Home / ब्लॉग (page 120)

ब्लॉग

क्या यही भविष्य है भारत का ?

आज युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा की कविताएँ- ‘मृत्यु’ जिसका अर्थ मैंने बाबूजी से पूछा था जाने कहाँ चले गये बिना उत्तर दिये शायद खेतों की ओर नहीं, स्कूल गये होंगे आज सात साल, तीन महीना और बीसवाँ दिन भी बीत गया लौट कर नहीं आये क्या मृत्यु इसी को …

Read More »

वो गुज़रा ज़माना: स्टीफन स्वाइग

कुछ बरस पहले ऑस्ट्रियन लेखक स्टीफेन स्वाइग की आत्मकथा का हिंदी अनुवाद आया था तो उसकी खूब चर्चा रही. अनुवाद किया था हमारे प्रिय कथाकार ओम शर्मा ने. पुस्तक का एक अंश ओमा जी की भूमिका के साथ- जानकी पुल. अनुवादक का कथ्य हमारे समकालीन साहित्य में स्टीफन स्वाइग बहुत …

Read More »

आज शैलेश मटियानी की पुण्यतिथि है

आज हिंदी के उपेक्षित लेकिन विलक्षण लेखक शैलेश मटियानी की पुण्यतिथि है. उन्होंने अपने लेखन के आरंभिक वर्षो मे ‘कविताएं’ भी लिखी थीं. आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी कुछ कविताएं यहां दी जा रही हैं, जिन्हें उपलब्ध करवाने के लिए हम दिलनवाज़ जी के आभारी हैं- जानकी पुल. नया …

Read More »

मिथकों में बदल रही हैं सारी अच्छाइयां

रवि बुले समकालीन हिंदी कहानी का जाना-पहचाना नाम है. भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित उनका कथा-संग्रह ‘आईने सपने और वसंतसेना’ पर्याप्त चर्चा भी बटोर चुका है. यह कम ही लोग जानते हों कि वे एक संवेदनशील कवि भी हैं. आज उनकी चार कविताओं को पढते हैं- जानकी पुल. खोजो खोजो दुनिया …

Read More »

अबरार अल्वी के गुरुदत्त और ‘प्यासा’ की कहानी

हिंदी सिनेमा के प्रयोगधर्मी निर्देशक और खब्बू अभिनेता गुरुदत्त ने अपने साथ एक जमात तैयार की। वहीदा रहमान, कैमरामैन वी.के. मूर्ति, एस. डी. बर्मन जॉनी वाकर, महमूद, अबरार अलवी, राज खोसला सहित कई ऐसे नाम हैं, जिन्होंने ‘गुरुदत्त फिल्म्स’ के साथ जुड़ अपनी-अपनी हुनरमंदी और नेक शख्सियत के दम पर …

Read More »

यह जाते हुए चैत्र की शाम है

आज आलोक श्रीवास्तव की कविताएँ. ‘वेरा उन सपनों की कथा कहो’ नामक अपने पहले ही संग्रह से खास पहचान बनाने वाले इस कवि का नया संग्रह हाल में ही आया है ‘दिखना तुम सांझ तारे को’. प्रस्तुत हैं उसी संग्रह की कुछ चुनी हुई कविताएँ- जानकी पुल. 1 तुम्हारे वसंत …

Read More »

सभ्यता की सुबह में इतिहास की सैर

वरिष्ठ संपादक-लेखक ओम थानवी ने ‘मुअनजोदड़ो’ लिखी भले यात्रा-वृतांत की शैली में है लेकिन पुस्तक में एक इतिहासकार-सी सजगता भी है, पुरात्वेत्ता-सी बारीकी भी और एक कलाकार की कल्पनाशीलता भी. लेखक-कवि-पत्रकार प्रियदर्शन का यह लेख इसी पुस्तक को समझने-समझाने का एक सुन्दर प्रयास है- जानकी पुल. ओम थानवी की ख्याति …

Read More »

सुनो यह बारिश के बादलों की गर्जन नहीं है

मूलतः इंजीनियरिंग के छात्र आस्तीक वाजपेयी की ये कविताएँ जब मैंने पढ़ी तो आपसे साझा करने से खुद को रोक नहीं पाया. इनके बारे में मैं अधिक क्या कहूँ ये कविताएँ अपने आपमें बहुत कुछ कहती हैं- इतिहास, वर्तमान, जीवन, मरण- कवि की प्रश्नाकुलता के दायरे में सब कुछ है …

Read More »

‘इक प्यार का नगमा’ के गीतकार संतोष आनंद

संतोष आनंद मंचों के एक लोकप्रिय गीतकार तो हैं ही, उन्होंने अनेक फिल्मों में दिल को छू लेने वाले गीत भी लिखे. खासकर मनोज कुमार की फिल्मों के लिए या राज कपूर की फिल्म ‘प्रेम रोग’ के लिए. उनके फ़िल्मी गीतों का दिलचस्प विश्लेषण किया है दिलनवाज़ ने- जानकी पुल. …

Read More »

नाटक के बारे में कुछ व्यक्तिगत अनुभव, कुछ विचार

 २७ मार्च को विश्व रंगमंच दिवस मनाया जाता है. इसी अवसर पर एक दिन देर से ही सही वंदना शुक्ल का यह लेख जिसमें नाटक के सम्पूर्ण परिदृश्य की तो चर्चा की ही गई है, उन्होंने नाटकों को लेकर अपने व्यक्तिगत अनुभवों को भी दर्ज किया है- जानकी पुल. — मार्क्स …

Read More »