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स्मरण

मंटो! अरे वह अश्लील लेखक, वह पोर्नोग्राफर!

कुछ साल पहले रबिशंकर बल के उपन्यास ‘दोजख्ननामा’ का हिंदी अनुवाद आया था. उपन्यास में मंटो और ग़ालिब अपनी अपनी कब्रों से एक दूसरे को अपने अपने जीवन की दास्तान सुना रहे हैं. आज मंटो के जन्मदिन के मौके उसी उपन्यास से मंटो का एक बयान- मॉडरेटर ======================= मिर्ज़ा साहब, …

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बउआ, महुआ बीछअ नै चलबे?

अमन आकाश मिथिला के हैं और महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय से मॉस कॉम में शोध कर रहे हैं. उनका यह भावभीना संस्मरण अपने गाम-घर को याद करते हुए है- मॉडरेटर ================================ अँधेरा-सा छाया ही रहता कि दादी जगाती हुई कहती “चल, ईजोत भ गेलै! नै ता केयो और बीछ …

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रवीन्द्रनाथ की संगीत प्रतिभा अद्वितीय थी

आज रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती है. सम्पूर्ण कलाकार का जीवन लेकर आये उस महान व्यक्तित्व के संगीतकार पक्ष पर हिंदी में बहुत नहीं लिखा गया है. बांगला साहित्य के विद्वान् उत्पल बैनर्जी का यह लेख गुरुदेव की संगीत प्रतिभा को लेकर लिखा गया है जो पढने और संजोने लायक है- …

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बंदे में दम था इतना तो उसके विरोधी भी मानते हैं!

आज अपने विद्वान साथी मनोज कुमार की फेसबुक वाल से पता चला कि कार्ल मार्क्स का जन्मदिन है. उन्होंने बहुत मानीखेज ढंग से मार्क्स पर यह छोटी सी टिपण्णी भी लिखी है. आपके लिए- प्रभात रंजन ========================================== आज कार्ल मार्क्स का जन्मदिन है | उन्नीसवीं शताब्दी के दूसरे दशक (1818 …

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सीता होना इतना आसान भी नहीं होता

कल जानकी जयंती मेरे शहर में दीवाली की तरह मनाई गई. पहले इतने आयोजन नहीं होते थे लेकिन इस बार खूब हुए. लेकिन कल सीता जयंती पर सबसे अच्छा यह पढ़ना लगा. राजीव कटारा जी ने लिखा है. वे ‘कादम्बिनी’ के संपादक हैं और अपने ढंग के अकेले लेखक हैं. …

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सत्यजित राय बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकार थे

आज सत्यजित रे का जन्मदिन है। इस मौके पर आज मुकेश चन्द्र पाण्डेय का लेख. मुकेश चंद्र पांडेय एक प्रोडक्शन हाउस के क्रिएटिव हेड हैं।  बच्चों के लिए बनायी जाने वाली एनिमेशन सीरीज के एपिसोड्स लिखते हैं. इन दिनों आर के नारायण की कहानी “पेंटर ऑफ़ साइन्ज़” पर आधारित फिल्म …

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बलराज साहनी की जयंती पर उनकी कुछ कविताएँ

अभिनेता बलराज साहनी हिन्दी सिनेमा की एक महान व अविस्मरणीय शख्सियत रहे हैं। आज उनका जन्मदिन है. लोगों कोम ही याद है कि वे लेखक भी थे और कहानियां, कविताएँ भी लिखते थे. उनकी और उनकी पत्नी की रचनाओं का समग्र भी प्रकाशित हुआ. आज उनकी कुछ कविताएँ- मॉडरेटर ===================================   १. …

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मंजिल से जरूरी सफ़र का सन्देश देने वाले लेखक का जाना

80 के दशक में दिल्ली विश्वविद्यालय कैम्पस में ‘जेन एंड द आर्ट ऑफ़ मोटरसाइकिल मेंटेनेंस’ को पढना जैसे मस्ट माना जाता था. जो नहीं भी पढ़ते थे वे भी उसको हाथ में लिए घूमते रहते थे. उसके लेखक रॉबर्ट एम पिर्सिग का निधन हो गया. उनके ऊपर और उनकी उस धमाकेदार …

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‘ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया’ के शायर की आज पुण्यतिथि है

शाइरों में तख़ल्लुस रखने का चलन जाने कब से शुरू हुआ क्या पता, पर क़ायम आज भी है। एक और फ़ैशन अपने नाम के साथ अपने शहर या क़स्बे के रखने का भी रहा है। फ़िल्मी गीतकारों में साहिर लुधियानवी, हसरत जयपुरी, मजरूह सुल्तानपुरी आदि नामों में एक और चमकता …

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क्या ब्रजेश्वर मदान को भुला दिया जाना चाहिए?

‘जानकी पुल’ पर शशिभूषण द्विवेदी के लिखे लेख ‘बर्बाद जीनियस थे ब्रजेश्वर मदान’ की टिप्पणी में ब्रजेश्वर मदान के भतीजे आदित्य मदान ने कमेन्ट में लिखा- ब्रजेश्वर मदान इज नो मोर. इस एक पंक्ति ने हमारे में में चल रहे होने न होने उस द्वंद्व को ख़त्म कर दिया जो …

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