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Prabhat Ranjan

कविता शुक्रवार 18: उमा झुनझनवाला की कविताएँ सुमन सिंह के चित्र

‘कविता शुक्रवार’ के इस अंक में प्रस्तुत हैं रंगकर्मी और कवयित्री उमा झुनझुनवाला की कविताएं और वरिष्ठ चित्रकार सुमन सिंह के नए रेखांकन। उमा झुनझुनवाला का जन्म 20 अगस्त 1968 में कलकत्ता में हुआ था। हिन्दी से एम.ए करने के बाद इन्होंने बीएड किया क्योंकि इनका मानना है, “स्कूल का …

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बड़े विजन की कहानियाँ

वास्को डी गामा की साइकिल– युवा लेखक प्रवीण कुमार का नया कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ है। राजपाल एंड संज से प्रकाशित इस कहानी संग्रह की विस्तृत समीक्षा की है राहुल द्विवेदी ने। आप भी पढ़ सकते हैं। आज से यह कहानी संग्रह बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा- ================== श्लाघ्य: स …

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उसने मुझे मजनू की तरह चाहा और लैला बना दिया

वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया की किताब ‘रवि कथा’ आई है। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब की अपने अन्दाज़ में काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- अन्दाज़-ए-बयॉं उर्फ रवि कथा – ममता कालिया   यह सुखद संयोग है कि “ग़ालिब छुटी शराब” कुछ महीने पहले ही पढ़ी मैंने। सारे …

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प्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘गीता बाली तेरी याद में’

प्रमोद द्विवेदी पत्रकार रहे हैं। जनसत्ता अख़बार में फ़ीचर संपादक। कहानियाँ कम लिखते हैं लेकिन अपने ग़ज़ब की पठनीय कहानियाँ लिखते हैं। उनके किरदार याद रह जाते हैं। यह कहानी पढ़िए- ================== जनवरी की सर्दी में सुबह-सुबह पांच बजे घमंडी यादव का घबराया हुआ फोन आया, ‘गुरु गीता बाली के …

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गांधीजी गेहूं की खेत की तरह हैं तो टैगोर गुलाब बाग की तरह

संजय कृष्ण पेशे से पत्रकार हैं और चित्त से शोधार्थी। उन्होंने कई दुर्लभ किताबों की खोज की है और उनका प्रकाशन भी करवाया है। उनका यह लेख चरखे को लेकर गांधी-टैगोर बहस के बहाने कई बड़े मुद्दों को लेकर है- ======================= सन् 1915 से लेकर 1947 तक के कालखंड को …

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टीआरपी के बलवे में जिम्मेदार पत्रकारिता की हत्या

इस लेख के लेखक अजय बोकिल नईदुनिया सहित कई प्रमुख समाचार पत्रों में जुड़े रहे हैं। उनका एक कहानी संग्रह ‘पास पड़ोस’ के अलावा शोध ग्रन्थ ‘श्री अरविंद की संचार अवधारणा’ प्रकाशित हैं। फिलहाल वे ‘सुबह सबेरे’ (भोपाल) के वरिष्ठ संपादक हैं- ============== एक संदिग्ध मौत कितने चेहरे बेनकाब कर …

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अंधेरे देश, कंजे राजा और गंजे महामंत्री कथा: मृणाल पाण्डे

बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथायें सीरिज़ की यह 18वीं कथा है। प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे लोक कथाओं के पिटारे से ऐसी कथाएँ निकाल रही हैं जिनसे हमें अपना समकाल बेहतर समझ में आने लगता है। लेखिका को इसकी मूल लोक कथा तमिल से कवि ए के रामानुजन द्वारा …

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कविता शुक्रवार 17:जोशना बैनर्जी आडवानी की कविताएँ रवींद्र व्यास के चित्र

कविता शुक्रवार के इस अंक में जोशना बैनर्जी आडवानी की कविताएं और रवींद्र व्यास के चित्र शामिल हैं। जोशना बैनर्जी आडवानी का जन्म 31 दिसंबर, 1983 में आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। आगरा में ही शिक्षा पूरी की। सेंट कॉनरेड्स इंटर कॉलेज से स्कूलिंग की। ग्रैजुएशन, पोस्ट ग्रैजुएशन, बी.एड, …

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आप ‘वेबिनार कल्चर’ से बचे रहें, यही काफी है!

अजय बोकिल भोपाल में रहते हैं, संपादक हैं। उनका यह छोटा सा लेख पढ़िए- ================          हालत कुछ ऐसी ही है, आप ‘कोरोना’ से बच सकते हैं, लेकिन वेबीनार से नहीं। एक से पल्ला छुड़ाएंगे तो दूसरा जकड़ लेगा और चाहे-अनचाहे आपके वाॅ्टस एप पर लिंक डाल …

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  श्रीमती हेमन्त कुमारी देवी: उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध का स्त्री पक्ष

क्या उन्नीसवीं सदी को लेकर हिंदी साहित्य का जो विमर्श है वह इतना अधिक भारतेंदु हरिश्चन्द्र केंद्रित है कि अनेक लेखकों की उपेक्षा हुई? ख़ासकर लेखिकाओं की? युवा अध्येता सुरेश कुमार के इस शोधपरक लेख में पढ़िए- =====================  हिन्दी साहित्य में विमर्श के बिंदु भारतेन्दु की आभा के इर्द गिर्द …

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