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अमीर खुसरो पर नाटक लिखने की तैयारी में हूँ- उषाकिरण खान

वरिष्ठ लेखिका उषाकिरण खान हिंदी, मैथिली साहित्य की जानी पहचानी लेखिका हैं. उनके नए उपन्यास ‘अगनहिंडोला’ के बहाने पेश है सुशील कुमार भारद्वाजसे हुई उनकी कुछ बातें:- ————————————————————————————— आपका नया उपन्यास अगनहिंडोला आया है? अगनहिंडोला का क्या मतलब है? अगनहिंडोला ब्रजभाषा का एक शब्द है| जो दो शब्दों से बना है- …

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कितनी मौलिक है मौलिक बताई जा रही फिल्म ‘इनसाइड आउट’

‘इनसाइड आउट‘ नामक एनीमेशन फिल्म रिलीज हुई है. डिज्नी की इस फिल्म के बार में यह प्रचारित किया जा रहा है कि यह फिल्म पाँच मूल भावनाओं पर आधारित हैं – 1. हर्ष (Joy) 2. क्रोध (Anger ) 3. जुगुप्सा (Digust) 4. भय (Fear) 6. शोक (Sadness) और यह पूरी तरह …

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‘बारिश, धुआँ और दोस्त’ की कहानियां

इस साल मेरे समकालीनों, वरिष्ठों के कई कथा-संकलन आये लेकिन जो संग्रह मेरे दिल के सबसे करीब है वह प्रियदर्शन का ‘बारिश, धुआँ और दोस्त‘. प्रियदर्शन की कहानियों में समकालीन जीवन की जद्दोजहद जितनी विविधता के साथ आती है वह किसी और लेखक में कम ही दिखाई देती है. हैरानी …

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जाना एक महान बौद्धिक का इस तरह चुपचाप

कमलेश जी को मीडिया में सबसे अच्छी श्रद्दांजलि आज ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार ने दी है. उसके बाद ‘जनसत्ता’ में. समाजवादी राजनीति के बौद्धिक हलकों में उनका कद ऊँचा था. वे ‘प्रतिपक्ष’ के संपादक रह चुके थे, प्रसिद्ध बड़ौदा डायनामाईट काण्ड में जॉर्ज फर्नांडीज के साथ्सः-अभियुक्त थे. लेकिन हम हिंदी …

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अविस्मरणीय पुस्तक है ‘गिरिजा’

सन 2000 के आसपास एक किताब आई थी ‘गिरिजा‘. युवा लेखक, संगीत मर्मज्ञ यतीन्द्र मिश्र की किताब ‘गिरिजा’ कई अर्थों में युगांतकारी है. इससे पहले संगीत पर जो किताबें आती थी वे ऐसी भाषा, ऐसी शब्दावली में होती थीं कि आपको अगर संगीत की जानकारी न हो तो उनको पढने …

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अमृता प्रीतम की कहानी ‘शाह की कंजरी’

अमृता प्रीतम की यह कहानी तवायफ संस्कृति कुछ सबसे अच्छी कहानियों में है. इसकी नायिका लाहौर के हीरा मंडी की है. समाज पर तवायफों का क्या असर होता था, उनका क्या जलवा होता था- कहानी इसको बड़े अच्छे तरीके से सामने लाती है- मॉडरेटर ======================================= उसे अब नीलम कोई नहीं …

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वंदना शुक्ला की कविताएं

वंदना शुक्ला संगीतविद हैं, अध्यापिका हैं और लेखिका हैं. कविता और जीवन को लेकर लिखी गई इस कविता श्रृंखला में उनको सभी रूप जैसे एकमेक हो गए हैं. संगीत और उसके प्रभाव को लेकर कुछ अच्छी कवितायेँ- मॉडरेटर  ===================== संगीत सांस जीती हैं देह को जैसे स्वरों में धडकता है …

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‘किल्ला’ देखना जैसे किसी रूठे जिगरी दोस्त से अंतराल के बाद मिलना!

26 जून को देश-विदेश के फिल्म समारोहों में धूम मचा चुकी अविनाश अरुण की मराठी फिल्म ‘किल्ला’ रीलिज हो रही है. फिल्म के ऊपर बहुत सम्मोहक लेख लिखा है मिहिर पंड्या ने. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर  ========== हर रचनाकार को आत्मकथा लिखना नसीब नहीं होता। लेकिन इनमें बहुत ऐसे भी …

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जिसे किम्वदंती समझते रहे आखिरकार वह इतिहास का हिस्सा हो गया!

राजकमल चौधरी ने लेखन में बनी-बनाई हर लीक को तोड़ने की कोशिश की, हर मानक को ध्वस्त किया. कल जब राजकमल चौधरी रचनावली का लोकार्पण हो रहा था और मंच से मैनेजर पाण्डेय उनकी महानता को लेकर वक्तव्य दे रहे थे, जिसके बारे में मैंने गीताश्री जी की फेसबुक वाल …

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मुंबई के कमाटीपुरा की अम्मा और नेहरु जी का किस्सा

मुम्बई के अपराधियों को लेकर एक से एक ब्लॉकबस्टर किताबें लिखने वाले पत्रकार से किताबकार बने एस. हुसैन जैदी की एक किताब है ‘मुम्बई की माफिया हसीनाएं’. इस किताब में मुम्बई के रेड लाईट एरिया कमाटीपुरा की अम्मा गंगूबाई का भी एक किस्सा है, जो बहुत प्रेरणादायक है. ब्लाउज में …

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