लगभग बीस वर्ष पहले इंदौर के निकट नर्मदा किनारे बसे ग्राम पथराड में एक कला शिविर हुआ था। यह इस मायने में नवाचार लिए था कि इसके सूत्रधार युवा शिल्पी-चित्रकार सीरज सक्सेना चाहते थे कि नर्मदा में चलने वाली नावों के पाल पर चित्र बनाए जाएं। वरिष्ठ चित्रकार अखिलेश ने …
Read More »चतुर मूर्ख और बेवकूफ राजा की कथा: मृणाल पाण्डे
बच्चों को न सुनाने लायक बालकथा-10 में इस बार पढ़िए प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे की लेखनी से निकला एक नई कथा। यह कथा गढ़वाली लोककथा पर आधारित है। लेकिन आज भी समकालीन लगने वाला रोचक और प्रासंगिक- ============================= हे गोल्ल देवता पहले तेरा सिमरन। दरिद्रता हर, दु:खों का अंत कर, …
Read More »अमृतलाल नागर का पत्र मनोहर श्याम जोशी के नाम
आज मनोहर श्याम जोशी की जन्मतिथि है। आज एक दुर्लभ पत्र पढ़िए। जो मनोहर श्याम जोशी को उनके गुरु अमृतलाल नागर ने लिखा था। अमृतलाल नागर को वे अपना गुरु मानते थे। पत्र का प्रसंग यह है कि 47 साल की उम्र में शिष्य मनोहर श्याम जोशी का पहला उपन्यास …
Read More »शैलेंद्र शर्मा की कहानी ‘पश्चिम में उगते पलाश’
शैलेन्द्र शर्मा पेशे से चिकित्सक हैं। एक जमाने में सारिका, धर्मयुग आदि प्रमुख पत्रिकाओं में इनकी कहानियाँ प्रकाशित हुई। एक जमाने बाद उन्होंने फिर से कहानी की दुनिया में वापसी की है। यह उनकी एक नई कहानी है- ===================== इस नमक की याद में एक दिन मैं बहुत रोया मेरे …
Read More »कविता शुक्रवार 8: रश्मि भारद्वाज की कविताएँ: वाजदा खान के चित्र
कविता शुक्रवार के अंक 8 में शामिल हैं रश्मि भारद्वाज की नई कविताएं और कवि-चित्रकार वाजदा खान के चित्र।स्त्री-पर्व सीरिज़ की पहली प्रस्तुति। रश्मि भारद्वाज का जन्म मुज़फ़्फ़रपुर बिहार में हुआ और आरंभिक शिक्षा भी बिहार में ही हुई। स्नातक करने के बाद वह पत्रकारिता का अध्ययन करने दिल्ली आयीं। …
Read More »त्रिलोकनाथ पांडेय के उपन्यास ‘चाणक्य के जासूस’ का एक अंश
लेखक त्रिलोकनाथ पांडेय का नया उपन्यास ‘चाणक्य के जासूस’ जासूसी की कला को लेकर लिखा गया एक रोचक उपन्यास है। कथा मगध साम्राज्य के के उस काल की है जब घननंद की शक्तिशाली सत्ता को चाणक्य और चंद्रगुप्त ने बिना किसी रक्तपात के पलट दिया था। आप एक अंश पढ़िए। …
Read More »बारिशगर स्त्री के ख्वाबों , खयालों, उम्मीदों और उपलब्धियों की दास्तां है!
प्रत्यक्षा के उपन्यास ‘बारिशगर’ में किसी पहाड़ी क़स्बे सी शांति है तो पहाड़ी जैसी बेचैनी भी। इस उपन्यास की विस्तृत समीक्षा की है राजीव कुमार ने- =================== प्रत्यक्षा का उपन्यास “बारिशगर” वैयक्तिक संबंधों के उलझे हुए अनुभव जगत का आख्यान है। विभिन्न कथा युक्तियों द्वारा उपन्यास की कहानी में ऐसे …
Read More »प्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘कामरेड श्रीमान समस्या प्रधान’
प्रमोद द्विवेदी जनसत्ता के फ़ीचर एडिटर रह चुके हैं। संगीत के रसिया हैं और व्यंग्य भाषा में कहानियाँ लिखने में उनका कोई सानी नहीं। यह उनकी नई कहानी पढ़िए- ===================== कामरेड का यह अद्भुत और जिज्ञासापूर्ण नाम दरअसल युवा पत्रकार चंद्रकेश सिन्हा की कथाकार-कवयित्री पत्नी रागिनी सिन्हा तापसे ने रखा …
Read More »प्रीति प्रकाश की कहानी ‘पिपराहा बाबा की जय’
इस बार हंस कथा सम्मान दो लेखकों को संयुक्त रूप से दिया गया है, जिनमें एक प्रीति प्रकाश हैं। प्रीति प्रकाश तेजपुर विश्वविद्यालय की शोधार्थी हैं और जानकी पुल पर पहले भी लिखती रही हैं। जानकी पुल की तरफ़ से उनको बधाई और आप उनकी नई कहानी पढ़िए- ======================= इस …
Read More »मृणाल पाण्डे की कथा ‘राजा की खोपड़ी उर्फ अग्रे किं किं भविष्यति?’
प्रसिद्ध लेखिका, संपादक मृणाल पाण्डे आजकल प्रत्येक सप्ताह एक बोध कथा लिख रही हैं जो बच्चों को न सुनाने लायक़ हैं। यह आठवीं कड़ी है। इन पारम्परिक बोधकथाओं को पढ़ते हुए समकालीन समाज की विडंबनाओं का तीखा बोध होता है। जैसे यह कहानी देखिए इनमें किस भविष्य की आहट है- …
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