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उमाशंकर चौधरी की कविताएं

उमा शंकर चैधरी की कविताएंः- उमाशंकर चौधरी की कविताओं का अपना स्वर है जो समकालीन कविता में उनको सबसे अलग बनाता है- उनकी कविताओं का राजनीतिक मुहावरा नितांत मौलिक है- उनका नया कविता संग्रह आया है भारतीय ज्ञानपीठ से- चूँकि सवाल कभी ख़त्म नहीं होते- उसी संग्रह से कुछ कविताएं- …

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एक बड़े आदर्श का यथार्थवादी अंत?

देश जिसे अपने आदर्श की तरह अपनाने के लिए तैयार था वह तो कमबख्त हिंदी कहानियों के उस यथार्थ की तरह निकला जिसमें पचास साल से कुछ नहीं बदला. जो लोग राजनीति बदलने निकले थे राजनीति ने उनको बदल दिया. असल में लोकतंत्र का एक ही मॉडल है इस देश …

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क्या हिन्दी में भी कोई ‘चेतन भगत’ आ सकता है?

हाल में ही हिंदी में कुछ किताबें आई तो यह चर्चा शुरू हो गई कि हिंदी में चेतन भगत आने वाला है. लेकिन यह इतना आसान नहीं है. युवा लेखक अनिमेष मुखर्जी ने चेतन भगत के बहाने समकालीन अंग्रेजी लोकप्रिय साहित्य की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को लेकर एक बहुत दिलचस्प लेख …

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भालचंद्र नेमाड़े को सुनते हुए ‘नाकोहस’ कहानी की याद

परसों की ही तो बात है. राजकमल प्रकाशन का स्थापना दिवस समारोह था, उसमें भालचंद्र नेमाड़े को हिंदी में भारतीय संस्कृति की बहुवचनीयता पर बोलते हुए सुना तो मुझे पुरुषोत्तम अग्रवाल की कहानी ‘नाकोहस’ याद आई. अकारण नहीं था. मृदुला गर्ग ने उस कहानी के अपने दूसरे पाठ के बाद …

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क्या हिंदी प्रकाशन जगत में नए दौर की शुरुआत हो गई है?

कल की दोपहर बड़ी ख़ास थी. वसंत की दोपहरें आम तौर पर उदास करने वाली होती हैं. धूप की गर्मी, हवाओं की चोट, गिरते पत्तों का शोर. लेकिन इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर की वह दोपहर ख़ास थी. 28 फरवरी का दिन हिंदी के सबसे बड़े प्रकाशन समूह राजकमल प्रकाशन समूह का …

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अमेजन क्रांति के दौर में हिदी किताबें और पाठक

परसों बिहार के कटिहार से संजय जी का फोन आया था. फोन उठाते ही उन्होंने कहा कि वे करीब एक साल से जानकी पुल समय मिलने पर जरूर पढ़ते हैं. छौ ईंच स्क्रीन वाला मोबाइल फोन ले लिए हैं. ‘ई लप्रेक क्या है?’ उन्होंने छूटते ही पूछा. कहा कि आप …

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प्रेम खाप के लिए है अभिशाप तो व्यक्ति के लिए अमर फल!

ऐसा नहीं है कि 2015 के पुस्तक मेले में मुझे सिर्फ रवीश कुमार का ‘इश्क में शहर होना’ ही पसंद आया. दूसरी किताब जिसके ऊपर मन रीझ गया वह है ‘बेदाद-ए-इश्क रुदाद-ए-शादी’. प्रेम विवाह करने वालों की इस अनुभव कथा की पोथी बनाने का यह आइडिया जिसका भी था उसको …

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हिंदी में ईबुक क्रांति आने वाली है?

विश्वपुस्तक मेले में हिंदी प्रकाशकों के हॉल में सबसे अधिक चर्चा थी ईबुक की. इस चर्चा के दो कारण थे. एक तो ईबुक के सबसे बड़े प्लेटफोर्म न्यूजहंट की मौजूदगी के कारण, जिनके मोबाइल ऐप के कारण अपने फोन में सस्ती कीमत पर आप अपनी मनपसंद किताबों को डाउनलोड कर …

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विश्व पुस्तक में क्या रहे ट्रेंड?

इस बार पुस्तक मेले में चार दिन जाना हुआ. पहले सोचा था नहीं जाऊँगा. लेकिन एक बार जाइए तो बार-बार जाने का मन करता है. एक साथ इतने बड़े लेखकों से मुलाकात, बातें, बतकही- अच्छा लगने लगता है. आज लिख रहा हूँ तो सबकी याद आ रही है. अच्छा मौका …

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क्या शादी प्रेम की ट्रॉफी होती है?

आज विश्व पुस्तक मेला का अंतिम दिन है. इस बार बड़ी अजीब बात है कि हिंदी का बाजार बढ़ रहा है दूसरी तरफ बड़ी अजीब बात यह लगी कि इस बार किताबों को लेकर प्रयोग कम देखने में मिले. प्रयोग होते रहने चाहिए इससे भाषा का विस्तार होता है. लेकिन …

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