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Prabhat Ranjan

प्रताप सोमवंशी की चार कविताएं

प्रताप सोमवंशी को हम सजग वरिष्ठ पत्रकार के रूप में अच्छी तरह जानते हैं. वे एक संवेदनशील कवि भी हैं. कविता उनके सार्वजनिक के निजी एकांत की तरह हैं. यहाँ प्रस्तुत हैं उनकी चार कविताएं- मॉडरेटर  ============ १- क्या नहीं है इस आंगन में —- चिड़ियों ने जाने कैसे कहां …

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मुम्बई, 26/11 और एक किताब ‘हेडली और मैं’

आज 26 नवम्बर है. 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद से 26/11 को स्याह दिन की तरह याद किया जाता है. बहुत लोगों को याद होगा कि इस घटना के मुख्य आरोपी डेविड हेडली के साथ अनजाने में जुड़े होने के कारण राहुल भट्ट का नाम शक …

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डीयू का बिहार कनेक्शन और अंग्रेजी उपन्यास

लोकप्रिय अंग्रेजी उपन्यासों का यह साल दिल्ली विश्वविद्यालय के नाम रहा. दिल्ली विश्वविद्यालय का बिहार कनेक्शन इस साल अंग्रेजी के लोकप्रिय उपन्यासों का सबसे कारगर मुहावरा रहा. रविंदर सिंह का उपन्यास ‘Your Dreams are Mine Now’(हिंदी अनुवाद: तुम्हारे सपने हुए अपने) इस श्रृंखला की आखिरी कड़ी है. सबसे पहले आया …

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रणदीप और नंदना की अधिक रवि वर्मा की कम बनी ‘रंगरसिया’

100 करोड़ के टारगेट की वजह से आजकल ऐसी फ़िल्में कम आ पाती हैं जिनमें कंटेंट के स्तर पर कुछ कहने सुनने को हो. ‘रंगरसिया’ एक अलग फिल्म फिल्म साबित हुई. जब से आई है चर्चा में बनी हुई है. रंजीत देसाई के उपन्यास पर बनी केतन मेहता की इस …

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क्या है जर्मन-संस्कृत विवाद?

केन्द्रीय सेवाओं में हिंदी के उचित महत्व के मुद्दे पर प्रेमपाल शर्मा के तर्कों के हम सब कायल रहे हैं. केन्द्रीय विद्यालयों में जब जर्मन भाषा के स्थान पर संस्कृत पढ़ाने का मसला आया तो यह जरूरी लगा कि त्रिभाषा फ़ॉर्मूला और विदेशी भाषाओं के सन्दर्भ को समझा जाए. देखिये, …

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मनीषा पांडे की पांच कविताएं

कहते हैं कविता अभिव्यक्ति का विशुद्ध रूप होता है- भावना और बुद्धि के सबसे करीब. मनीषा पांडे की कविताओं को पढ़ते हुए ऐसा लगा जैसे हम किसी और लेखिका को पढ़ रहे हैं, उस मनीषा पाण्डे को नहीं जिसके लेखन के तेवर से हम सब परिचित रहे हैं. ऐसे समय …

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कुमार विश्वास क्यों मेरे दिल के बहुत करीब है?

मैं हिंदी का कैसा लेखक हूँ यह आप जानें. मुझे अपने लेखन को लेकर कोई मुगालता नहीं है. लेकिन ‘पाखी’ पत्रिका में कुमार विश्वास के साक्षात्कार के प्रकाशन के नजरिये और उनके साक्षात्कार के प्रकाशन के बाद जिस तरह हम खुद को गंभीर लेखक साबित करने के लिए कुमार के …

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राजकमल चौधरी का पत्र दूधनाथ सिंह के नाम

लेखकों के पत्रों से कई बार उनके व्यक्तित्व का, उनके लेखन-सूत्रों का पता चलता है. यह एक ऐतिहासिक पत्र है जो आमुख-8 में प्रकाशित हुआ था. राजकमल चौधरी ने संभवतः अपने मरने से कुछ दिनों पहले दूधनाथ सिंह को लिखा था. कल से इस पत्र को लेकर इलाहबाद विश्वविद्यालय के …

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क्षितिज रॉय की कहानी ‘लड़का, लड़की और तीव्र मुद्रिका’

इधर क्षितिज राय की कहानियों की शैली ने मुझे बहुत प्रभावित किया है. नीलेश मिश्रा की मंडली के लेखक रहे हैं इसलिए कहानी में संतुलन की कला से अच्छी तरह वाकिफ हैं. दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स के विद्यार्थी हैं इसलिए समकालीन युवाओं के मानस को बढ़िया से समझते हैं. मुख्यधारा, …

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कला, स्त्री, नैतिकता, धर्म और ‘रंगरसिया’

‘रंगरसिया’ फिल्म रिलीज होने के बहुत पहले से चर्चाओं में रही है, उत्सुकताओं के केंद्र में रही है. आखिर रवि वर्मा के जीवन को केंद्र में रखकर बनाई गई इस फिल्म को केतन मेहता ने किस तरह बनाया है. जीवन, स्त्री, धर्म, नैतिकता से जुड़े कई सवाल हैं जिनके सन्दर्भ …

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