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संस्मरण

पहाड़ की छांह में वापसी

विजया सती जी ने मरे जैसे न जाने कितने विद्यार्थियों को हिंदू कॉलेज में पढ़ाया था। उनके अध्यापन यात्रा की कई कड़ियाँ हम लोग पढ़ चुके हैं। इस कड़ी में हिंदू कॉलेज से सेवानिवृत्ति के बाद हल्द्वानी जाने का प्रसंग है। आप भी पढ़िए- ======================= हिंदू कॉलेज परिसर में हम …

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विदेश यात्राओं ने मुझे जीवन और हिन्दी भाषा के प्रति एक नई दृष्टि दी- विजया सती

आज पढ़िए प्रोफ़ेसर विजया सती की अध्यापन यात्रा की नई किस्त। उनका यह संस्मरण बहुत रोचक है और बहुत कुछ सिखाने वाला भी- ========================== वापसी फरवरी २०१५ में दक्षिण कोरिया में हिन्दी अध्यापन का पहला साल ख़त्म होने को था. उससे पहले विभाग की ओर से पत्र मिला – आप …

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दक्षिण कोरिया में हिन्दी: विजया सती

आज पढ़िए डॉक्टर विजया सती के अध्यापन यात्रा की नई कड़ी- =================== मेरे जीवन का एक नया अध्याय था – दक्षिण कोरिया में हिन्दी अध्यापन! अनेक विदेशी भाषाओं के केंद्र, हांकुक विश्वविद्यालय में हिन्दी अध्यापन के पचास वर्ष पूरे होने को हैं. यहां अन्य मुख्य विषयों के साथ विद्यार्थी हिन्दी …

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हान नदी के देश में: विजया सती

डॉक्टर विजया सती अपने अध्यापकीय जीवन के संस्मरण लिख रही हैं। आज उसकी सातवीं किस्त पढ़िए- ====================== जैसे विदेशी पर्यटक भारत आने पर नमस्ते, धन्यवाद बोल लेते हैं, उसी तरह हमने भी विदेशी भाषा के कुछ शब्द सीखे. हंगरी में कोसोनोम – धन्यवाद के साथ अंत में प्रमुख हुआ विसोंत्लातास्रा, …

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बुदापैश्त में हिन्दी: विजया सती

हिंदू कॉलेज की सेवानिवृत्त प्राध्यापिका विजया सती अपने अध्ययन-अध्यापन जीवन के संस्मरण लिख रही हैं। हम पहले चार किस्त पढ़ चुके हैं। यह नई कड़ी है। आप भी पढ़िए- ================== कॉलेज में अध्यापन करते हुए अवसर भरपूर मिलते कि हम कुछ और कर सकें. हमारे अग्रज और कनिष्ठ – बहुत …

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हिंदू कॉलेज के दिन: विजया सती

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज की पूर्व प्राध्यापिका विजया सती अपने अध्ययन-शिक्षण जीवन के संस्मरण लिख रही हैं। यह उसकी अगली किस्त है। हमेशा की तरह बहुत रोचक और जानकारी से भरपूर- =========================== मेरे गुरुवर अजित कुमार यत्र-तत्र-सर्वत्र ‘अजित जी’ विख्यात थे. हमारे माता-पिता के लिए भी वही हुए.  हम …

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गुरू सुआ जेइ पंथ देखावा: विजया सती

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज की पूर्व प्राध्यापिका डॉक्टर विजया सती आजकल शिक्षा जगत से जुड़े संस्मरण लिख रही हैं। यह उनके धारावाहिक संस्मरण की नई किस्त पढ़िए- =========================== हिन्दू कॉलेज में हरी-भरी घास हमेशा रंग-बिरंगे फूलों के साथ मुस्कुराती मिलती. कॉलेज के पिछले हिस्से में खेल का विशाल मैदान, …

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कॉलेज में कई जीवन वर्ष: विजया सती

हिंदू कॉलेज में दशकों हिंदी पढ़ाने वाली डॉक्टर विजया सती जी शिक्षा-जगत से जुड़े अपने अनुभवों को संस्मरण के रूप में दर्ज कर रही हैं। आज उसकी तीसरी कड़ी पढ़िए- ===================== भूलचूक होती हैं – सुधार लें संवार ले .. क्या ही बात हो! पिछली बार मैं अपने गुरुजनों में …

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गुमनाम लेखक की डायरी: 5: विमलेश त्रिपाठी

युवा कवि विमलेश त्रिपाठी का यह स्तम्भ एक लम्बे अंतराल के बाद फिर से शुरु हो रहा है। लेखक की स्मृतियों में उसका जीवन कैसा होता है, विमलेश त्रिपाठी ने बड़ी सहजता से लिखा है- छूट गए समय की पहिलौंठी स्मृतियाँ – एक पहली घटना जो जेहन में है वह …

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आश्रम से बाहर जिन्दगी: विजया सती

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज की पूर्व प्राध्यापिका ने विजया सती आजकल संस्मरण लिख रही हैं। उनके संस्मरण का पहला अंश हम जानकी पुल पर पढ़ चुके हैं जो आश्रम के जीवान को लेकर था। इस बार उन्होंने आश्रम के बाहर के जीवन को लेकर लिखा है। तत्कालीन शिक्षा पद्धति …

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