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लेख

‘ये फूल उन पे चढ़ाते हो किस लिए लोगो/ शहीद ज़िंदा हैं उन का अज़ा नहीं करते’

अमर शहीद ब्रिगेडियर लिद्दड़ की बेटी आशना लिद्दड़ के दर्द से आहत मेरे जैसे नागरिकों को आवाज़ दी है सुहैब अहमद फ़ारूक़ी ने। वे पेशे से पेशे से पुलिस अधिकारी हैं, शायर हैं- ==========================   “I am going to be 17. So, he was with me for 17 years, we will …

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    जूठन : अनुभव और अनुभूतियाँ

युवा आलोचक सुरेश कुमार के लेख हम सब पढ़ते रहे हैं। उनकी आलोचना दृष्टि के हम सब क़ायल रहे हैं। यह उनका नया लेख है जो ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा ‘जूठन’ पर है- ====================   ओमप्रकाश वाल्मीकि,मोहनदास नैमिशराय, श्यौराज सिंह बेचैन, सूरजपाल चौहान और तुलसीरम की आत्मकथाएं इस बात की …

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कश्मीर के बदन पर कोहरा घना है

प्रसिद्ध लेखिका गीताश्री आजकल कश्मीर में हैं। वहाँ कला शिविर, वहाँ के हालात पर उनकी एक प्रासंगिक टिप्पणी पढ़िए- ============================== श्रीनगर के युवा चित्रकार नौशाद गयूर कला शिविर में अपने शहर के तात्कालिक हालात से अनजान पेंटिंग बना रहे थे. डल गेट और डल लेक पर छोटा आइलैंड चार चीनार …

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जाँ निसार अख़्तर और उनके ख़ानदान के मुताल्लिक चंद बातें

पंकज पराशर संगीत-शायरी पर जब लिखते हैं तो बहुत अलग लिखते हैं। भाषा और विषय दोनों में महारत के साथ। यह लेख प्रसिद्ध उर्दू शायर जाँ निसार अख़्तर और उनके शायराना परिवार को लेकर है। एक पढ़ने और सहेजने लायक़ लेख- ============================= हम ने सारी उम्र ही यारो दिल का …

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ज़ौक़ जा पाया नहीं दिल्ली की गलियाँ छोड़कर

आज उस शायर की पुण्यतिथि है जिसने लिखा था ‘कौन जाए ज़ौक़ अब दिल्ली की गलियाँ छोड़कर’। उनके ऊपर यह लेख लिखा है शायर और पुलिस अधिकारी सुहैब अहमद फ़ारूक़ी ने। आप भी पढ़िए- ==============================      हमारे महकमे में एक देहाती कहावत चलन में है। वह यह कि ‘ख़ूबसूरत ज़नानी …

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एफ आर लीविस का नैतिक बोध और ‘हम दो हमारे दो’ फिल्म

विकास कुमार दिल्ली विश्वविद्यालय में एमए के छात्र हैं। उन्होंने प्रसिद्ध ब्रिटिश साहित्य चिंतक एफ आर लीविस के विचारों तथा अभिषेक जैन निर्देशित फ़िल्म ‘हम दो हमारे दो’ पर बहुत विचारपूर्वक लिखा है। आप भी पढ़ सकते हैं- ============== फ्रैंक रेमण्ड लीविस ( 1895-1978) एक श्रेष्ठ पश्चिमी साहित्यशास्त्रीय चिंतक के …

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हिंदी बाल साहित्य का इतिहास: प्रकाश मनु

आज बाल दिवस है। इस मौक़े पर पढ़िए वरिष्ठ लेखक प्रकाश मनु का यह लेख। प्रकाश जी ने हिंदी बाल साहित्य का इतिहास भी लिखा है- हिंदी बाल साहित्य का इतिहास लिखना मेरे लिए किसी तपस्या से कम न था प्रकाश मनु ………………………………………………………………………………………. हिंदी बाल साहित्य का इतिहास लिखना मेरे …

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     कविता सरहदों के पार, हक़ीक़त के बीच दरार और कुछ बेतरतीब विचार: ली मिन युंग

ताइवान के वरिष्ठ कवि एवं आलोचक ली मिन-युंग की कविताओं के हिंदी अनुवाद का संकलन ‘हक़ीक़त के बीच दरार’ जुलाई में पाठकों तक पहुंचा, जिसका अनुवाद युवा कवि देवेश पथ सारिया ने किया है। साहित्यिक संस्कृति की इस साझेदारी के अनुभव को ली मिन-युंग ने इस लेख के माध्यम से …

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प्रलय की लय साधने की आकांक्षा

आज वरिष्ठ लेखक, विचारक नंद किशोर आचार्य का जन्मदिवस है। इस अवसर पर पढ़िए युवा लेखक चंद्र कुमार का यह लेख, जो कथारंग साहित्य वार्षिकी 2020-21 (सं. हरीश बी. शर्मा) में प्रकाशित हुआ था। आपके लिए यह पठनीय लेख हम दे रहे हैं- ==================================== नहीं, अब कोई सपना नहीं साँसें …

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Pakistan can no longer play its double game, writes Aghan scholar

Crisis in Afghanistan is deepening, so the political situation. Read a small article by Afghan scholar Alhaj Ismail Nazarkhel- janki pul  ============================================= International politics is not driven by permanent friends or foes. Despite all its deeds, Pakistan is still considered as a pivotal political actor in South Asian politics in the …

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