Home / Neelima

Neelima

‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’ और होली का त्यौहार

पिछले दिनों वाणी प्रकाशन से एक किताब आई ‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’. नीलिमा चौहान की इस किताब ने जैसे हिंदी साहित्य की तथाकथित मर्यादा की परम्परा से होली ही खेल दी, स्त्रीवादी लेखन को उसकी सर्वोच्च ऊंचाई पर ले जाने वाली इस किताब में दो प्रसंग होली से भी जुड़े …

Read More »

बीवी हूं जी, हॉर्नी हसीना नहीं

  सुपरिचित लेखिका नीलिमा चौहान आजकल ‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’ लिख रही हैं. एक नए तरह का गद्य, देखने का अलग नजरिया. आज अगली क़िस्त पढ़िए- मॉडरेटर  ====================================================   बीवी हूँ जी, हॉर्नी हसीना नहीं हम लाचार बीवियों के लिए रसोई से बिस्तर तक का सफर बहुत लम्बा होता है । …

Read More »

पतनशील पत्नियों के नोट्स

नीलिमा चौहान ने हाल के वर्षों में स्त्री-अधिकारों, स्त्री शक्ति से जुड़े विषयों को लेकर बहुत मुखर होकर लिखा है और अपनी एक बड़ी पहचान बनाई है. उनके लेखन में किसी तरह का ढोंग नहीं दिखता बल्कि एक तरह की गहरी व्यंग्यात्मकता है जो हम लोगों को बहुत प्रभावित करती …

Read More »

क्या शादी प्रेम की ट्रॉफी होती है?

आज विश्व पुस्तक मेला का अंतिम दिन है. इस बार बड़ी अजीब बात है कि हिंदी का बाजार बढ़ रहा है दूसरी तरफ बड़ी अजीब बात यह लगी कि इस बार किताबों को लेकर प्रयोग कम देखने में मिले. प्रयोग होते रहने चाहिए इससे भाषा का विस्तार होता है. लेकिन …

Read More »

मुस्कुराइए कि आपके आ गए दिन अच्छे

नीलिमा चौहान को हम सब भाषा आन्दोलन की एक मुखर आवाज के रूप में जानते-पहचानते रहे हैं. लेकिन उनके अंदर एक संवेदनशील कवि-मन भी है इस बात को हम कम जानते हैं. उनकी चार कविताएँ आज हम सब के लिए- मॉडरेटर  =========================== स्माइल  अंडर  सर्विलेंस मुस्कुराइए कि आप अंडर सर्विलेंस …

Read More »