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Prabhat Ranjan

यह सिर्फ एक शख्स के जाने का शोक नहीं था

अरुण प्रकाश को याद करते हुए यह कविता हमारे दौर के महत्वपूर्ण कवि प्रियदर्शन ने लिखी है. प्रियदर्शन की यह कविता केवल अरुण प्रकाश को श्रद्धांजलि ही नहीं है दिल्ली के ठंढे पड़ते साहित्यिक माहौल को भी एक तरह से श्रद्धांजलि है. कविता को पढकर मैं तो बहुत देर तक …

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चुपचाप लिखने वाले अमर गोस्वामी चुपचाप चले गए

दुःख होता है. हम लेखक अपने लेखक समाज से कितने बेखबर होते जा रहे हैं. अमर गोस्वामी चले गए, हमारा ध्यान भी नहीं गया. मेरा भी नहीं गया था. सच कहूँ तो मैंने भी उनका अधिक कुछ नहीं पढ़ा था. लेकिन उनको जानता था, उनके बारे में जानता था. पहली …

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वे दुनिया से अपनी दुखती रग छुपाकर रखते थे

अरुण प्रकाश ऐसे लेखक थे जो युवा लेखकों से नियमित संवाद बनाये रखते थे. इसलिए उनके निधन के बाद युवाओं की टिप्पणियां बड़ी संख्या में आई. आज युवा लेखिका सोनाली सिंह ने उनको याद करते हुए लिखा है- जानकी पुल. ======================== मुझे याद है जब अरुण जी से मेरी पहली …

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गैंग्स आफ डिसबैलेन्सपुर वाया मेडिटेशन

अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की पब्लिसिटी रिलीज होने से पहले से ही कुछ ‘चवन्नी छाप’ फिल्म समीक्षकों ने इतनी कर दी थी कि फिल्म से बड़ी उम्मीदें बन गई थीं. बहरहाल, अनुराग असल में मीडिया हाइप के निर्देशक हैं. भाई लोगों का बस चले तो उसे हिंदी …

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हमारी ‘छोटी’ लड़ाई की गरदन पर आपके ‘साथ’ का ज्ञानपीठीय हाथ

युवा लेखक गौरव सोलंकी का यह लेख मूल रूप से ‘जनसत्ता’ में प्रकाशित प्रियदर्शन के लेख की प्रतिक्रिया में लिखा गया था. प्रसंग पुराना है लेकिन समस्या वही है- भारतीय ज्ञानपीठ का मनमानापन. वह लेख प्रस्तुत है गौरव सोलंकी की भूमिका के साथ- जानकी पुल. ======================================================================== मूलत: यह लेख (इसका छोटा …

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संवेदना के दर्पण में नॉयपाल

हाल में ही पेंगुइन बुक्स और यात्रा बुक्स ने हिंदी में प्रसिद्ध लेखक वी.एस.नायपॉल की कई पुस्तकों के अनुवाद प्रकाशित किए हैं. कल के ‘जनसत्ता’ में हिंदी के प्रसिद्ध कवि कमलेश ने नायपॉल की पुस्तक  ‘द मास्क आफ अफ्रीका’ के बहाने नायपॉल पर बहुत सारगर्भित लेख लिखा है. साझा कर रहा …

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छुट्टियाँ तो हैं, लेकिन वे इंतज़ार करते हुए चले गए

अरुण प्रकाश हिंदी में बड़ी लकीर खींचने वाले कथाकार ही नहीं थे, एक बेहतरीन इंसान भी थे. उनको याद करते हुए यह संस्मरण लिखा है हिंदी की पहली कविता पर शोध करने वाली युवा आलोचक सुदीप्ति ने. यह एक ऐसा लेख है जो ना केवल अरुण जी की कहानियों को समझने के कई …

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एक कहानी नहीं पूरा शोध प्रबंध है ‘भैया एक्सप्रेस’

अरुण प्रकाश की बेमिसाल कहानी ‘भैया एक्सप्रेस’ के बहाने हिंदी कहानी में उनके योगदान को याद कर रहे हों सन्मार्ग– जानकी पुल. ======================   अरुण प्रकाश चले गए यूं लगा मानो भैया एक्सप्रैस पंजाब पहुंचने से पहले ही अकस्मात दुघर्टनाग्रस्त हो गया हो। उस पर सवार रामदेव अब कैसे अपने …

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‘पैन इंडियन राइटर’ थे अरुण प्रकाश

अरुण प्रकाश नहीं रहे. लंबी बीमारी के बाद का दोपहर उनका देहांत हो गया. उनको याद कर रहे हैं प्रेमचंद गाँधी– जानकी पुल. ——————————– परंपरा और आधुनिकता के संगम के अपूर्व शिल्‍पी, संवेदना से लबरेज और भारतीय समाज की गहरी जातीय चेतना के विशिष्‍ट चितेरे अरुण प्रकाश का हमारे बीच …

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क्या ब्लॉग-वेबसाईट पर कॉपीराइट का कानून लागू नहीं होता?

नीलाभ का यह लेख कुछ गंभीर सवालों की तरफ हमारा ध्यान दिलाता है. हाल में ही भारत के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय ने लेखकों की रचनाएँ अपनी वेबसाईट पर डालनी शुरु की हैं. नीलाभ ने अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर बताया है कि इस क्रम में पारिश्रमिक की कहीं कोई …

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