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केदारनाथ सिंह हमारी भाषा के मीर तकी मीर हैं

80 साल की उम्र में केदारनाथ सिंह का आठवाँ कविता संग्रह आया है- ‘सृष्टि पर पहरा’। अपनी जमीन पर इतनी दूर तक इतनी मजबूती के साथ खड़ा शायद ही कोई दूसरा कवि दिखाई देता हो। प्रियदर्शन ने इन कविताओं के बहाने केदार जी की कविताई-जमीन पर बढ़िया लिखा है, अपने …

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एक चिट्ठी जगजीत सिंह के नाम

आज महान गजल गायक जगजीत सिंह का जन्मदिन है। वे इस दुनिया में भले न हों लेकिन अपनी सोज़ भरी आवाज में रची-बसी एक से एक गजलें छोड़ गए हैं। आज उनका जन्मदिन है और उनको, उनकी गायकी को याद करते हुए उनके नाम यह चिट्ठी लिखी है सैयद एस. …

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मूवी मैन आफ बिहार आरएन दास

आरएन दास को मूवी मैन ऑफ बिहार के नाम से जाना जाता है। उनसे बातचीत करके यह लेख तैयार किया है सैयद एस. तौहीद ने- जानकी पुल।  ======================= मूवी मैन आफ बिहार के नाम से मकबूल हुए आरएन दास से मिलना सिनेमा की संस्था से मिलना है।  श्री दास मानते …

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आर्थर रैम्बो की कविताएं हिन्दी में

फ्रेंच कवि आर्थर रैम्बो ने महज 37 सालों की उम्र पाई, 20 साल की उम्र के बाद उसने लिखना छोड़ दिया। कहते हैं उसकी सारी कवितायें किशोर काल की लिखी गई हैं। लेकिन इस कवि ने 20 वीं शताब्दी की आधुनिकता को गहरे प्रभावित किया। इस मिथकीय व्यक्तित्व वाले कवि …

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एक अदभुत प्यार की कहानी: चार्ली चैपलिन की फिल्म ‘सिटी लाइट्स’

चार्ली चैपलिन की फिल्म ‘सिटी लाइट्स’ पर एक सुंदर लेख लिखा है सैयद एस तौहीद ने- जानकी पुल। ==============================================================  कवित्वमय फिल्मकार चैपलिन की फिल्मों का संग्रह बनाने पर आप गंभीरता से विचार करें तो उसमें ‘सिटी लाईट्स’ का होना अनिवार्य होगा। उनकी फनकारी के ज्यादातर पहलुओं को एक जगह देखने का …

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या पलासन कौन ने आगि लगाई

आज वसंतपंचमी है तो याद आया विद्यानिवास मिश्र का यह लेख ‘ऋतुराज का आगमन’. इसलिए भी याद आया क्योंकि इस तरह से लिखने की परंपरा का अब अंत हो रहा है। इसी लेख के साथ सभी को जानकी पुल की तरफ से वसंतपंचमी की शुभकामनायें।  ==========================================   लोगों ने सुना, …

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आलोचना का अर्थ चरित्र हनन नहीं होता

तहलका पत्रिका के संस्कृति विशेषांक में शालिनी माथुर का लेख छपा था ‘मर्दों के खेला में औरत का नाच‘ , जिसमें कुछ लेखिकाओं की कहानियों को उदाहरण के तौर पर इस रूप में पेश किया गया था जिसे आपत्तिजनक कहा जा सकता है। मेरा निजी तौर पर यह मानना है कि नैतिकता …

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आनंद नगर में कुछ घंटे आनंद के

युवा पत्रकार-लेखक पुष्यमित्र ने हाल में ही कोलकाता की यात्रा की और उस यात्रा का एक रोचक वृत्तान्त लिखा। आपके लिए- जानकी पुल। ======================= सुबह पांच बजे जब मेरी बोगी में चा खाबे.. चा खाबे की आवाज गूंजने लगी तो मेरी नींद खुल गयी. मेरा मन उत्साह से भरा था. …

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भेड़चाल और हुआं-हुआं

आज कुछ कवितायें अनुराग अन्वेषी की। अखबार में शब्दों का सम्पादन करने वाले अनुराग अपनी कविताओं में भावनाओं का सम्पादन कर उस पर विचार की सान चढ़ाते हैं। बिना अधिक शोर-शराबे के कवितायें ऐसे भी लिखी जाती हैं। आप भी देखिये- जानकी पुल।  ===========================================  1.  मुट्ठी भर प्यार, हाशिए पर …

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यह किताब बदलते परिवेश और इच्छाओं का डॉक्यूमेंट है

कल पंकज दुबे के उपन्यास ‘लूजर कहीं का’ का दिल्ली लांच था। एक तीसरे दर्जे के अभिनेता ने उस उपन्यास के अंश पढे और हिन्दी समाज में अपनी विश्वसनीयता खो चुके एक चुटकुलेबाज ने किताब के बारे में बोला, जिसने पिछले पाँच साल में सबसे उल्लेखनीय काम यह किया है …

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