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वह मेरी बेटी है वह मेरी माँ भी है.

कुछ कविताएं अपनी कला से प्रभावित करती हैं, कुछ विचारों से, कुछ अपनी सहज भावनाओं से. कलावंती की ‘बेटी’ श्रृंखला ऐसी ही कविताओं में आती हैं. पढ़िए 5 कविताएं- मॉडरेटर  ======================================================= बेटी –1 वह नटखट मेरी चप्पलें पहने खटखट चलती है रूनझुन   मैं फिर से बड़ी हो रही हूँ …

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ये किसने पुकारा है, ये किसका निमंत्रण है

उपन्यासकार प्रचण्ड प्रवीर कविताएं भी लिखते हैं. क्लासिकी अंदाज की कविताएं. हिंदी कविता के समकालीन चलन से हट कर. लेकिन उनकी इस कविताई का भी आकर्षण सम्मोहक हो जाता है कई बार. आप भी देखिये- मॉडरेटर. =======================  अनामिका और चन्द्रमा चन्द्रमा मुझे देखते उतर आया ! सोने की थाली में …

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जोहरा सहगल का जीवन ही कला था

102 की उम्र में ज़ोहरा सहगल ने इस दुनिया के रंगमंच को अलविदा कहा. 2 साल पहले उनकी बेटी किरण सहगल ने उनकी जीवनी लिखी थी- ‘Zohra segal: ‘Fatty’. जानकी पुल की ओर से उस महान कलाकार को अंतिम प्रणाम करते हुए उसी किताब के एक छोटे से अंश का …

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नवजागरणकालीन हिंदी पत्रिकाओं में प्रकाशित विज्ञापनों का एक अध्ययन

जिनको यह लगता है कि हिंदी को लेकर अच्छा शोध या तो विदेश के विश्वविद्यालयों में हो रहा है या फॉरेन फंडिंग से इतिहास वाले कर रहे हैं, तो उनको आशुतोष पार्थेश्वर का यह शोध लेख पढना चाहिए. नवजागरणकालीन पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित विज्ञापनों को लेकर है. इतना दिलचस्प और जानकारी से भरा …

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“एना फ्रैंक दुनिया भर में एक प्रतीक हैं”- मिरियम प्रेज़लर

 ‘ऐन(एना) फ्रैंक की डायरी’ दुनिया भर में साहस और जिजीविषा के प्रतीक के रूप में पढ़ा जाता है. पिछले  दिनों डॉइचे वेले पर उसकी अनुवादिका और प्रसिद्ध यहूदी लेखिका मिरियम प्रेज़लर का साक्षात्कार प्रसारित हुआ. इसमें ऐन(एना) फ्रैंक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ हैं. उसका मूल जर्मन से अनुवाद किया है प्रतिभा …

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स्वप्निल श्रीवास्तव की कविताएं

शोर-शराबे के दौर में स्वप्निल श्रीवास्तव चुपचाप कवि हैं, जिनके लिए कविता समाज में नैतिक होने का पैमाना है. उनकी कुछ सादगी भरी, गहरी कवितायेँ आज आपके लिए- मॉडरेटर.  एक ————– शुरूआत —— जिस दिन अर्जुन ने चिड़िया की आंख पर निशाना लगाया था उसी दिन हिंसा की शुरूआत हो …

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चित्रकथा में हिरोशिमा की त्रासदी

इधर एक मार्मिक चित्रकथा पढने को मिली. मार्मिक इसलिए क्योंकि आम तौर पर चित्रकथाओं में मनोरंजक कथाएं, महापुरुषों की जीवनियाँ आदि ही पढ़ते आये हैं. लेकिन यह एक ऐसी चित्रकथा है जो इतिहास की एक बहुत बड़ी त्रासदी की याद दिलाती है और फिर उदास कर देती है. ‘नीरव संध्या …

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दिमाग के कम्प्यूटर में कोई सेलेक्टर लगा रहता होगा

शिवमूर्ति ऐसे लेखक हैं जिनसे मैंने काफी सीखा है. जीवन के इस अन्तरंग कथाकार ने अपनी रचना-प्रक्रिया पर लिखा है जो जल्दी ही ‘सृजन का रसायन’ नाम से पुस्तकाकार आने वाली है. उसका एक रोचक, प्रेरक अंश उन्होंने जानकी पुल के पाठकों के लिए भेजा है- प्रभात रंजन  ======================================== लेखक …

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कौन उनके लिए उपयोगी है, कौन उनका ‘लेखक’ है?

नई सरकार के आने के बाद ‘जनसत्ता’ में श्री उदयन वाजपेयी ने एक लिखा संस्कृति पर, जिसको लेकर एक लम्बी बहस चली. उस बहस का समापन प्रियदर्शन के इस लेख से हुआ- मॉडरेटर ===================================================== उदयन वाजपेयी को मैं इतना नहीं जानता कि उनके चरित्र के बारे में टिप्पणी कर सकूं। …

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एक ‘सुशील’ बुलेटबाज़ की बुलेट डायरी

जे सुशील भी ग़ज़ब के बुलेटबाज़ हैं. बुलेट प्रेमी तो बहुत देखे बुलेटबाज नहीं देखा. मीनाक्षी जी और जे सुशील इस बार बुलेट से कश्मीर हो आये. उनकी बुलेट देखकर मुझे मुज़फ्फरपुर में 80 के दशक में सुना यह गाना याद आता है. वहां की मशहूर बाई चंदा गाती थी- …

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