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दिल्ली के पत्रहीन जंगल में

भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित कवि जितेन्द्र श्रीवास्तव समकालीन कविता का एक महत्वपूर्ण नाम है. उनकी कविताओं में विस्थापन की पीड़ा है, मनुष्य के अकेले पड़ते जाने की नियति का दंश. अभी हाल में ही उनका नया कविता संग्रह आया है ‘इन दिनों हालचाल’ और साथ ही, प्रेम कविताओं का …

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क्या हिंदी किताबों का पाठकों के साथ सीधा संबंध बन पायेगा?

पुस्तकों के भविष्य को लेकर कुछ दिनों पहले मैंने यह लेख लिखा था. आज आपसे साझा कर रहा हूँ. आखिर इंटरनेट के युग में पुस्तकों का क्या स्वरुप बनेगा, वह सीधे पाठकों तक पहुँच पायेगी या पहले की ही तरह लाइब्रेरी में ‘डंप’ होती रहेगी? ऐसे ही कुछ सवालों के …

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तुम मेरे लिए इतना भी नहीं कर सकते फेसबुक?

युवा शोधार्थी, मीडिया विशेषज्ञ विनीत कुमार ने यह कविता लिखी. पढ़ा तो आपसे साझा करने का मन हुआ. प्रस्तुत है उनकी ही भूमिका के साथ- जानकी पुल. आदिकाल के रासो काव्य से लेकर नई कविता वाया छायावाद/प्रगतिवाद होते हुए हिन्दी का कोई छात्र इस तरह की लाइनें लिखेगा, संभव हैं इसे …

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प्रत्यक्षा की कहानी ‘कूचाए नीमकश’

समकालीन जीवन सन्दर्भों को कहानियों में बखूबी उतरने वाली प्रत्यक्षा का नाम लेखिकाओं में प्रमुखता से लिया जाता है. अभी हाल में ही उनका नया कहानी संग्रह हार्पर कॉलिंस से  आया है ‘पहर दोपहर ठुमरी’. उसी संग्रह से एक कहानी- जानकी पुल. दरख़्त के सुर्ख पत्ते अचानक आये हवा के …

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बहुत उलझन होती है अपने से

आज मोहन राकेश का जन्मदिन है. नाटक, कहानी के साथ-साथ मोहन राकेश की डायरी का भी अपना महत्व है. जिन दो लेखकों की डायरी मैंने बार-बार पढ़ी है उनमें मोहन राकेश के अलावा दिनकर की डायरी. लेकिन आज पेश हैं मोहन राकेश की डायरी के कुछ अंश-  बम्बई…? दिन-भर परिभाषाएँ घड़ते …

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स्मृति मेरे काव्यशास्त्र से बाहर है

7-8 जनवरी को जयपुर में ‘कविता समय’ का दूसरा आयोजन है, जो संयोग से कवियों और कविता का सबसे बड़ा आयोजन बनता जा रहा है. इस मौके पर हम कुछ कवियों की चुनी हुई कविताएँ प्रस्तुत करेंगे. शुरुआत अपने प्रिय कवि गिरिराज किराडू की कविताओं से कर रहे हैं. गिरिराज …

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दलित विमर्श आंदोलन नहीं, प्रतिक्रिया मात्र है

लक्ष्मण गायकवाड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध दलित लेखक लक्ष्मण गायकवाड़ का नाम इस समय में प्रतिष्ठा से लिया जाता है। आईए जानते हैं दलित लेखक और दलित लेखन पर उनके विचार। प्रस्तुत है लक्ष्मण गायकवाड़ से युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा की बातचीत का एक हिस्सा : जानकीपुल …

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यह साल तू जा… और ना आना लौट कर…

यह साल बीत रहा है है लेकिन याद रहेगा. देव आनंद, शम्मी कपूर, श्रीलाल शुक्ल, अदम गोंडवी, भूपेन हजारिका, जगजीत सिंह, सत्यदेव दुबे सहित साहित्य-कला-सिनेमा की कितनी विभूतियों को हमने इस साल खो दिया. बड़ी आत्मीयता और शिद्दत से कुछ विभूतियों को याद करते हुए इस साल का मर्सिया लिखा …

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लेखक की खामोशी का कोई ठोस मतलब होना चाहिए

पेरू के लेखक मारियो वर्गास योसा इस समय दुनिया के सबसे महान जीवित लेखकों में गिने जाते हैं. उन्होंने पत्र-शैली में उपन्यासों पर एक पुस्तक लिखी थी- ‘the letters to a young novelist’. उसके कुछ अंशों का युवा लेखक श्रीकांत दुबे ने मूल स्पैनिश से से अनुवाद किया है. यहां …

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समुद्र का जहाँ मिलन होता है चांद में घुली धरती से

नीता गुप्ता यात्रा बुक्स की प्रकाशक ही नहीं हैं बेहद संवेदनशील लेखिका भी हैं. इस यात्रा संस्मरण को ही देखिये. बिना अधिक वर्णनात्मकता के कितनी सहजता से वे हमें अपनी यात्रा में शामिल कर लेती हैं. कुछ यात्राएं मन की भी होती हैं. डोवर से कैले तक की यात्रा भी …

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