षा पढ़िए- ============================================ लेखक की कलम पहले ही पन्ने में …

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विनय सौरभ की ग्यारह कविताएँ

आज पढ़िए विनय सौरभ की कविताएँ। विनय का परिचय देते हुए हिंदवी ने लिखा है ‘सुपरिचित लेकिन दुर्लभ कवि’। हाल में ही राजकमल प्रकाशन से इस दुर्लभ कवि का कविता संग्रह प्रकाशित हुआ है ‘बख़्तियारपुर’। आप इनकी कुछ चुनिंदा कविताएँ पढ़िए- ===================================== वे संबंधी ____________ इस इलाक़े में साल भर …

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आत्मज: अप्प पिता भव !

प्रसिद्ध कवि विनय कुमार के काव्य नाटक ‘आत्मज’ पर यह टिप्पणी लिखी है हिन्दी की वरिष्ठ लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ========================== छोटे से कलेवर की किताब है आत्मज, जो एक काव्य नाटक है। ऐसी विधा जिसे विलुप्त होते-होते मानो जीवन दान दिया हो, विनय कुमार …

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दिव्या विजय की कहानी ‘महानगर की एक रात’

पहला जानकी पुल शशिभूषण द्विवेदी सम्मान लेखिका दिव्या विजय को उनके कहानी संग्रह ‘सगबग मन’ के लिए दिया गया है। इस संग्रह में अलग अलग तरह के परिवेश की अनेक सघन कहानियाँ हैं। लेकिन ‘महानगर की एक रात’ कहानी बहुत अलग तरह की है। भय, शंका से भरपूर यह कहानी …

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जानकी पुल शशिभूषण द्विवेदी सम्मान ‘सगबग मन’ को

जानकी पुल शशिभूषण द्विवेदी सम्मान के बारे में कुछ महीने पहले घोषणा की गई थी। हर साल यह पुरस्कार कथा साहित्य के क्षेत्र में किसी एक कृति पर प्रदान किया जाएगा। हमने अपने निर्णायकों के साथ इसके नियम क़ायदों के बारे में सोच विचार कर यह तय पाया कि पहले …

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नेहा नरुका की छह कविताएँ

आज पढ़िए नेहा नरुका की कविताएँ। समकालीन कविता में नेहा का नाम जाना-पहचाना है। हाल में ही उनका कविता संग्रह आया है ‘फटी हथेलियाँ’। उनकी कविताओं के विषय भी लग हैं और भंगिमा भी। मिसाल के तौर पर इन कविताओं को पढ़िए- ===================================== 1 किसी ने मेरा उड़ता कबूतर मारा …

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2023 की यादगार भारतीय अंग्रेज़ी पुस्तकें

2023 में प्रकाशित भारतीय अंग्रेज़ी की कुछ प्रमुख पुस्तकों पर यह लेख लिखा है चर्चित युवा लेखक किंशुक गुप्ता ने। आप भी पढ़ सकते हैं- =============================    रोमन स्टोरी’ज, झुंपा लाहिड़ी झुंपा लाहिड़ी भारत मूल की लेखिका हैं जो अपनी कहानियों के लिए जानी जाती हैं। अपने पहले संग्रह द …

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हिंदी साहित्य और हिंदी के डॉक्टर: प्रमोद रंजन

प्रमोद रंजन का यह लेख एक साहित्योत्सव के पोस्टर से शुरु होकर सृजनशीलता और मौलिकता क्या है, जैसे बड़े सवालों को उठाता है। प्राध्यापकों की कुंठा और रीढ़विहीनता की भी इसमें अच्छी खबर ली गई है। पढ़िए– ======================== हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक साहित्य उत्सव हो रहा है। उसका पोस्टर …

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मेरी माँ बढ़िया जलेबी बनाती थी, मैं कहानियों की जलेबियाँ उतारती हूँ- अलका सरावगी

आज पढ़िए प्रसिद्ध लेखिका अलका सरावगी और कवि-कथाकार अर्पण कुमार की बातचीत- =============================================== अपनी दादी से गहरे जुड़ी अलका के भीतर पीढ़ियों से जुड़ाव के सूत्र दरअसल उनके बचपन से जुड़ते हैं। लीक से हटकर सोचने-चलने वाली कथाकार की कथा पुरानी है और अपने आसपास की साधन-संपन्नता और उसकी चकाचौंध …

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         मानव जीवन की परतें खोलतीं ‘फटी हथेलियाँ’

आज पढ़िए नेहा नरुका के कविता संग्रह ‘फटी हथेलियाँ’ पर यह विस्तृत टिप्पणी, लिखा है युवा लेखिका अनु रंजनी ने। यह संग्रह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- ======================== यदि कोई स्त्री, स्त्री अधिकारों, उसके संघर्षों की बात करे तो बहुत आसानी से उस पर पक्षपात का आरोप लगा दिया जाता …

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