Home / कथा-कहानी (page 29)

कथा-कहानी

कुछ इज़रायली कविताएँ प्रभात रंजन के अनुवाद में

इजरायल के कुछ कवियों की कविताओं के मैंने अनुवाद किये थे. आज उनमें से कुछ ‘दैनिक हिंदुस्तान’ में प्रकाशित हुए हैं. उनमें से दो प्रसिद्ध हैं येहूदा अमीखाई और हिब्रू भाषा की महान कवयित्री दहलिया रविकोविच की कविताएं यहाँ प्रस्तुत हैं- प्रभात रंजन ============================ येहूदा अमीखाई की कविताएं   जर्मनी …

Read More »

हृषीकेश सुलभ की कहानी ‘हबि डार्लिंग’

हृषीकेश सुलभ बिहार की धरती के सम्भवतः सबसे मौलिक इस रचनाकार ने अपने नाटकों में लोक के रंग को जीवित किया तो कहानियों में व्यंग्य बोध के साथ वाचिकता की परंपरा को. समकालीन जीवन की विडंबनाएं जिस सहजता से उनकी कहानियों में आती हैं, जिस परिवेश, जिस जीवन से वे कहानियां …

Read More »

मार्क ट्वेन की कहानी ‘भाग्य’

अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन को आधुनिक कहानी के आरंभिक लेखकों में जाना जाता है. यही नहीं उन्होंने जासूसी कथा धारा की भी एक तरह से शुरुआत की. अगाथा क्रिस्टी ने अपने कई उपन्यासों में उनके लेखन के प्रति आभार प्रकट किया है. यहाँ उनकी एक छोटी-सी कहानी, जिसका पठनीय अनुवाद …

Read More »

गाब्रियल गार्सिया मार्केज़ की कहानी ‘नीले कुत्ते की आँखें’

मार्केज़ के अनुवादों को लेकर किसी से खूब चर्चा हुई तो मुझे याद आया कि उनकी एक कहानी का सुन्दर अनुवाद सरिता शर्मा ने किया है- ‘नीले कुत्ते की आँखें.’ मार्केज़ की इस एक और कहानी का हिंदी में आनंद उठाइए- प्रभात रंजन  ====================================================     फिर उसने मेरी ओर देखा. मुझे …

Read More »

पुरुषोत्तम अग्रवाल की कहानी ‘चेंग-चुई’

‘प्रगतिशील वसुधा’ के नए अंक में पुरुषोत्तम अग्रवाल की कहानी प्रकाशित हुई है. मूलतः आलोचक पुरुषोत्तम जी ने कविताएँ भी लिखी हैं. भाषा के धनी इस लेखक की यह कहानी मुझे इतनी पसंद आई कि पढते ही आपसे साझा करने का मन हो आया- प्रभात रंजन  ============================== ‘यह मकबरा सा …

Read More »

मुक्तिबोध की एक आरंभिक कहानी ‘सौन्‍दर्य के उपासक’

मगहिवि के वेबसाईट हिंदी समय को देख रहा था तो अचानक मुक्तिबोध की १९३५ में प्रकाशित इस कहानी पर ध्यान चला गया. कहानी को पढते ही आपसे साझा करने का मन हुआ- जानकी पुल.  ———————————————————————————————————       कोमल तृणों के उरस्‍थल पर मेघों के प्रेमाश्रु बिखरे पड़े थे। रवि …

Read More »

पंकज मित्र की कहानी ‘सहजन का पेड़’

अभी हाल में ‘लमही’ पत्रिका का कहानी विशेषांक आया है. उसमें कई कहानियां अच्छी हैं, लेकिन  ‘लोकल’ में ‘ग्लोबल’ की छौंक लगाने वाले पंकज मित्र की इस कहानी की बात ही कुछ अलग है. स्थानीय बोली-ठोली में बदलते समाज का वृत्तान्त रचने वाले इस कहानीकार का स्वर हिंदी में सबसे जुदा …

Read More »

फिराक गोरखपुरी की एक दुर्लभ कहानी ‘दही का बर्तन’

  आज उर्दू के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी का जन्मदिन है.  उनके गज़लों, नज्मों, कतओं से तो हम सब बखूबी परिचित रहे हैं लेकिन उनकी कहानियों के बारे में हमारी मालूमात ज़रा कम रही है. उनकी नौ कहानियों का एक संकलन भी उनके मरने के बाद प्रकाशित हुआ था. वे कैसी कहानियां …

Read More »

आशुतोष भारद्वाज की कहानी ‘मिथ्या’

आज आशुतोष भारद्वाज की कहानी. उनकी कहानी का अलग मिजाज़ है. जीवन की तत्वमीमांसा के रचनाकार हैं वे. वे शब्दों को लिखते नहीं हैं उसे जीते हैं, उनकी कहनियों में जीवन की धड़कनों को सुना जा सकता है. कश्मीर के परिवेश को लेकर एक अलग तरह की कहानी है ‘मिथ्या’, …

Read More »