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Tripurari

Poet, lyricist & writer

युवा शायर #7 अज़ीज़ नबील की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है अज़ीज़ नबील की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ग़ज़ल-1 ख़ामुशी टूटेगी, आवाज़ का पत्थर भी तो हो जिस क़दर शोर है अन्दर, कभी बाहर भी तो हो मुस्कुराना किसे अच्छा नहीं लगता या-रब मुस्कुराने का कोई लम्हा मयस्सर भी तो हो बुझ चुके रास्ते, सन्नाटा …

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रमा भारती की कविताएँ

  हिंदी में किसी भी विषय पर कविता-सीरीज लिखने की परम्परा रही है। ‘चिनार’ रमा भारती के कविता संग्रह का नाम है। आइए आज इसी सीरीज की कुछ कविताएँ पढ़ते हैं। चिनार बहाने ज़िंदगी के कई पहलुओं पर बात करती हैं ये कविताएँ अपने में एक विशेष अर्थ रखती हैं …

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मुक्ति-भवन – मोक्ष का वेटिंग रूम

कुछ फ़िल्में ऐसी होती है जो लीक से हटकर होती हैं। जिसे कुछ ख़ास तरह के लोग पसंद करते हैं। ऐसी ही फ़िल्म है मुक्ति भवन। फ़िल्म के बारे में युवा लेखक नागेश्वर पांचाल ने लिखा है। आप भी पढ़िए – सम्पादक ======================================================== गुस्ताव फ्लौबेर्ट कहते है “देयर इज नो …

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युवा शायर #6 विपुल कुमार की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है विपुल कुमार की ग़ज़लें – त्रिपुरारि  ================================================== ग़ज़ल–1 जल्द आएँ जिन्हें सीने से लगाना है मुझे फिर बदन और कहीं काम में लाना है मुझे इश्क़ पाँव से लिपटता है तो रुक जाता हूँ वर्ना तुम हो तो तुम्हें छोड़ के जाना है …

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माइक इवरेट्ट की कविताएँ

माइक इवरेट्ट अमेरिकी आंचलिक उपन्यासकार हैं। लेख, कविता और कहानी भी लिखती हैं। माइक का एक परिचय यह भी है कि इनके लिखे एक कथन (जो कि एक लेख का हिस्सा है) को इंटरनेट पर दस लाख से ज़्यादा दफ़े कोट किया जा चुका है। वो कथन है, “When a writer falls …

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युवा शायर #5 अज़हर इक़बाल की ग़ज़लें

अच्छी शायरी करना एक बात है और अच्छा इंसान होना दूसरी बात। अज़हर इक़बाल, जितनी अच्छी शायरी करते हैं उतने ही बेहतर इंसान भी हैं। उनसे मिलते हुए यूँ महसूस होता है, जैसे कभी बिछड़े ही न थे। बात करते हुए लगता है कि गुफ़्तगू कभी ख़त्म न हो। ऐसा …

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युवा शायर #4 नकुल गौतम की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है नकुल गौतम की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ग़ज़ल-1 अब मेरे दिल में नहीं है घर तेरा ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा हाँ! ये माना है मुनासिब डर तेरा आदतन नाम आ गया लब पर तेरा भूल तो जाऊँ तुझे पर क्या करूँ उँगलियों …

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उर्दू ज़बान के बनने की कहानी #1

इन दिनों उर्दू के जानने-चाहने वालों के बीच उर्दू ज़बान के बनने को लेकर चर्चा गर्म है। ऐसा नहीं है कि ये चर्चा पहली दफ़ा शुरू हुआ है। (उर्दू में चर्चा (पु.) होता है, जबकि हिंदी में चर्चा (स्त्री.) होती है) गाहे-बगाहे ये चर्चा शुरू होकर ख़त्म हो जाता है। …

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युवा शायर #3 आलोक मिश्रा की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है आलोक मिश्रा की ग़ज़लें – त्रिपुरारि 1- लबालब दुःख से था क़िस्सा हमारा मगर छलका नहीं दरिया हमारा असर उस पर तो कब होना था लेकिन तमाशा बन गया रोना हमारा मगर आने से पहले सोच लो तुम बहुत वीरान है रस्ता हमारा …

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युवा शायर #2 पूजा भाटिया की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में, आज पेश है पूजा भाटिया की ग़ज़लें – त्रिपुरारि 1. यूँ ही चलते रहने से भी क्या होगा अपना कहने को बस इक रस्ता होगा सहरा, जंगल, दश्त न वीराना कोई दीवाने का घर जाने कैसा होगा तुम भी दरिया को दरिया बन कर देखो तुम …

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