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समीक्षा

समावेशी क्वियर फ्रेंडली कार्यस्थल की निर्देश पुस्तिका है ‘क्वियरिस्तान’

परमेश शाहनी की किताब ‘क्वियरिस्तान’ पर यह टिप्पणी लिखी है युवा लेखक महेश कुमार ने, जो केंद्रीय विश्वविद्यालय गया के छात्र हैं। एक ज़रूरी किताब पर सार्थक टिप्पणी- =========================== 30 दिसंबर को कोलकाता हिंदी मेला से लौटते हुए ट्रेन में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग चढ़े और पैसा माँगने लगे। कुछ …

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विजय आनंद के बारे में ‘गोल्डी’ बातें

आज विजय आनंद की पुण्यतिथि है। उनके ऊपर अनिता पाध्ये की लिखी किताब ‘एक था गोल्डी’ पर वरिष्ठ लेखिका गीताश्री की यह सुंदर टिप्पणी पढ़िए। किताब का प्रकाशन मंजुल प्रकाशन से हुआ है- ===================== “पल पल दिल के पास तुम रहते हो …” ये गाना संगीत प्रेमियों के दिल और …

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शिक्षा के ऐतिहासिक और समकालीन अर्थ को समझाती एक बेहद जरूरी किताब

पीटर ग्रे की किताब के हिंदी अनुवाद ‘शिक्षा का अर्थ’ की यह समीक्षा लिखी है कृति अटवाल ने, जो 11 वीं कक्षा में पढ़ती हैं। इस किताब का अनुवाद आशुतोष उपाध्याय ने किया है और प्रकाशन नवारूण प्रकाशन ने किया है। आप समीक्षा पढ़ सकते हैं- ============================ मनुष्य प्रजाति के …

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नीना आंटी: एक ऑफबीट स्त्री की कथा

अनुकृति उपाध्याय का उपन्यास ‘नीना आंटी’ एक ऐसा उपन्यास है जिसकी शेल्फ लाइफ़ रहेगी। उसके ऊपर यह टिप्पणी लिखी है युवा कवि देवेश पथ सारिया ने- =================   अनुकृति उपाध्याय के कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ पर मैंने टिप्पणी की थी कि अनुकृति के लेखन के अनेक ध्रुव हैं और यदि …

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‘अंतस की खुरचन’ पर एक समीक्षात्मक टिप्पणी

कवि यतीश कुमार का कविता संग्रह ‘अंतस की खुरचन’ जब से प्रकाशित हुआ है लगातार चर्चा में बना हुआ है। उसकी समीक्षा लिखी है मृत्युंजय ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ========================= किसका हाथ पहले पकड़ें     यतीश की कविता जीवन के सूक्ष्मतर अनुभव और अनुभावों का छायाचित्र आंकती चलती …

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स्मृतियों में धड़कता इलाहाबाद

वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया की किताब ‘जीते जी इलाहाबाद’ पर यह सुंदर टिप्पणी लिखी है आलोक कुमार मिश्रा ने। आप भी पढ़िए और ममता जी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीजिए- ============== ‘इलाहाबाद मेरे लिए यूटोपिया में तब्दील होता जा रहा है। वह गड्ढों-दुचकों भरा ढचर-ढूँ शहर जहाँ ढंग की कोई …

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आशुतोष राणा की किताब पर यतीश कुमार की टिप्पणी

फ़िल्म अभिनेता आशुतोष राणा के व्यंग्य लेखकों का संकलन प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है- ‘मौन मुस्कान की मार’। इस पुस्तक पर एक सुंदर टिप्पणी लिखी है कवि यतीश कुमार ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ===================   कई बड़े कलाकारों के साक्षात्कार में सुना है कि अभिनय शैली में …

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स्त्रीवाद और आलोचना का संबंध

स्त्री विमर्श पर युवा लेखिका सुजाता की एक ज़रूरी किताब आई है ‘आलोचना का स्त्री पक्ष’। इस किताब की समीक्षा लिखी है दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के विद्यार्थी महेश कुमार ने। पुस्तक का प्रकाशन राजकमल प्रकाशन ने किया है- =================================== ‘आलोचना का स्त्री पक्ष’ सुजाता जी द्वारा लिखित हिंदी आलोचना …

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मृत्यु कथा की उत्तर कथा: द डेथ स्क्रिप्ट’ की समीक्षा

प्रसिद्ध पत्रकार-लेखक आशुतोष भारद्वाज ने बस्तर पर अंग्रेज़ी में किताब लिखी है ‘द डेथ स्क्रिप्ट’, जो बस्तर पर लिखी एक बेहतरीन किताब है। हार्पर कोलिंस से प्रकाशित इस किताब की समीक्षा लिखी है दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय, गया के छात्र महेश कुमार ने। महेश कुमार वहाँ से हिंदी में एमए …

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ताइवान के कवि ली मिन-युंग की कविताओं पर टिप्पणी

ताइवान के वरिष्ठ कवि ली मिन-युंग की कविताओं का हिन्दी अनुवाद कवि और अनुवादक देवेश पथ सारिया ने किया है। किताब कलमकार मंच, जयपुर से प्रकाशित हुई है। उस पुस्तक पर यह टिप्पणी लिखी है युवा लेखक मनीष कुमार यादव ने- ====================================== ली मिन-युंग की कविताएँ किसी महत्वपूर्ण मानवीय विशेषता …

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