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Prabhat Ranjan

ये भी कोई जाने की उम्र होती है- दीप्ति नवल

ऋतुपर्णो घोष का जाना सचमुच अवाक कर गया. साहित्य और सिनेमा के खोये हुए रिश्ते को जोड़ने वाले इस महान निर्देशक को आज दीप्ति नवल ने बहुत आत्मीयता से याद किया है. पढ़ा तो साझा करने से खुद को रोक नहीं पाया- जानकी पुल. =================== जाने क्या दिक्कत थी कि उनकी …

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मुझे देखती हैं मोनालिसा की आँखें

कुछ दिन पहले सुमन केशरी की कविताओं के संकलन ‘मोनालिसा की आँखें’ का विमोचन हुआ. सुमन जी शब्दों को इतनी आत्मीयता के साथ स्पर्श करती हैं कि उनके अर्थ नए हो जाते हैं, चीजों को देखने के ढंग बदल जाते हैं. हमारी जानी-पहचानी चीजों को भी उनकी कविता नया बना देती है. …

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वर्तिका नंदा की कुछ नई कविताएँ

वर्तिका नंदा की कविताओं में स्त्री के रोजमर्रा के जीवन का एक नया अर्थ मुखरित होता है. कवितायेँ उनके लिए दैनंदिन को अर्थ देने की तरह है. आज उनकी कुछ नई कविताएँ, कुछ नए मुहावरों में- जानकी पुल ================ शर्मोहया  आंखों का पानी पठारों की नमी को बचाए रखता है …

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खेल के चश्मे से कारोबारी दुनिया की समझ

हर्षा भोगले का नाम क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक जादुई क्रिकेट कमेंटेटर हैं. उनकी किताब आई है ‘जीतने के रास्ते’. खेल और प्रबंधन से जुड़े अपने अनुभवों के आधार पर एक व्यवहारिक और प्रेरणादायी पुस्तक. इसकी समीक्षा लिखी है त्रिपुरारि कुमार शर्मा ने. आपके लिए- जानकी पुल. ============================================ मशहूर दार्शनिक …

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कला और विज्ञान के संधि स्थल पर खड़ा युगपुरुष स्टीव जॉब्स

आज ‘इण्डिया टुडे’ में ‘मैं, स्टीव: मेरा जीवन, मेरी जुबानी’ पुस्तक की मेरे द्वारा लिखी गई समीक्षा प्रकाशित हुई है. आप उसे चाहें तो यहाँ भी पढ़ सकते हैं. उनका व्यक्तित्व मुझे बहुत प्रेरणादायी लगता रहा है. फिलहाल पुस्तक की समीक्षा- प्रभात रंजन  ===================================== स्टीव जॉब्स के बारे में कहा …

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निलय उपाध्याय की कहानी ‘खटमल’

निलय उपाध्याय को हम सब एक बेहतरीन कवि के रूप में जानते हैं, लेकिन वे एक शानदार गद्यकार हैं. औपन्यासिक संवेदना के लेखक, जिनके पास अनुभव की अकूत सम्पदा है. आज उनकी एक ताजा कहानी आपके लिए- जानकी पुल. ================================= सुबह सुबह मनबोध बाबू को लगा जैसे उनकी देह पर …

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क्या ‘बेस्टसेलर’ नकारात्मक संज्ञा है?

‘बेस्टसेलर’ को लेकर ये मेरे त्वरित विचार हैं. मैं यह नहीं कहता कि आप मेरी बातों से सहमत हों, लेकिन मेरा मानना है कि बेस्टसेलर को लेकर धुंध साफ़ होनी चाहिए. आपकी प्रतिक्रियाओं का स्वागत है- प्रभात रंजन. ================ क्या ‘बेस्टसेलर’ नकारात्मक संज्ञा है या हिंदी समाज बिकने वाली चीजों …

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के. विक्रम सिंह हमारी स्मृतियों में बने रहेंगे

के. विक्रम सिंह साहित्य और सिनेमा के बीच सेतु की तरह थे. ‘उन्होंने ‘तर्पण’ जैसी फिल्म बनाई, ‘जनसत्ता’ और ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में स्तम्भ लिखे. कल उनका निधन हो गया. आज ‘जनसत्ता’ में उनको बहुत आत्मीयता से याद किया है प्रियदर्शन ने. आपके लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ- जानकी पुल. ================================================================= …

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‘किस्सा पौने चार यार’ का दूसरा यार’

मनोहर श्याम जोशी के पहले लिखे जा रहे उपन्यास ‘किस्सा पौने चार यार’ का यह अंश आज दैनिक हिन्दुस्तान ने प्रकाशित किया है. दुर्भाग्य से यह उपन्यास अधूरा रह गया, लेकिन १९६० के दशक में लिखे गए इस उपन्यास में जोशी जी के गद्य का वही अंदाज है. आप भी …

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बेस्टसेलर, युवा लेखन और ज्योति कुमारी का प्रथम कहानी संग्रह

एक अच्छी खबर है कि युवा लेखिका ज्योति कुमारी के पहले कहानी संग्रह ‘दस्तखत और अन्य कहानियाँ‘ की एक हजार प्रतियाँ महज दो महीने के अन्दर बिक गईं. यह युवा लेखकों का उत्साह बढाने वाला है. आज इसको लेकर वाणी प्रकाशन ने इण्डिया इंटरनेश्नल सेंटर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया …

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