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Prabhat Ranjan

स्कूल में पढ़ने वाले छात्र की निगाह में महात्मा गांधी

महात्मा गांधी को बच्चों की निगाहों से समझने की भी ज़रूरत है। उनके विचारों, आदर्शों को आगे लेकर वही जाएँगे। आज गांधी जयंती पर पढ़िए उधम सिंह नगर के नानकमत्ता पब्लिक स्कूल में 11 वीं कक्षा के विद्यार्थी वंश मित्तल का यह लेख- ============================== “अहिंसा का मार्ग चुनो, क्योंकि यह …

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स्त्री-जीवन के विभिन्न आयाम: अमृता प्रीतम की कहानियाँ

        राजपाल एंड संज प्रकाशन से प्रकाशित ‘मेरी प्रिय कहानियाँ’ सीरिज़ के अंतर्गत प्रकाशित अमृता प्रीतम की कहानियों पर युवा लेखिका अनु रंजनी ने बहुत विस्तार से लिखा है। यह लेख मुझे इसलिए महत्वपूर्ण लगा क्योंकि अनु रंजनी उस पीढ़ी की लेखिका हैं जिन्होंने अमृता प्रीतम की …

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माधुरी की कहानी ‘और गाय मर गई’

राजस्थान के उदयपुर में स्त्रियों के लिए रमा मेहता राइटिंग ग्रांट की शुरुआत हुई जो अब एक प्रतिष्ठित और विश्वसनीय संस्था बन चुकी है। 2023 में यह ग्रांट युवा लेखिका माधुरी को दिया गया। इस बार उनको यह पुरस्कार जाने माने लेखक विक्रम सेठ के हाथों प्रदान किया गया। लेखिका …

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संगीता गुन्देचा की कविताएँ

आज पढ़िए संगीता गुन्देचा की कविताएँ। संगीता संस्कृतज्ञ हैं और उनकी कविताओं में शास्त्रीय कविताओं की गूंज सुनाई देती है। ये कविताएँ उनके कविता संग्रह ‘पडिक्कमा‘ से ली गई हैं। यह संग्रह वाणी प्रकाशन से प्रकाशित है — ========================   जाड़े के दिनों में जाड़े के दिनों में पहाड़ पर …

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मेरे पापा और मैं: शालीन राकेश

प्रसिद्ध नाट्य समीक्षक जयदेव तनेजा की किताब आई है ‘मोहन राकेश: अधूरे रिश्तों की पूरी दास्तान’। इस किताब में उनके जीवन से जुड़े प्रसंग हैं और उन प्रसंगों के बीच उनकी मुकम्मल छवि देखने की कोशिश है। लेकिन इस किताब में सबसे विशेष मुझे लगा मोहन राकेश के पुत्र शालीन …

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‘धरती आबा’ भगवान बिरसा के गाँव उलिहातू से

बिरसा मुंडा के गाँव से लौटकर यह प्रसिद्ध लेखक विकास कुमार झा ने लिखा है। आप भी पढ़िए और महसूस कीजिए- ======================== ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा के गाँव उलिहातू से आज ही लौटा हूं।झारखंड के खूंटी जिलान्तर्गत अड़की प्रखंड का यह बदनसीब गाँव पीने के पानी के लिए दशकों से …

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‘हिन्दी को नहीं, फ़र्क़ हमें पड़ता है’

कल दिनांक 12 सितम्बर को इंडिया हैबिटेट सेंटर में ‘सभा’ का आयोजन हुआ जिसमें ‘हिंदी को फ़र्क़ पड़ता है’ विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया। ‘सभा’ राजकमल प्रकाशन समूह और इंडिया हैबिटेट सेंटर की साझा पहल के तहत विचार-बैठकी की मासिक शृंखला है। इसके तहत हर महीने साहित्य, संस्कृति, …

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केशव भारद्वाज की कहानी ‘रेडलाइट’

आज पढ़िए केशव भारद्वाज की कहानी- रेडलाईट। केशव भारद्वाज डिप्लोमेटिक सिक्योरिटी फ़ोर्स में अधिकारी हैं। लम्बे समय तक अलग अलग देशों में रहे हैं। उनकी कहानियों में उन अनुभवों की छाप दिखाई देती है। लेकिन दिलचस्प है- =============== उस दिन बूँदाबाँदी दोपहर से ही हो रहा था। मेरे गांव में …

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मुझे लघु पत्रिकाएं और लेखक संगठन जरूरी लगते हैं- पल्लव

आज लघु पत्रिका दिवस है। लघु पत्रिका से ‘बनास जन’ की याद आती है। ‘बनास जन’ से पल्लव की याद आती है। युवा आलोचक पल्लव ने अपने कुशल संपादन और जुनून से ‘बनास जन’ को श्रेष्ठ लघु पत्रिकाओं में एक बना दिया है। पल्लव से उनकी साहित्यिक यात्रा, बनास जन …

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अनुपम त्रिपाठी की तीन कविताएँ

आज पढ़िए युवा कवि अनुपम त्रिपाठी की कविताएँ। बहुत साधारण प्रसंगों में गहरे संकेत छोड़ने वाली इन कविताओं को पढ़िए। एक अलग तरह की आत्मीयता दिखाई देगी- ========== 1 लकड़ी के तिपहिए को डगराने से पहले की स्मृति में जो हाथ याद आता है मिट्टी की जमीन पर पड़ी हथेलियां …

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