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कविताएं

बाबुषा की कुछ नई कविताएँ

जानकी पुल आज से अपने नए रूप में औपचारिक रूप से काम करने लगा है. पिछले कई महीने से मेरे युवा साथी निशांत सिंह इसे नया रूप देने के काम में लगे थे. बहुत मेहनत का काम इसलिए था क्योंकि ब्लॉगस्पॉट से इस नए मंच पर पिछली सारी सामग्री डालने …

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स्वर्णलता विश्वफूल की कविताएँ

कटिहार के एक कस्बे में स्कूल में पढ़ाने वाली इस कवयित्री की कविताएँ देखिये कैसी लगती हैं- मॉडरेटर =========================================== 1. “बरबादी बनाम पलभर” __________________ नीड़ बनायी हूँ / अपनी चोंच से, टहनियों के छोटे-छोटे टुकड़े कर, तृण-पात / चुन-चुनकर । लगी है, बड़ी मेहनत और काफी वक्त, इस नीड़ के …

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राकेश श्रीमाल की कविताएँ

बहुत दिनों से जानकी पुल पर कविताएँ नहीं लगाईं थी. आज एक दुर्लभ कवि राकेश श्रीमाल की कुछ कविताएँ. वे हिंदी कविता की किसी होड़ में नहीं हैं, सफलता के किसी मुहावरे को उन्होंने नहीं अपनाया. बरसों से कविताएँ लिख रहे हैं और अपने मुहावरे में लिख रहे हैं- मॉडरेटर  …

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सीरज सक्सेना की कविताएं

सीरज सक्सेना जाने माने युवा चित्रकार हैं, सिरैमिक के कलाकार हैं। हमें हाल में ही पता चला वे कविताएं भी लिखते हैं। उनकी कुछ कविताएं आज खास आपके लिए- मॉडरेटर  ========================================= शून्य का श्रंगार -1 –  चुप है  रेल की पटरियाँ  एक दूसरे के बेहद पास  देह की गंध  बांधे …

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हमारा प्रेम सिलवटों में कहीं निढाल पड़ा है

इला जोशी की कविताएँ पढ़ते हुए यूँ महसूस होता है, जैसे किसी परिंदे को इस शर्त पर रिहाई मिले कि उसके पंख काट दिए जाएँगे। इन कविताओं में एक अजीब क़िस्म की बेचैनी दफ़्न है, जिसे किसी पवित्र स्पर्श की प्रतीक्षा भी है और उस स्पर्श से छिल जाने का …

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बांग्ला कवयित्री मंदाक्रांता सेन की कविताएँ

आज मंदाक्रांता सेन की कविताएँ. समकालीन बांगला साहित्य में मंदाक्रांता सेन का नाम जाना-माना है. उनको आनंद पुरस्कार भी मिल चुका है. उन्होंने साहित्य अकादेमी का युवा पुरस्कार लौटा दिया था. उनका एक उपन्यास ‘झपताल’ हिंदी अनुवाद में उपलब्ध भी है. हम आभारी हैं उत्पल बैनर्जी के कि उन्होंने उनकी …

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इरशाद ख़ान सिकंदर की ग़ज़लें

असली नाम, छद्म नाम की बहसों से अलग कुछ अच्छी ग़ज़लें पढ़िए. इरशाद खान सिकंदर की गजलों की किताब आई है- आंसुओं का तर्जुमा. उसी anybook प्रकाशन से जिसने कुछ समय पहले जौन एलिया की किताब ‘गुमान’ छापी थी.  1. बन्द दरवाज़े खुले रूह में दाख़िल हुआ मैं चन्द सज्दों …

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विनोद भारद्वाज की कुछ कविताएँ

1.   एक तरफ हिंदी के बड़े प्रकाशक यह कहते हैं कि हिंदी में कविता की किताबें नहीं बिकती हैं. दूसरी तरफ, हिंदी के नए-नए प्रकाशक कविता की किताब बड़े प्यार से छापते हैं. अभी हाल में ही Anybook प्रकाशन ने जौन इलिया का दीवान  छापा है. मेरे हाथ में फिलहाल copper …

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संजय चतुर्वेदी की चुनिन्दा कविताएं

आज संजय चतुर्वेदी की कवितायेँ. 90 के दशक में इनकी कविताओं ने कविता की भाषा बदली थी, संवेदना का विस्तार किया था. मुझे याद है ‘इण्डिया टुडे‘ के साहित्य वार्षिकांक में इनकी एक कविता छपी थी जिसमें एक पंक्ति थी ‘इण्डिया में एक सेंटर है जो इन्टरनेशनल है‘. बहुत चर्चा …

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कविता पर बहस के बीच कुछ सरप्राइज़ कविताएं

 दो दिनों से कविता-शविता को लेकर अभूतपूर्व बहस छिड़ी हुई. इस कविता के मौसम में आज कुछ सरप्राइज कवितायेँ जे सुशील की. जे सुशील को हम घुमक्कड़ के रूप में जानते हैं, एक पत्रकार के रूप में जानते हैं. उनकी कविता के बारे में नहीं. कविता-शविता के बहस के बीच …

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