Home / Prabhat Ranjan (page 281)

Prabhat Ranjan

स्मृति मेरे काव्यशास्त्र से बाहर है

7-8 जनवरी को जयपुर में ‘कविता समय’ का दूसरा आयोजन है, जो संयोग से कवियों और कविता का सबसे बड़ा आयोजन बनता जा रहा है. इस मौके पर हम कुछ कवियों की चुनी हुई कविताएँ प्रस्तुत करेंगे. शुरुआत अपने प्रिय कवि गिरिराज किराडू की कविताओं से कर रहे हैं. गिरिराज …

Read More »

दलित विमर्श आंदोलन नहीं, प्रतिक्रिया मात्र है

लक्ष्मण गायकवाड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध दलित लेखक लक्ष्मण गायकवाड़ का नाम इस समय में प्रतिष्ठा से लिया जाता है। आईए जानते हैं दलित लेखक और दलित लेखन पर उनके विचार। प्रस्तुत है लक्ष्मण गायकवाड़ से युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा की बातचीत का एक हिस्सा : जानकीपुल …

Read More »

यह साल तू जा… और ना आना लौट कर…

यह साल बीत रहा है है लेकिन याद रहेगा. देव आनंद, शम्मी कपूर, श्रीलाल शुक्ल, अदम गोंडवी, भूपेन हजारिका, जगजीत सिंह, सत्यदेव दुबे सहित साहित्य-कला-सिनेमा की कितनी विभूतियों को हमने इस साल खो दिया. बड़ी आत्मीयता और शिद्दत से कुछ विभूतियों को याद करते हुए इस साल का मर्सिया लिखा …

Read More »

लेखक की खामोशी का कोई ठोस मतलब होना चाहिए

पेरू के लेखक मारियो वर्गास योसा इस समय दुनिया के सबसे महान जीवित लेखकों में गिने जाते हैं. उन्होंने पत्र-शैली में उपन्यासों पर एक पुस्तक लिखी थी- ‘the letters to a young novelist’. उसके कुछ अंशों का युवा लेखक श्रीकांत दुबे ने मूल स्पैनिश से से अनुवाद किया है. यहां …

Read More »

समुद्र का जहाँ मिलन होता है चांद में घुली धरती से

नीता गुप्ता यात्रा बुक्स की प्रकाशक ही नहीं हैं बेहद संवेदनशील लेखिका भी हैं. इस यात्रा संस्मरण को ही देखिये. बिना अधिक वर्णनात्मकता के कितनी सहजता से वे हमें अपनी यात्रा में शामिल कर लेती हैं. कुछ यात्राएं मन की भी होती हैं. डोवर से कैले तक की यात्रा भी …

Read More »

काशी को कबीर का संस्कार मिला है

२०११ के साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता काशीनाथ सिंह से आज कवयित्री आभा बोधिसत्व की बातचीत- जानकी पुल. आप को साहित्य आकादमी पुरस्कार मिला है आपके उपन्यास ‘रेहन पर रग्घू’को, लेकिन क्या यह आप की प्रिय रचना भी है? नही मेरी प्रिय रचना तो ‘काशी का अस्सी’ है,ऐसे ‘रेहन पर रग्घू’को …

Read More »

अमावस्या से पूर्णमासी तक

युवा कवि रविकांत को हेमंत स्मृति सम्मान मिला है. रविकांत की कविताएँ हिंदी कविता के बदलते  स्वर से परिचय करवाती है. एक ऐसे मुहावरे से जिसमें आज के मनुष्य की आवाज़ सुनाई देती है. उनको बधाई के साथ प्रस्तुत हैं उनकी कुछ चुनी हुई कविताएँ- जानकी पुल.  1. बयान इसमें …

Read More »

कहानी सुनने सुनाने की चीज है पढऩे और पढ़ाने की नही

कल काशीनाथ सिंहको ‘रेहन पर रग्घू’ उपन्यास पर साहित्य अकादेमीपुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई. उनको जानकी पुल की ओर से बहुत बधाई. इस मौके पर पेश है उनसे एक बातचीत. हम युवा आलोचक पल्लव के आभारी हैं कि उन्होंने तत्परता से यह बातचीत हमें उपलब्ध करवाई. रामकली सर्राफ : …

Read More »

उन दिनों बेखौफ चलने की आदत थी

आज वर्तिका नंदा की कविताएँ. वर्तिका नंदा हिंदी टेलीविजन पत्रकारिता का जाना-माना नाम है, लेकिन वह एक संवेदनशील कवयित्री भी हैं. स्त्री-मन उनकी कविताओं में कभी सवाल की तरह प्रकट होता है, कभी उनमें अनुभव के बीहड़ प्रकट होते हैं. उनका अपना मुहावरा है, अपनी आवाज़- जानकी पुल.  कुछ जिंदगियां …

Read More »

मैं उसकी था पसंद तो क्यों छोड़ के गया

कल ‘समन्वय’ में उर्दू-शायर शीन काफ निजाम ने समां बंध दिया. उनको सुनना बहुत जीवंत अनुभव रहा. शायरी पर उन्होंने काफी विचारोत्तेजक बातें भी कीं. उनकी कुछ चुनिंदा ग़ज़लें हम पेश कर रहे हैं- जानकी पुल. १. आँखों में रात ख्वाब का खंज़र उतर गया यानी सहर से पहले चिरागे-सहर …

Read More »