पिछले 2-3 बरसों में एक ग़ज़ल बहुत सुनाई पड़ी। ‘वो हम-सफ़र था मगर उस से हम-नवाई न थी’ …लेकिन कम लोगों को मालूम है कि मोहब्बत भरी ये ग़ज़ल, दरअसल सन्1971 में हुए इंडो-पाक जंग के बाद लिखी गई थी। बाद में जब पाकिस्तानी टीवी सीरियल ‘हमसफ़र’ के टायटल सॉन्ग …
Read More »युवा शायर #15 स्वप्निल तिवारी की ग़ज़लें
युवा शायर सीरीज में आज पेश है स्वप्निल तिवारी की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 मेरे चारों सिम्त पहले जमअ तन्हाई हुई दिल-कचहरी में मिरी तब जा के सुनवाई हुई रेत पर लेटी हुई थी शाम लड़की सी किसी धूप से साहिल पे पूरे दिन की सँवलाई हुई धीरे धीरे …
Read More »गौतम राजऋषि की नई नई ग़ज़लें
इस साल ग़ज़ल की जिस किताब की खूब चर्चा रही वह हिन्द युग्म से आई ‘पाल ले इक रोग नादां’ है. उसी शायर गौतम राजऋषि की नई नई गजलों को पढने की उपयुक्त शाम है. दिन में बारिश हुई है. शाम के बादल छाये हुए हैं- मॉडरेटर ======================================================= 1. …
Read More »युवा शायर #13 अभिषेक शुक्ला की ग़ज़लें
युवा शायर सीरीज में आज पेश है अभिषेक शुक्ला की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 हर्फ़ लफ़्ज़ों की तरफ़ लफ़्ज़ म’आनी की तरफ़ लौट आए सभी किरदार कहानी की तरफ़ होश खो बैठा था मैं ज़र्दी-ए-जाँ से और फिर इक हवा आई उड़ा ले गई पानी की तरफ़ पहले मिसरे …
Read More »युवा शायर #12 अब्बास क़मर की ग़ज़लें
युवा शायर सीरीज में आज पेश है अब्बास क़मर की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 मेरी परछाइयां गुम हैं मेरी पहचान बाक़ी है सफ़र दम तोड़ने को है मगर सामान बाक़ी है अभी तो ख़्वाहिशों के दरमियां घमसान बाक़ी है अभी इस जिस्मे-फ़ानी में ज़रा सी जान बाक़ी है इसे …
Read More »युवा शायर #11 विजय शर्मा की ग़ज़लें
युवा शायर सीरीज में आज पेश है विजय शर्मा की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 यमन की धुन पे ये किसका बदन बहलता है हर एक शाम ये साहिल पे कौन चलता है किसी के होंठ की गर्मी जबीं को मिलते ही बदन का ग्लेशियर आँखों से बह निकलता है …
Read More »यूं डांवाडोल दिल है तेरी याद के बगैर, जैसे किसी की शायरी उस्ताद के बगैर
इरशाद खान ‘सिकंदर’ नए शायरों में क्लासिकी मिजाज़ रखते हैं. उनकी शायरी में उर्दू शायरी की परम्परा की झलक दिखाई देती है. जो कुछ नौजवान शायर मेरे दिल के बेहद करीब हैं इरशाद उनमें एक हैं. उसका एक कारण यह है उनकी गजलों का पहला दीवान हिंदी में ही आया …
Read More »युवा शायर #10 प्रखर मालवीय ‘कान्हा’ की ग़ज़लें
युवा शायर सीरीज में आज पेश है प्रखर मालवीय ‘कान्हा’ की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 आग है ख़ूब थोड़ा पानी है ये यहाँ रोज़ की कहानी है ख़ुद से करना है क़त्ल ख़ुद को ही और ख़ुद लाश भी उठानी है पी गए रेत तिश्नगी में लोग शोर उट्ठा …
Read More »धड़का था दिल कि प्यार का मौसम गुज़र गया
नश्तर ख़ानक़ाही एक बेचैन रूह का नाम है। जिसने अपनी शायरी से न सिर्फ़ उर्दू अदब की ख़िदमत की, बल्कि कई आवाज़ों को रोशनी भी बख़्शी। उसकी ग़ज़ल हम आज भी सुनते हैं, गुनगुनाते हैं। आज अचानक एक ग़ज़ल सुनी तो सोचा क्यूँ न कुछ और ग़ज़लें पढ़ी जाए और …
Read More »युवा शायर #9 विकास शर्मा ‘राज़’ की ग़ज़लें
युवा शायर सीरीज में आज पेश है विकास शर्मा ‘राज़’ की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 चल रहे थे नज़र जमाये हम मुड़ के देखा तो लड़खड़ाये हम खोलता ही नहीं कोई हमको रह न जाएँ बँधे-बँधाये हम प्यास की दौड़ में रहे अव्वल छू के दरिया को लौट आये …
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