अभी स्टोरीनोमिक्स नामक एक कंसल्टेंसी फर्म का सर्वेक्षण सामने आया है जिसमें आंकड़ों के आधार पर यह बताया गया है कि इंटरनेट की बढती पहुँच और राष्ट्रवाद के उभार के कारण सोशल मीडिया पर हिंदी के उपयोगकर्ता बढे हैं, हिंदी की ख़बरें अधिक साझा होने लगी हैं. अगर यही ट्रेंड …
Read More »साहिर के नाम से गीत लिखने वाले जाँ निसार अख़्तर का आज जन्मदिन है
जाँनिसार अख्तर की तीन जन्म तारीखों का उल्लेख आता है- 8 फ़रवरी, 14 फ़रवरी और तीसरी तारीख आज की है यानी 18 फरवरी. जाँनिसार अख्तर का व्यक्तित्व बहुत मिथकीय था. उनके बारे में मजरूह सुल्तानपुरी ने बार-बार कहा था कि उन्होंने साहिर लुधियानवी के नाम से फिल्मों में गीत लिखे …
Read More »नाटक क्या सिनेमा का फाटक होता है?
आज ‘प्रभात खबर’ अखबार में भारंगम के बहाने मैंने नाटक-नाटककारों पर लिखा है. आप यहाँ भी पढ़ सकते हैं- प्रभात रंजन ================ ‘अपने यहाँ, विशेष रूप से हिन्दी में, उस तरह का संगठित रंगमंच है ही नहीं जिसमें नाटककार के एक निश्चित अवयव होने की कल्पना की जा सके’- …
Read More »ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी की जीवनी प्रकाशित होने वाली है
ऋषि कपूर और करण जौहर की आत्मकथा के बाद अब बारी है ड्रीम गर्ल कही जाने वाली हेमा मालिनी की जीवनी की. यह किताब स्टारडस्ट के चीफ एडिटर राम कमल ने लिखी है. इस जीवनी का प्रकाशन इस साल अक्टूबर में हार्पर कॉलिन्स प्रकाशन से होने वाला है. उसी महीने …
Read More »पटना पुस्तक मेला की पॉलिटिक्स क्या है?
पटना पुस्तक मेला को किताबों की दुनिया का कुम्भ कहा जा सकता है. बिहार में पुस्तक संकृति को बचाए बनाये रखने में इसका बहुत योगदान रहा है. इसी कारण इससे अपेक्षाएं भी बहुत होती हैं. कल 23 वें पुस्तक मेला का समापन हो गया. एक संतुलित रपट पढ़िए सुशील कुमार …
Read More »‘मुक्तांगन’ में ‘राम’ से शाम तक
वसंत के मौसम के लिहाज से वह एक ठंढा दिन था लेकिन ‘मुक्तांगन’ में बहसों, चर्चाओं, कहानियों, शायरी और सबसे बढ़कर वहां मौजूद लोगों की आत्मीयता ने 29 जनवरी के उस दिन को यादगार बना दिया. सुबह शुरू हुई राम के नाम से और शाम होते होते दो ऐसे शायरों …
Read More »फणीश्वरनाथ रेणु का दुर्लभ रिपोर्ताज ‘जय गंगा!’
महान गद्यकार फणीश्वर नाथ रेणु जी का यह दुर्लभ रिपोर्ताज जय गंगा प्रस्तुत है- जो रेणु रचनावली में भी उपलब्ध नहीं है- रेणु साहित्य के अध्येता श्री अनंत ने अपनी साईट www.phanishwarnathrenu.com पर इसे प्रस्तुत किया है- इसकी ओर हमारा ध्यान दिलाया पुष्पराज जी ने- सबका आभार—– जानकी पुल ————————————————————————————————————— …
Read More »चलन्तिका टीकाओं का पूरा अर्थशास्त्र बदल चुका है
संजीव कुमार हमारे दौर बेहतरीन गद्यकार हैं. उनका यह वृत्तान्त एक सिनेमा हॉल के बहाने पटना के आधुनिक-उत्तर-आधुनिक होने की कथा है. केवल पटना ही क्यों हमारे कस्बाई शहरों के रूपांतरण की कथा है. अद्भुत किस्सागोई, स्मृति-बिम्बों के सहारे अतीत का एक ऐसा लोक रचते हैं संजीव कुमार जिसमें अतीत …
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