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pratishtha singh

काश ऐसा समाज होता जहाँ न ख़रीदार होते न लड़कियां बिकाऊ

प्रतिष्ठा सिंह इटैलियन भाषा पढ़ाती हैं लेकिन अपने समाज से गहरा जुड़ाव रखती हैं. बिहार की महिला मतदाताओं के बीच कम करके उन्होंने ‘वोटर माता की जय’ किताब लिखी जो अपने ढंग की अनूठी किताब है. उनका यह लेख भारत-नेपाल सीमा पर होने वाले स्त्रियों के खरीद फरोख्त का पर …

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प्रशांत किशोर “लीजेंड” बनते बनते रह गए या बन ही गए?

कल से कांग्रेस की शर्मनाक हार और रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर स्टेटस लिखे जा रहे हैं, चुटकुले बनाए जा रहे हैं. कल वे ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे थे. प्रतिष्ठा सिंह ने अपनी किताब ‘वोटर माता की जय’ में पीके के बारे में भी लिखा था. पीके ने जब …

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और ‘वोटर माता की जय’

हिंदी का दुर्भाग्य है कि स्त्री लेखन के नाम पर महज कविता-कहानियों की चर्चा होती है. किसी नए विषय पर कोई लेखिका कुछ काम करती है तो क्या उसको स्त्री लेखन नहीं माना जाना चाहिए? इटैलियन भाषा की प्राध्यापिका प्रतिष्ठा सिंह की किताब ‘वोटर माता की जय’ की तरफ आज …

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नीलगाय इज़ नॉट ए कूल टॉपिक!

ट्रेन से बिहार जाने की मेरी यादों में यह भी है कि ट्रेन जब सुबह के समय यूपी बिहार की सीमा के आसपास होती थी तो खेतों में नीलगायें दिखाई देती थीं. पिछले कई दशकों में मैंने खेतों में उन नीलगायों का कम होते जाना देखा है. प्रतिष्ठा सिंह ने …

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