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Prabhat Ranjan

प्रवीण झा की कहानी ‘बूम-बूम’

आज पढ़िए प्रवीण कुमार झा की कहानी। कहानी छोटी है लेकिन प्रवासियों-आप्रवासियों को लेकर लिखी गई एक दिलचस्प कहानी है। आप भी पढ़िए- ========================= “बर्फ़ जमने से उसकी पाइप फट गयी। बूम! यह बेवकूफ़ न जाने कब समझेंगे कि ठंडे प्रदेश में रहते कैसे हैं। मुँह उठा कर आ जाते …

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अनुकृति उपाध्याय की कहानी ‘हरसिंगार के फूल’

ओर्गैज्म को लेकर चल रही सार्थक बहस के दौरान मुझे लेखिका अनुकृति उपाध्याय की इस कहानी की याद आई। यह कहानी उनके कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ में सम्मिलित है। हिंदी में ओर्गैज्म को लेकर शायद इससे अच्छा कुछ लिखा नहीं गया। समय हो तो पढ़िएगा- ======================================== मौना नहाकर निकली. उसके …

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विमलेश त्रिपाठी का स्तम्भ एक गुमनाम लेखक की डायरी-3

युवा कवि विमलेश त्रिपाठी अपनी जीवन यात्रा को दर्ज कर रहे हैं। गाँव के छूटे हुए दिनों को बड़ी शिद्दत से याद कर रहे हैं। आज तीसरी किस्त पढ़िए- ==================== लगातार मनुष्यता की ओर यात्रा करने वाला मुसाफिर मुझे अपने जन्म का वर्ष और तारीख पता नहीं है। माँ से …

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    प्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘माता जी मत कहो प्लीज…’

प्रमोद द्विवेदी की कहानियों की विषयवस्तु और भाषा दोनों का अपना ही अन्दाज़ है। ‘जनसत्ता’ के फ़ीचर संपदक रहे इस लेखक ने कम लिखा है लेकिन इनके लेखन की अलग ही छाप है। उनकी नई कहानी पढ़िए- ==============================  आज मीता जी की किस्मत खराब थी, या कहो दिन ही खोटा …

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इजाडोरा की प्रेमकथा की काव्यात्मक समीक्षा

यतीश कुमार ने पुस्तकों की काव्यात्मक समीक्षा की एक शैली विकसित की। आज लम्बे समय के बाद उन्होंने पुनः एक पुस्तक की समीक्षा की है। पुस्तक है इज़ाडोरा डंकन की आत्मकथा ‘my life’  के हिंदी अनुवाद ‘इज़ाडोरा की प्रेमकथा’। पुस्तक संवाद प्रकाशन से प्रकाशित है। आप समीक्षा पढ़िए- =======================   …

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‘कुछ पाने की ज़िद’ है मनोज बाजपेयी की संघर्ष गाथा

वरिष्ठ पत्रकार पीयूष पांडे ने प्रसिद्ध अभिनेता मनोज बाजपेयी की जीवनी लिखी है। पेंगुइन रैंडम हाउस से प्रकाशित इस जीवनी में मनोज बाजपेयी के प्रेरक जीवन के बारे में पीयूष पांडे ने काफ़ी प्रामाणिक लिखा है। इस जीवनी की समीक्षा लिखी है वरिष्ठ पत्रकार राठौर बिचित्र मणि सिंह ने। आप …

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उज़्मा कलाम की कहानी ‘बिन शौहर’

आज पढ़िए उज़्मा कलाम की कहानी। उज़्मा ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है और जोधपुर में एक संस्था के लिए काम करती हैं। लिखने के अलावा चित्रकारी का शौक़ रखती हैं। इनकी कहानी पढ़िए- ================================== सुबह सवेरे ऐसी धमा-चौकड़ी मची कि मेरी आँख खुल …

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नमन नारायण की कहानी ‘टाइमपास’

21 वर्षीय नमन नारायण की टिप्पणियाँ हम पहले भी जानकी पुल पर पढ़ते रहे हैं। इस बार उसकी एक छोटी सी कहानी पढ़िए। किशोर जीवन के अनुभवों को लेकर हिंदी में कम कहानियाँ लिखी गई हैं। यह एक दिलचस्प कहानी है- ==============================   मैं रोज़ आता हूँ यहाँ, स्कूल के …

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कोरोना-काल में मातृ-साया की कहानी बयां करती ‘आंधारी’

प्रसिद्ध लेखिका नमिता गोखले के उपन्यास ‘द ब्लाइंड मैट्रीआर्क’ के हिंदी अनुवाद ‘आंधारी’ पर यह टिप्पणी लिखी है युवा लेखक-पत्रकार ने। आप भी पढ़िए- ========================   आंधारी; अस्सी साल की एक बुर्जुग महिला मातंगी के जीवन पर आधारित उपन्यास है, जो महानगर के सी-100 चौमंजिला इमारत के अंदर संभ्रांत उत्तर भारतीय …

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विमलेश त्रिपाठी का स्तम्भ एक गुमनाम लेखक की डायरी-2

आज पढ़िए युवा कवि विमलेश त्रिपाठी की आत्मकथा की दूसरी किस्त। वे जानकी पुल के लिए यह साप्ताहिक स्तम्भ लिख रहे हैं- ===================== शब्दों की दुनिया ही हमारा आसरा   खेत-बधार और गली-गांव से अधिक की पहुंच नहीं थी हमारी। कभी-कभी छुपकर दोस्तों के साथ नदी चले जाते थे। वह …

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