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कथा-कहानी

तसनीम खान की कहानी ‘भूख—मारी की नगरी में दीवाली’

युवा लेखिका तसनीम खान को कहानियों के लिए अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं, कई प्रमुख लिट्रेचर फ़ेस्टिवल में शिरकत कर चुकी हैं। समाज के हाशिए के लोगों के जीवन को वह अपनी कहानी में बारीकी से उभारती हैं। जैसे कि यह कहानी- मॉडरेटर ================================== उस दिन शहर खूब रोशन था, …

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निकोलाय गोगोल की कहानी ‘नाक’

19 वीं शताब्दी के प्रसिद्ध लेखक निकोलाय गोगोल की कहानी ‘नाक’ पढ़िए। मूल रूसी भाषा से अनुवाद किया है आ. चारुमति रामदास जी ने- मॉडरेटर ================= 25 मार्च को पीटर्सबुर्ग मे एक बड़ी अद्भुत घटना घटी. नाई इवान याकव्लेविच, जो वज़्नेसेन्स्की मोहल्ले में रहता था, उस दिन बड़ी सुबह जाग …

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मनोज कुमार पांडेय की कहानी “बिना ‘काम’ के जीवन”

मनोज कुमार पांडेय समकालीन कथाकारों में अपने राजनीतिक स्वर के कारण अलग से पहचाने जाते हैं। उनका कहानी संग्रह ‘बदलता हुआ देश’ राजकमल प्रकाशन से इसी साल प्रकाशित हुआ है। उसी संग्रह से एक कहानी पढ़िए- मॉडरेटर ==================================== स्वर्णदेश के लोगों को ‘काम’ के बारे में बात करना बिलकुल भी …

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तरुण भटनागर के उपन्यास ‘बेदावा’ का एक अंश

तरुण भटनागर के लेखन से हम सब अच्छी तरह परिचित रहे हैं। यह उनके नए उपन्यास ‘बेदावा’ का अंश है। यह उपन्यास उनके अपने लेखन में भी एक भिन्न प्रकृति का उपन्यास है। राजकमल से प्रकाशित इस उपन्यास का आप अंश पढ़िए- मॉडरेटर =============================  ख़ामोशियों की बेहयाई तो इश्क़ की …

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उषाकिरण खान की कहानी ‘नये समय पर’

हिंदी-मैथिली की वरिष्ठ लेखिका उषाकिरण खान की नई कहानी पढ़िए। समकालीन संदर्भों में इस कहानी का कुछ मतलब समझ में आएगा- ========            यहीं वह स्थान है जहाँ पुष्पा ने जन्म लिया था, यहीं इसकी पहली किलकारी गूँजी थी। यहीं अपनी माँ की तीसरी बेटी बन उपेक्षा दंश भी झेला था। …

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लॉकडाउन और अज्ञेय की कहानी ‘गैंग्रीन’

आजकल मुझे अज्ञेय की कहानी ‘गैंग्रीन’ कहानी का ध्यान आता है, जो रोज़ के नाम से भी प्रकाशित हुई है। इस कहानी को स्त्री-विमर्श के संदर्भ में पढ़ा जाता रहा है लेकिन आजकल मुझे यह कहानी दिन के ख़ालीपन, उजाड़ की कहानी लगने लगी है। आज अचानक याद आई यह …

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त्रिपुरारि की कहानी ‘जिगोलो’

कुछ माह पहले युवा लेखक त्रिपुरारि का कहानी संग्रह आया है ‘नॉर्थ कैम्पस’। त्रिपुरारि की शायरी की तरह उनकी कहानियों में भी युवा जीवन की संवेदनाएँ हैं। वह आज के लेखक हैं। आज के युवा किस तरह सोचते हैं, उनकी लाइफ़ स्टाइल क्या है, उनकी कहानियों को पढ़ते हुए समझा …

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अनघ शर्मा की कहानी ‘हिज्र के दोनों ओर खड़ा है एक पेड़ हरा’

युवा लेखक अनघ शर्मा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उनका कहानी संग्रह ‘धूप की मुँडेर’ राजकमल से प्रकाशित हुआ है और उसकी अच्छी चर्चा हुई है। यह उनकी नई कहानी है- ===== 1 जाने किन अनदेखे, अदृश्य बंजारों के रेवड़ धूल उड़ाते हुए उसके सामने से ऐसे गुज़रे कि …

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अनुपम ओझा की कहानी ‘बाँस का पुल’

अनुपम ओझा ने हिंदी सिनेमा पर शोध किया है, फ़िल्मी दुनिया से जुड़े रहे हैं। मूलतः बनारसी हैं। या उनकी कहानी है इसमें भी बनारस को पहचानिए- ===================== बाबतपुर हवाई अड्डे से सारनाथ तक दिमाग में एक ही घंटी बजती रही… आदिकेशव! सबसे पहले आदिकेशव घाट जाना है। गेस्ट हाउस …

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फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘पहलवान की ढोलक’

कल रात प्रधानमंत्री जी ने रविवार की रात थाली-ताली बजाने का आह्वान किया। कुछ समझ पाता कि सुबह देखा सत्यानंद निरुपम ने फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘पहलवान की ढोलक’ की याद दिलाई थी। महामारी की आशंका और घर से काम करने के बीच इस कहानी का आनंद लें, इसके लक्ष्यार्थ, व्यंग्यार्थ …

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