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Prabhat Ranjan

कोई निंदौ कोई बिंदौ: माधव हाड़ा

मीरांबाई के जीवन और तत्कालीन समाज पर माधव हाड़ा की किताब पचरंग चोला पहर सखी री का दूसरा संस्करण आया है। इस किताब का पहले अंग्रेज़ी में अनुवाद भी हो चुका है। यह किताब निस्संदेह मीरांबाई को समझने की एक नई दृष्टि देती है। बहरहाल, वाणी प्रकाशन से प्रकाशित किताब …

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अजय नावरिया की कहानी ‘यस सर’

आज पढ़िए हिन्दी के जाने माने लेखक अजय नावरिया की कहानी ‘यस सर’। अभी इस कहानी पर एक शॉर्ट फिल्म भी बनी। एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में इस फिल्म को शामिल किया गया। एक सम्मान भी मिला। आप कहानी पढ़िए- ========================           ‘तिवारी, पानी …

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टिकुली डोगरा की कविताएँ हिन्दी अनुवाद में

पढ़िए टिकुली डोगरा की कविताएँ। टिकुली मूलतः अंग्रेज़ी की कवि और कथाकार हैं। उनकी कई रचनाएँ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशित हुई हैं।  अंग्रेज़ी में उनके तीन कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं तथा लेखन के लिए उन्हें कई सम्मान भी प्राप्त हुए हैं। टिकुली एक चित्रकार, …

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होगा कोई ऐसा जो ग़ालिब को न जाने

आज ग़ालिब को याद करने का दिन है। युवा शोधार्थी अनु रंजनी अपने विद्यार्थी दिनों से जोड़कर ग़ालिब को याद किया है। आप भी पढ़ सकते हैं- ==============================           ‘ग़ालिब आप को क्यों पसंद हैं?’ यह सवाल जब बीए में पूछा गया था तब दिमाग़ नंबर ज़्यादा कैसे आएगा इस …

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छोटे-छोटे प्रसंगों की बड़ी कविताएँ

देवेश पथ सारिया को उनके कविता संग्रह ‘नूह की नाव’ के लिए युवा कविता का प्रतिष्ठित भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार दिया गया है। आइये इस कविता संग्रह की समीक्षा पढ़ते हैं। लिखी है महेश कुमार ने जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शोध छात्र हैं- ================ देवेश पथ सारिया हिंदी के युवा …

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संजीव के उपन्यास ‘जंगल जहाँ शुरू होता है’ पर यतीश कुमार की काव्यात्मक टिप्पणी

यतीश कुमार ने काव्यात्मक समीक्षा की अपनी विशिष्ट शैली विकसित की। उसी शैली में उन्होंने संजीव के उपन्यास ‘जंगल जहाँ शुरू होता है’ पर यह ख़ास टिप्पणी लिखी है। आप भी पढ़िए- ==================== 1. संवलाया-सा समय खिलती हुई शाम अन्हरिया में फुदकता मन सपनों को छूने के न जाने कितने …

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स्त्री-पुरुष के अन्तःमन की पड़ताल : स्त्री मेरे भीतर

पवन करण के कविता संग्रह ‘स्त्री मेरे भीतर’ पर यह सुविचारित टिप्पणी लिखी है युवा लेखिका अनु रंजनी ने। आप भी पढ़ सकते हैं- =======================          जब हम स्त्री-गुण या पौरुष-गुण की बात करते हैं तो हम कहीं न कहीं समाज द्वारा निर्मित मापदंडों को ही सच मान रहे होते …

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मानसिक स्वास्थ्य और आधुनिक जीवन

मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। अच्छी बात यह है कि किशोरों में भी इस बात की समझ बढ़ रही है। यह लेख लिखा है नानकमत्ता पब्लिक स्कूल उत्तराखण्ड की विद्यार्थी साक्षी भंडारी ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ============================ हमारी तेज़-तर्रार, उच्च तनाव वाली दुनिया में, मानसिक …

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राजकुमारी की कहानी ‘सरनेम’

आज पढ़िए युवा लेखिका राजकुमारी की कहानी कहानी ‘सरनेम’। राजकुमारी दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में पढ़ाती हैं। उनका एक उपन्यास भी प्रकाशित हो चुका है। आप यह कहानी पढ़िए- ======================== कमरे में सामने की दीवार पर एक बड़े फ़्रेम में ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर टंगी थी, जिसमें एक औरत फूल …

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पूर्वांशी की आठ कविताएँ

आज पढ़िए पूर्वांशी  की कुछ कविताएँ। पूर्वांशी दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में प्रथम वर्ष की विद्यार्थी हैं और देखिए कितनी अच्छी कविताएँ लिखती हैं। इससे पहले इनकी कविताएँ ‘सदानीरा’ पर प्रकाशित भी हो चुकी हैं- ========================   1 घर इसे भरना था जब तो क्यों ख़ाली पड़ गया है …

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