बहुत कम समय में अनामिका अनु की कविताओं ने हिंदी के विशाल कविता संसार में अपनी उल्लेखनीय जगह बनाई है। उनकी कविताओं का रेंज बड़ा है और कहने का कौशल भी जुदा है। अरसे बाद उनकी कुछ कविताएँ पढ़िए- मॉडरेटर ======================== 1.अफवाह अफवाह है कि एक बकरी है …
Read More »अनुराग अन्वेषी की नई कविताएँ
अनुराग अन्वेषी मूलतः पत्रकार रहे हैं, लेकिन उनके अंदर एक संवेदनशील कवि भी है जो समाज की विसंगतियों पर समय समय टिप्पणी के रूप में प्रकट होता रहता है। इस बार लम्बे अंतराल के बाद उनकी कुछ कविताएँ पढ़िए- मॉडरेटर ========================== बेटे का डर ओ मां, आशंकाओं का घेरा बड़ा …
Read More »लवली गोस्वामी के नए संग्रह की कुछ कविताएँ
लवली गोस्वामी मेरी पसंदीदा कवयित्रियों में रही हैं। अभी उनका नया संग्रह आया है ‘उदासी मेरी मातृभाषा है’, जिसकी भूमिका कवि गीत चतुर्वेदी ने लिखी है। प्रस्तुत है गीत की भूमिका के साथ इस संग्रह की कुछ कविताएँ- मॉडरेटर ========================== प्रस्तावना मृत्यु द्वारा आमंत्रित अतिथि – गीत चतुर्वेदी पिछले कुछ …
Read More »‘माउथ ऑर्गन’ अपनी धुन गुनगुना रहा है
सुशोभित के लेखन की अपनी ख़ास शैली है जिसके कारण हज़ारों लोग उनको फ़ेसबुक पर रोज़ पढ़ते हैं। उनकी किताब ‘माउथ ऑर्गन’ का गद्य भी बहुत सम्मोहक है। मन की यात्राओं के इस गद्य पुस्तक की काव्यात्मक समीक्षा अपनी खास शैली में यतीश कुमार ने की है- मॉडरेटर ====================== माउथ …
Read More »प्रदीपिका सारस्वत की कविताएँ और कश्मीर
प्रदीपिका सारस्वत कश्मीर में लम्बा समय बिताकर अभी हाल में लौटी हैं। कुछ कविताओं में घाटी के दिल के दर्द को महसूस कीजिए- मॉडरेटर ======================= कश्मीर पर तीन कविताएँ ऑप्रेसर मैं एक व्यक्ति थी मेरा एक नाम था, एक चेहरा उसी की तरह मैं …
Read More »गिरधर राठी की कुछ कविताएँ
वरिष्ठ लेख़क संपादक गिरधर राठी की संपूर्ण कविताओं का प्रकाशन हुआ है। यह प्रकाशन रज़ा पुस्तकमाला के अंतर्गत संभावना प्रकाशन हापुड़ से हुआ है। ‘नाम नहीं’ संग्रह से कुछ कविताएँ पढ़िए-मॉडरेटर =========== बुद्धिजीवी काले दाग़ पर उभरता आता काला दाग़ जिसे धोया जा सकता है ग़मज़दा औरतों के …
Read More »मार्गरेट एटवुड की कविताएँ
======== मेरी तस्वीर इसे कुछ समय पहले ही खींचा गया था पहली बार देखो तो तस्वीर में अस्पष्ट व धुंधली रेखाएँ और धूसर रंग ही दिखते हैं फिर ज़रा ध्यान से देखो तो बाएँ हाथ के कोने पर देवदार की शाख़ उभरती सी नज़र आती है दाईं तरफ अधरस्ते में …
Read More »‘मैंने मांडू नहीं देखा’ को पढ़ने के बाद
कवि यतीश कुमार ने हाल में काव्यात्मक समीक्षा की शैली विकसित की है। वे कई किताबों की समीक्षा इस शैली में लिख चुके हैं। इस बार उन्होंने स्वदेश दीपक की किताब ‘मैंने मांडू नहीं देखा’ पर लिखी है। यह किताब हिंदी में अपने ढंग की अकेली किताब है और इसके …
Read More »शुभ्रास्था की कुछ कविताएँ
दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा शुभ्रास्था के कई परिचयों के मध्य, केंद्र में, वे मूलतः एक लेखिका, कवियत्री हैं। उनकी कुछ कविताएँ- ================== मैं तुमसे कैसे बात करूँ? मुझे तुम्हारी भाषा नहीं आती तुममें व्याकरण और दोष दोनों कम हैं और मैंने तरकारी में नून कम रखने की की है …
Read More »प्रेम में लोग अक्सर अक्टूबर में आये फूलों की तरह ख़त्म हो जाते हैं
आमतौर पर किसी कवि की कविताएँ इतनी जल्दी दुबारा नहीं प्रकाशित की जानी चाहिए, हिंदी में बहुत कवि हैं। लेकिन अभिषेक रामाशंकर कुछ अलग कवि है जिसको जितना पढ़ता जाता हूँ मुग्ध होता जाता हूँ। इंजीनियरिंग के छात्र अभिषेक की भाषा शैली बहुत भिन्न है। कविता आख़िर कहने का एक …
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