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Prabhat Ranjan

नामवर सिंह पर कमलेश्वर का लेख

  यह नामवर सिंह के जन्म का महीना है. आज भी हिंदी की सबसे बड़ी पहचान नामवर सिंह ही हैं. उनके शतायु होने की कामना के साथ यह लेख जो ‘कहानी नई कहानी’ पुस्तक के लेखक नामवर सिंह पर प्रसिद्ध लेखक कमलेश्वर ने लिखा था- जानकी पुल. ———————————————————————————– ज़िंदगी में …

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कला कलाकार की असल पूंजी है

अभिनेता बलराज साहनी हिन्दी सिनेमा की एक महान व अविस्मरणीय शख्सियत रहे हैं। 1 मई 1913 को पैदा हुए अभिनेता के जन्मशताब्दी वर्ष की शुरुआत आज से हो रही है. 1972 में दिल्ली प्रवास दौरान ‘जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय’ ने दीक्षांत सामारोह में उन्हें आमंत्रित किया था … इस अवसर पर बलराज साहनी ने एक …

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देखना होगा कि ऐसे कटघरे कहाँ-कहाँ हैं?

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी के लेख पर पहले कवि-संपादक गिरिराज किराडू ने लिखा. अब उनके पक्ष-विपक्षों को लेकर कवि-कथाकार-सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार पांडे ने यह लेख लिखा है. इनका पक्ष इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि श्री मंगलेश डबराल अपनी ‘चूक’ संबंधी पत्र इनको ही भेजा था और फेसबुक पर …

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संतों घर में झगरा भारी!

कल हमने जनसत्ता संपादक ओम थानवी का लेख ‘आवाजाही के हक में‘ जनसत्ता से साभार लगाया था. फेसबुक और ब्लॉग्स पर गुंटर ग्रास की कविता, विष्णु खरे और मंगलेश डबराल को लेकर चली बहसों के सन्दर्भ में उस लेख में जो सवाल उठाये गए उसने उन बहसों को एक बात फिर बहसतलब …

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आवाजाही के हक में

आज ‘जनसत्ता’ के संपादक ओम थानवी ने ‘अनंतर’ में  इंटरनेट माध्यम पर चली कुछ बहसों के माध्यम से इस माध्यम पर एक विचारपरक लेख लिखा है. आपसे साझा कर रहा हूं- जानकी पुल. ———————————————————————————— इंटरनेट बतरस का एक लोकप्रिय माध्यम बन गया है। घर-परिवार से लेकर दुनिया-जहान के मसलों पर …

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हमारी ज़ोहरा आपा

आज जोहरा सहगल ने अपने जीवन का शतक पूरा कर लिया. उनके जीवन और कला के सफर पर दिलनवाज ने एक नजर डाली है- जानकी पुल. ———————————————- कई सितारों को मैं जानता हूं  कहीं भी जाऊं मेरे साथ चलते हैं.. (शायरी के एक संस्करण से) उत्तरांचल के मुमताज़उल्लाह खान रोहिला पठान परिवार …

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क्या सचमुच लेखक की भूमिका भौंकते हुए कुत्ते सरीखी है?

साहित्यिक पत्रिका ‘तद्भव’ द्वारा लखनऊ में 21 व 22 अप्रैल को सेमिनार का आयोजन हुआ, जिसमें आदरणीय नामवर सिंह और श्री काशीनाथ सिंह के वक्तव्यों को लेकर बड़ा बवाल हुआ. नामवर जी ने कहा कि सत्ता के समक्ष साहित्यकार की हैसियत कांता यानी जोरू जैसी है तथा काशीनाथ जी ने …

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‘कहानी’ में न अंटने वाला कहानीकार उदय प्रकाश

संजीव कुमार हिंदी के गंभीर आलोचकों में गिने जाते हैं. हाल के वर्षों में जिन कुछ आलोचकों को मिलने के कारण देवीशंकर अवस्थी सम्मान की विश्वसनीयता बरकरार है, वे उनमें एक हैं. बहुत खुलेपन के साथ उन्होंने उदय प्रकाश की कहानियों, उनकी कथा-प्रविधि पर लिखा है. उदय प्रकाश को पढ़ने …

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इज़राइल नाम की दीवार के आगे ग्रास

गुंटर ग्रास की कविता और उसके लेकर उठे विवाद पर प्रसिद्ध पत्रकार-कवि-कथाकार प्रियदर्शन का एक सुविचारित लेख- जानकी पुल. नोबेल पुरस्कार प्राप्त लेखक गुंटर ग्रास की एक कविता ‘व्हाट मस्ट बी सेड’ ने इन दिनों जर्मनी से लेकर इज़राइल तक तूफ़ान मचा रखा है। इज़राइल ने तो सीधे-सीधे गुंटर ग्रास …

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कविता विद्रोही और बागी की अनिवार्य संगिनी रही है

युवा पत्रकार-कथाकार आशुतोष भारद्वाज छत्तीसगढ़ के जंगलों का सच लिख रहे हैं. हाल में ही अबूझमाड़ को लेकर इंडियन एक्सप्रेस में उनकी रपट काफी चर्चा में रही. यहां उनकी डायरी के कुछ अंश- जानकी पुल.  ———————————————– मार्च। कोई कथित नक्सली जब गिरफ्तार होता है, जिसके खिलाफ किसी हिंसा में संलग्नता …

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