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न खिलाड़ी पैदा करना आसान है, और न स्पोर्ट्स फ़िल्में बनाना!

‘साला खडूस’ नहीं देखी है तो प्रसिद्ध लेखिका अनु सिंह चौधरी की इस रिव्यू को पढ़ लीजिये. इस विस्तृत रिव्यू को पढ़कर लगा कि फिल्म को देखा जा सकता है. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर  ============================================================ आर माधवन के लिए हम इतने ही पागल हैं कि रामजी लंदनवाले और १३बी जैसी …

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साहित्य एक अनवरत यात्रा है- अवधेश प्रीत

अवधेश प्रीत गंभीर लेखकों में से एक हैं जो अपने समय के जरूरी सवालों में हस्तक्षेप करते हैं और सक्रिय पत्रकारिता करते हुए हस्तक्षेप, नृशंस, हमजमीन, कोहरे में कंदील, और चांद के पार एक चाभी जैसे पांच कहानी संग्रह दिए. इनकी कई कहानियों का उर्दू में अनुवाद ही नहीं हुआ बल्कि कुछ का नाट्य-मंचन …

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‘एयरलिफ्ट’ को ऐतिहासिक घटना से जुदा कर फिल्म रूप में देखा जाना चाहिए

प्रसिद्ध लेखिका अनु सिंह चौधरी ने ‘एयरलिफ्ट’ फिल्म पर लिखा है. वह बहुत संतुलित लिखती हैं. फिल्म को हर पहलू से देखते-समझते हुए. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर  ============================================= एयरलिफ्ट देखते हुए मैंने दो काम किए, पहला फ़िल्म के दौरान ही कुवैत इवैकुएशन गूगल किया और दूसरा, अपने फ़ोन में सीवान …

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‘लो का सांबरी’ की कविताएं

90 के दशक के आरंभिक वर्षों में जिस कविता संग्रह की कविताओं ने बहुत प्रभावित किया था वह संग्रह करीब 20 साल बाद वाणी प्रकाशन से दुबारा प्रकाशित हुआ है- ‘लो का सांबरी‘. तेजी ग्रोवर का यह कविता संग्रह कल खरीदा. उसकी कुछ कविताएं. इसी संग्रह की कविता पर उनको …

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देवयानी भारद्वाज की चुनिन्दा कविताएं

इस पुस्तक मेले में एक उल्लेखनीय कविता संग्रह आया है देवयानी भारद्वाज का ‘इच्छा नदी के पुल पर’. दखल प्रकाशन से प्रकाशित इस संग्रह की कुछ चुनिन्दा कविताएं. देवयानी जी की कविताओं की आवाज बिलकुल अलग है, समकालीन कवियों में सबसे ठोस. अस्त्रित्व को लेकर इतनी गहरी चिंता कम ही …

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अणुशक्ति सिंह की कहानी ‘आखिरी बार’

हिंदी कहानियां बदल रही हैं. समकालीन जीवन की भागमभाग, उसकी जद्दोजहद सब कुछ बदल रही है. रिश्तों में भी वह ठहराव नहीं रह गया है. एक ऐसी कहानी है अणुशक्ति सिंह की, जिसमें किसी चीज का किसी तरह का लोड नहीं है. बदलते समाज की एक छोटी-सी कहानी-मॉडरेटर  ========================================================= “ये …

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अखिलेश का लेख ऐतिहासिक है

कल स्कूल में पढ़ाई जाने वाली हिंदी पाठ्यपुस्तकों को लेकर वरिष्ठ चित्रकार अखिलेश का एक शोधपरक लेख पोस्ट किया था. उसके ऊपर टिप्पणी के बहाने वरिष्ठ कवि, विद्वान विष्णु खरे का यह लेख है. विष्णु जी ने कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना शैली में यह लेख लिखा है. लेकिन …

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हम अपने बच्चों को कैसी हिंदी पढ़ा रहे हैं?

अखिलेश देश के जाने-माने चित्रकार हैं. हिंदी साहित्य की गहरी समझ रखते हैं, लिखते भी हैं. उन्होंने बच्चों को पढ़ाई जाने वाली हिंदी की पाठ्यपुस्तकों का विश्लेषण किया है. यह विश्लेषण हमें गहरे सोचने को विवश करता है कि आखिर हम अपने बच्चों को कैसी हिंदी पढ़ा रहे हैं? एक …

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जयश्री रॉय के उपन्यास ‘दर्दजा’ का अंश

कल से शुरू हो रहे विश्व पुस्तक मेले में जानी-मानी लेखिका जयश्री रॉय का उपन्यास ‘दर्दजा’ जारी हो रहा है. वाणी प्रकाशन से प्रकाशित हो रहे इस उपन्यास का एक अंश- मॉडरेटर  ============================================= वह एक सांवला सा दिन था. बारिश के आखिरी दिन जब बादल खुद को समेटने लगे थे …

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क्या है ‘बकर पुराण’?

इस महीने अजीत भारती की किताब आ रही है ‘बकर पुराण’. एक नई विधा, नया लेखक. जानते हैं कि है क्या इसमें- मॉडरेटर  ================= ‘बकर पुराण’ के बारे में यह एक साहित्य है जिसमें एलीट या सजावटी होने का कोई दवाब नहीं है। न ही हमने कभी नैतिकता की चादर …

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