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कविताएं

कविता शुक्रवार: कुमार अम्बुज की नई कविताएँ

पाठकों का अभिनन्दन – – – – – – – – – – – – – – – जैसा कि अमूमन होता है कि किसी प्रस्तुति-विशेष की शुरुआत करते हुए लक्ष्य, उद्देश्य या दावों के साथ (महत्वपूर्ण भी बताते हुए) कदम बढ़ाया जाता है। संयोग से ‘कविता शुक्रवार’ के साथ …

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अमेरिकी ब्लैक कवि जेरिको ब्राउन की कुछ कविताएँ

जेरिको ब्राउन अमेरिका के ब्लैक कवि हैं और समकालीन अमेरिकी कविता का एक महत्वपूर्ण नाम हैं। इस साल उनको अपने कविता संग्रह ‘ट्रेडिशन’ के लिए प्रतिष्ठित पुलिट्जर पुरस्कार दिया गया है। उसकी संग्रह से कुछ कविताएँ हिंदी अनुवाद में अनुवाद किया है कुमारी रोहिणी ने- जानकी पुल =======================   फूल …

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वीरेन्द्र प्रसाद की कुछ कविताएँ व गीत

  भा.प्र.से. से जुड़े डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद अर्थशास्त्र एवं वित्तीय प्रबंधन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है। वे पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातकोत्तर भी हैं। रचनात्मक लेखन में उनकी रुचि है। प्रस्तुत है भीड़भाड़ से दूर रहने वाले कवि-लेखक वीरेन्द्र प्रसाद की कुछ कविताएँ और गीत-जानकी पुल ========================================   १. मेरे जीवन …

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‘मुझे चाँद चाहिए’ पढ़ते हुए कुछ कविताएँ

मुझे याद है बीसवीं शताब्दी के आख़िरी वर्षों में सुरेन्द्र वर्मा का उपन्यास ‘मुझे चाँद चाहिए’ प्रकाशित हुआ था। नाटकों-फ़िल्मों की दुनिया के संघर्ष, संबंधों, सफलता-असफलता की कहानियों में गुँथे इस उपन्यास को लेकर तब बहुत बहस हुई थी। याद आता है सुधीश पचौरी ने इसकी समीक्षा लिखते हुए उसका …

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कोरोना के समय में गंगा से बातें

संवाद अनुवाद के माध्यम से भी होता है। रेखा सेठी का यह अनुवाद पढ़िए उनकी भूमिका के साथ- मॉडरेटर ================================== भारतीय अंग्रेज़ी कविता की खूबसूरती इस बात में है कि संवेदना के धरातल पर वह अन्य भारतीय भाषाओं के बेहद करीब है, भाषाओं के औपनिवेशिक पदानुक्रम को निरस्त करती हुई। …

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युवा शायर त्रिपुरारि की नज़्म ‘फ़र्ज़’

समकालीन दौर के प्रतिनिधि शायरों में एक त्रिपुरारि की यह मार्मिक नज़्म पढ़िए- मॉडरेटर ======= फ़र्ज़ –    यही है हुक्म कि हम सब घरों में क़ैद रहें तो फिर ये कौन हैं सड़कों पे चलते जाते हैं कि तेज़ धूप में थकता नहीं बदन जिनका कि जिनकी मौत के …

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विनय कुमार की लॉकडाउन पाती

लॉकडाउन के इस काल में हम सब कहीं न कहीं फँसे हुए हैं। ऐसे ही हाल में जाने माने मनोचिकित्सक, लेखक-कवि विनय कुमार ने काल पटना में अपने घर में अकेले ही अपने विवाह की 42 वीं वर्षगाँठ मनाई। उनको बधाई के साथ उनकी यह कायवात्मक पाती पढ़िए- मॉडरेटर ===================================== …

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सवाल अब भी आँखे तरेरे खड़ा है- और कितने पाकिस्तान?

कमलेश्वर का उपन्यास ‘कितने पाकिस्तान’ सन 2000 में प्रकाशित हुआ था। इस उपन्यास के अभी तक 18 संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं और हिंदी के आलोचकों द्वारा नज़रअन्दाज़ किए गए इस उपन्यास को पाठकों का भरपूर प्यार मिला। उपन्यास में एक अदीब है जो जैसे सभ्यता समीक्षा कर रहा है। …

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युवा कवि देवेश पथ सारिया की कविताएँ

देवेश पथ सारिया मूलतः अलवर के रहने वाले हैं और आजकल ताइवान के एक विश्वविद्यालय में शोध कर रहे हैं। उनकी कविताएँ सभी प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। यह उनकी कुछ नई कविताएँ हैं जो उन्होंने पुश्किन आर्ट म्यूजियम, मॉस्को की यात्रा के बाद लिखी थी- ============== …

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युवा कवयित्री अनुजीत इक़बाल की कविताएँ

अनुजीत इक़बाल मूलतः पंजाबी भाषी हैं। अंग्रेज़ी में लिखती हैं। क़रीब एक साल से हिंदी में भी कविताएँ लिख रही हैं। उनकी इन कविताओं को देखिए- मॉडरेटर ========================   प्रेम   हे महायोगी जैसे बारिश की बूंदें बादलों का वस्त्र चीरकर पृथ्वी का स्पर्श करती हैं वैसे ही, मैं निर्वसन …

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