Home / ब्लॉग (page 128)

ब्लॉग

दिलीप कुमार के पाकिस्तानी दीवाने

हाल में ही पाकिस्तान के पत्रकार सईद अहमद की किताब आई है ‘दिलीप कुमार: अहदनामा-ए-मोहब्बत’. इसको पढ़ने से पता चलता है पाकिस्तान में लोग दिलीप कुमार से मोहब्बत ही नहीं करते, वे उनके दीवाने हैं. ऐसे ही दो दीवानों की दास्तान पढ़िए– जानकी पुल. ================================   स्टीफेन हेनरी के बारे …

Read More »

हिंदी में मारियो वर्गास ल्योसा का उपन्यास ‘द स्टोरीटेलर’

ल्योसा को साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिले ठीक से महीना भी नहीं हुआ था कि १९८७ में लिखा उनका उपन्यास ‘द स्टोरीटेलर’ हिंदी में छपकर आ भी गया- ‘किस्सागो’ के नाम से. वैसे तो यह ल्योसा का सर्वश्रेष्ठ उपन्यास नहीं है लेकिन समकालीन भारतीय सन्दर्भ में इसके अनुवाद के प्रकाशन को …

Read More »

भुवनेश्वर की एक दुर्लभ कहानी ‘मास्टरनी’

भुवनेश्वर के जन्म-शताब्दी के साल में उनकी एक लगभग गुमनाम कहानी प्रस्तुत है. १९३८ में प्रकाशित इस कहानी को देखिये अपने समय की रचनाओं से कितनी अलग संवेदना की कहानी है- जानकी पुल. मास्टरनी उस रोज सुबह से पानी बरस रहा था. साँझ तक वह पहाड़ी बस्ती एक अपार और …

Read More »

भुवनेश्वर की अंग्रेजी कविताएँ शमशेर का हिंदी अनुवाद

भुवनेश्वर ने कुछ कविताएँ अंग्रेजी में लिखी थी. बाद में जिनका हिंदी अनुवाद शमशेर बहादुर सिंह ने किया. दोनों शताब्दी कवि-लेखकों की यह जुगलबंदी प्रस्तुत है- जानकी पुल. 1. रुथ के लिए मगन मन पंख झड़ जाते यदि   और देखने वाली आँखे झप जाती हैं शाहीन के अंदर पानी …

Read More »

‘एब्सर्ड’ लेखक भुवनेश्वर की कुछ दुर्लभ कविताएँ

१९१० में पैदा हुए भुवनेश्वर की यह जन्मशताब्दी का साल है. ‘भेडिये’ जैसी कहानी और ‘ताम्बे के कीड़े’ जैसे ‘एब्सर्ड’ नाटक के इस रचयिता को हिंदी का पहला आधुनिक लेखक भी कहा जाता है. समय से बहुत पहले इस लेखक ने ऐसे प्रयोग किये बाद में हिंदी में जिसकी परम्परा …

Read More »

मुझे तुम शोहरतों के दरमियाँ गुमनाम लिख देना

  इस बार वीकेंड कविता में प्रस्तुत हैं जुबेर रज़वी की गज़लें. नज्मों-ग़ज़लों के मशहूर शायर जुबेर रज़वी किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं. यकीन न हो तो उनकी नई ग़ज़लों का रंग देख लीजिए- जानकी पुल. 1. वो बूँद-बूँद दमकता था मेंह बरसते में ज़माना देख रहा था उसी …

Read More »

आधे सफर की पूरी कहानी

अक्सर कई किताबों की इतनी चर्चा हो जाती है कि उसका कोई कारण समझ में नहीं आता जबकि कई अच्छी किताबों पर ध्यान कम जा पाता है. ऐसी ही एक किताब पिछले दिनों पढ़ने को मिली- अर्धकथानक. 1641 में बनारसीदास द्वारा तत्कालीन ब्रजभाषा में लिखी इस आत्मकथा का हिंदी अनुवाद. …

Read More »

दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक पुरस्कार और छह उपन्यास

जबसे घोषणा हुई सबकी नज़र डीएससी प्राइज फॉर साउथ एशियन  लिटरेचर पर है. 50 हज़ार अमेरिकी डॉलर का यह पुरस्कार दक्षिण एशिया में साहित्य का सबसे बड़ा पुरस्कार जो है. पिछले दस-पन्द्रह सालों में अंग्रेजी साहित्य को समृद्ध करने वाले सबसे उर्वर क्षेत्र का अपना पुरस्कार. पुरस्कार केवल उपन्यास पर …

Read More »

हर बशर वीरां सफर ले जाएगा

वीकेंड कविता में आज प्रस्तुत है मनु गौतम की गज़लें. फिल्म इंस्टीट्यूट के ग्रेजुएट मनु ‘देवदास’ में संजय लीला भंसाली के सहायक थे, फिल्म ‘चौसर’ के गाने लिखे, अनेक टीवी धारावाहिकों का लेखन-निर्देशन किया. सबसे बढ़कर वे मूलतः संवेदनशील कवि हैं. यहाँ प्रस्तुत हैं उनकी कुछ गज़लें- जानकी पुल. 1.   …

Read More »

75 साल का ‘अनटचेबल्स’

‘अनटचेबल्स’ के प्रकाशन के ७५ साल हो गए. मुल्कराज आनंद के पहले उपन्यास ‘अनटचेबल्स’ को आधुनिक भारतीय अंग्रेजी के भी आरंभिक उपन्यासों में शुमार किया जाता है.  दलित साहित्य की पहचान और प्रतिष्ठा के इस दौर में यह याद किया जाना चाहिए कि भारतीय अंग्रेजी के इस कद्दावर लेखक का …

Read More »