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Prabhat Ranjan

जेहन के जहान में

पेशे से प्राध्यापिका सुनीता एक संवेदनशील कवयित्री हैं. कुछ सोचती हुई, कुछ कहती हुई उनकी कविताओं का अपना मिजाज है. उनकी कुछ चुनी हुई कवितायेँ- जानकी पुल. ==================================================  जेहन जेहन के जहान में खोने-पाने के अतिरिक्त ‘दौलत की डिबिया’ जैसा कुछ है! हाँ, उत्तर–दक्खिन और पूरब–पश्चिम जैसा कुछ नहीं है। अगर …

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दौलत सिंह कोठारी को क्यों याद किया जाना चाहिए?

भाषा के मसले पर वर्ष 2013 की शुरूआत बड़ी विस्‍फोटक रही। कोठारी कमेटी की सिफारिशों के अनुसार वर्ष 1979 से चली आ रही सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय भाषाओं को इस वर्ष के शुरू में लगभग बाहर का रास्‍ता दिखा दिया था । तसल्‍ली की बात यह है कि इस …

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दुष्यंत की कहानी ‘उलटी वाकी धार’

हाल में ही युवा लेखक दुष्यंत का कहानी संग्रह पेंगुइन से आया है ‘जुलाई की एक रात’. समकालीन जीवन के स्नैप शॉट्स की तरह कहानियां लिखने वाले इस प्रतिभाशाली लेखक की एक कहानी उसी संग्रह से- मॉडरेटर. ======== दिन के दो बजकर दस मिनट, लंच खत्म होने के तुरंत बाद का …

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‘बैड गर्ल’ और उसकी नायिका

मारियो वर्गास योसा के उपन्यास ‘बैड गर्ल’ की नायिका पर यह छोटा-सा लेख मैंने ‘बिंदिया’ पत्रिका के लिए लिखा था. जिन्होंने नहीं पढ़ा है उनके लिए- प्रभात रंजन. =========================================== करीब छह साल पहले मारियो वर्गास योसा का उपन्यास पढ़ा था ‘बैड गर्ल’. पेरू जैसे छोटे से लैटिन अमेरिकी देश के …

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कभी ‘नक़्श’ दिल का कहा तो करो

‘नक़्श’ लायलपुरी एक ऐसे शायर हैं जिन्होंने फिल्मों में भी कई अर्थपूर्ण गीत लिखे. आज उनकी कुछ चुनिन्दा ग़ज़लें- मॉडरेटर. =================== 1. तुझको सोचा तो खो गईं आँखेंदिल का आईना हो गईं आँखें ख़त का पढ़ना भी हो गया मुश्किलसारा काग़ज़ भिगो गईं आँखें कितना गहरा है इश्क़ का दरियाउसकी …

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आखिर दुख़्तरान जो ठहरीं

           शिक्षाविद पूर्वा भारद्वाज के इन किस्सों में गहरा सामाजिक सरोकार तो दिखाई देता ही है, दास्तानगोई का जादू भी इन किस्सों में है. किशनगंज के ईरानी बस्ती के कुछ किस्से आपके लिए- मॉडरेटर. यह दास्तान निरंतर संस्था ‘जेंडर और शिक्षा सन्दर्भ समूह, दिल्ली’ में रहते हुए …

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अलका सरावगी के नए उपन्यास का अंश

अलका सरावगी के उपन्यासों में बतकही के अंदाज में हमारे समय का जटिल यथार्थ बहुत सहजता से आता है. मेरे जैसे पाठक उनके उपन्यास का इंतज़ार करते हैं. आज अगर हिंदी उपन्यासों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होती है तो उसमें अलका जी के उपन्यासों का भी योगदान है. आपके …

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ऐ बाSबाS,कमलेश की कविता का रास्ता कहाँ है?

वरिष्ठ कवि-आलोचक विष्णु खरे ने ‘जानकी पुल’ पर कमलेश का तआरूफ करवाया तो अनेक लोगों ने यह सवाल उठाया कि यह तो संस्मरण टाईप है. तो इस बार खरे साहब ने अपने ‘आलोचक फॉर्म’ में आते हुए उनकी कविताओं पर लिखा है. मेरे जानते कमलेश की कविताओं का यह सबसे …

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कमलेश जैसे असाधारण कवि को भुला दिया गया है

सुबह ‘जानकी पुल’ पर कमलेश की कविताएं लगाते हुए हमने बहस आमंत्रित की थी. वरिष्ठ कवि-आलोचक विष्णु खरे ने बहस की शुरुआत करते हुए यह चिट्ठी लिखी है. आपके लिए- मॉडरेटर. ============================================================= कमलेश की इन कविताओं को ब्लॉग पर लगाना एक ज़रूरी और उपयोगी काम था लेकिन अधूरा, लिहाज़ा कुछ …

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कमलेश की कविताएं

हाल के दिनों में आभासी दुनिया में सबसे लम्बी बहस जो चली वह कवि कमलेश के उस बातचीत को लेकर चली जो ‘समास’ पत्रिका में प्रकाशित हुई थी. उसी बातचीत के आधार पर उनको साहित्य में दाखिल-ख़ारिज किया जाता रहा, लेकिन उनकी कविताओं को लेकर कोई बहस नहीं हुई. मुझे …

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