हाल में गीताश्री का उपन्यास ‘राजनटनी’ प्रकाशित हुआ है, जिसकी काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- ================================= राजनटनी 1. योजनाओं की भी अपनी यात्रा होती है जो घटने के लिए भटकती हैं वे ख़ानाबदोश हैं जो अपने साथ फूलों और मिट्टियों की खुशबू लिए भटकते हैं घोर …
Read More »‘ख़ानाबदोश’ की काव्यात्मक समीक्षा
पंजाबी की प्रसिद्ध लेखिका अजीत कौर की आत्मकथा ‘ख़ानाबदोश’ की काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने। आप भी आनंद लीजिए- ======================= 1. नाभि से कान सटाये हामला औरत-एक ज़ख्मी बाज़ नंगे दरख़्त की सबसे उपरी टहनी पर शोक गीत गा रही है ज़ख़्मों में इतना रोष है …
Read More »श्यौराज सिंह बेचैन की कहानियों का विमर्श
दलित साहित्यकारों में श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। उनकी प्रिय कहानियों के संकलन ‘मेरी प्रिय कहानियाँ’ की कहानियों पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है युवा अध्येता सुरेश कुमार ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ================== दलित विमर्श और साहित्यिक महारथियों के बीच श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ …
Read More »बड़े विजन की कहानियाँ
वास्को डी गामा की साइकिल– युवा लेखक प्रवीण कुमार का नया कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ है। राजपाल एंड संज से प्रकाशित इस कहानी संग्रह की विस्तृत समीक्षा की है राहुल द्विवेदी ने। आप भी पढ़ सकते हैं। आज से यह कहानी संग्रह बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा- ================== श्लाघ्य: स …
Read More »उसने मुझे मजनू की तरह चाहा और लैला बना दिया
वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया की किताब ‘रवि कथा’ आई है। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब की अपने अन्दाज़ में काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- अन्दाज़-ए-बयॉं उर्फ रवि कथा – ममता कालिया यह सुखद संयोग है कि “ग़ालिब छुटी शराब” कुछ महीने पहले ही पढ़ी मैंने। सारे …
Read More »वक़्त है फूलों की सेज, वक़्त है काँटों का ताज
प्रबोध कुमार गोविल ने अभिनेत्री साधना जी जीवन कथा लिखी है जिसका प्रकाशन बोधि प्रकाशन ने किया है। उसी किताब की समीक्षा की है प्रवीण प्रणव ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ================= बोधि प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित प्रबोध कुमार गोविल की किताब ‘ज़बाने यार मनतुर्की’ हाल में ही पढ़ने …
Read More »कृष्णनाथ की पुस्तक ‘पृथ्वी परिक्रमा’ की काव्यात्मक समीक्षा
कृष्णनाथ की प्रसिद्ध पुस्तक ‘पृथ्वी परिक्रमा’ की यह कविता समीक्षा की है यतीश कुमार ने। आप भी आनंद लीजिए- =============== 1. पश्चिमी हवा है और यात्रा भी पर ध्येय तो पूरबी है और जिज्ञासा भी सहज निसर्ग आनंद की तलाश बाह्य परिवर्तनों को बूझने का लक्ष्य किसिम-किसिम …
Read More »ज़रूरी सवालों और संकटों को संबोधित करती कहानियां:संजीव कुमार
अशोक कुमार पांडेय को लेखक के रूप में मैं उनकी इस कहानी के लिए भी याद रखता हूँ, ‘इस देश में मिलिट्री शासन लगा देना चाहिए’, अपने कथ्य में ही नहीं अपनी कला में भी यह कहानी अपने कथ्य में ही नहीं अपनी कला में भी यह कहानी बहुत अच्छी …
Read More »हिंदी में मोटिवेशनल किताबों के अभाव को दूर करने वाली पुस्तक
जब से यूपीएससी के रिज़ल्ट आए हैं इस बात को लेकर बड़ी चर्चा है कि हिंदी मीडियम के प्रतिभागियों का चयन कम होता जा रहा है। मुझे निशांत जैन की याद आई। उनकी किताब ‘रुक जाना नहीं’ की याद आई। निशांत जैन आईएएस हैं लेकिन उससे बड़ी बात है कि …
Read More »बिटवीन द लाइंस की पढ़त है ‘सिनेमागोई’
नवल किशोर व्यास रंगकर्मी हैं, अभिनेता हैं और फ़िल्मों पर अच्छा लिखते हैं। उनके कुछ लेख पहले जानकी पुल पर प्रकाशित भी हुए हैं। अभी उनकी किताब आई है ‘सिनेमागोई’, जिसकी समीक्षा लिखी है अमित गोस्वामी ने। अमित जी सरोद वादक हैं और अच्छे ग़ज़लगो हैं। आप यह समीक्षा पढ़िए- …
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