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प्रेम का संक्षिप्त इतिहास

सन १९१९ में पैदा हुए अंग्रेज इतिहासकार लारेंस स्टोन, सिविल वार और विवाह पर किये गए अपने कामों  के लिए विश्व भर में जाने जाते है. स्कल्पचर इन ब्रिटेन: द मिडिल एजेस;1955, द क्राइसिस ऑफ एरिस्टोक्रेसी, 1558-1641(1965), रोड टू डायवोर्स: इंग्लैंड,1530-1987(1990),एन इम्पेरिकल एस्टेट एट वार, (1994) आदि इनकी महतवपूर्ण किताबें …

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आस्तीक वाजपेयी की कविताएँ

पहला जानकी पुल सम्मान युवा कवि आस्तीक वाजपेयी को दिया गया है. निर्णायकों संजीव कुमार, बोधिसत्त्व और गिरिराज किराडू ने यह निर्णय सर्वसम्मति से देने का निर्णय लिया. आज बिना किसी भूमिका के उनकी कुछ नई कविताएँ- जानकी पुल. =================================  इतिहास हरे आइने के पीछे खड़े लोगों मुझे क्षमा कर …

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मैं गाऊँ तेरा मंत्र समझ

डॉ. संजय पंकज का यह लेख आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री की कविताओं की अच्छी व्याख्या करती है. बस दुःख यह होता है कि शास्त्री जी को केवल मुजफ्फरपुर वाले ही क्यों याद करते हैं- जानकी पुल. ======== महाकवि आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री जीवन मूल्यों तथा आस्था के विराट भारतीय स्वर हैं। …

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वे साहित्येतर दबाव क्या थे आखिर?

युवा लेखिका ज्योति कुमारी का ईमेल मुझे कल प्राप्त हुआ. मैंने इसके बारे में राजकमल प्रकाशन से स्पष्टीकरण लेने की कोशिश की जो देर रात तक मुझे नहीं मिल पाया. मुझे लगा कि एक लड़की साहस के साथ सामने आकर कुछ ऐसी बातें कह रही है जो लेखन-प्रकाशन जगत के …

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वर्तिका नंदा की कुछ नई कविताएँ

वर्तिका नंदा की कविताएँ मुखर बयान की तरह लगती हैं. उनका अपना मुहावरा है और कई बार उनके काव्य-विषय भी काफी अलग होते हैं. आज उनकी कुछ नई कविताएँ- जानकी पुल. =========================================================== निर्भया औरत होना मुश्किल है या चुप रहना जीना या किसी तरह बस, जी लेना शब्दों के टीलों …

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उसकी आवाज़ मेरे जीवन का एकमात्र दृश्य है

मेरा मन था कि बाबुषा पर कुछ अलग से लिखूं . उसे पढ़ना एक ऐसे कीमियागर के पास बैठना है,जो दुःख की मिट्टी उठाता है तो टीस के सारे मुहाने खुल जाते हैं और सुख यहाँ इस तरह आता है जैसे अप्रत्याशित घटना -कि आप चकित हैं और चकित हैं …

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और हँसी निष्कासित है अपने समय से

वरिष्ठ पत्रकार-लेखिका गीताश्री इन दिनों ‘कविया’ गई हैं. पिछले कुछ सालों में कुछ(सारी नहीं) अच्छी कहानियां लिखने के बाद उन्होंने अभिव्यक्ति का खतरा कविता में उठाया है. अब देखिये न क्या तासीर है इन कविताओं की कि जबसे इनको जानकी पुल पर लगाने के बारे में सोचा है रात से …

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भूमंडलोत्तर कथा पीढ़ी : प्रस्थान और विकास

 युवा लेखक राकेश बिहारी का यह लेख समकालीन युवा कहानी को एक व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखने की मांग करता है. उस मुहावरे को विस्तार से समझने की अपेक्षा रखता है. यह लेख उनकी सद्य प्रकाशित पुस्तक ‘केंद्र में कहानी’ में संकलित है. लेख पर बहस आमंत्रित है- जानकी पुल. =========================================================== …

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अब वापस कुछ साहित्योत्सव की बात

आज जयपुर साहित्योत्सव पर जनसत्ता संपादक ओम थानवी ने बहुत संतुलित ढंग से लिखा और बेहद विस्तार से उसके प्रभावों, उसकी सीमाओं का आकलन भी किया है. विवादों के घटाटोप के पीछे उसके सार्थक हस्तक्षेप की चर्चा दब कर रह गई, उसके कुछ पूर्वाग्रहों-दुराग्रहों की चर्चा पीछे रह गई. सब …

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समाज में करुणा की ऐसी वापसी ऐतिहासिक अनुभव है!

प्रसिद्ध उत्तर-आधुनिक विद्वान सुधीश पचौरी का यह लेख जस्टिस वर्मा समिति की रपट के बहाने समाज में करुणा की वापसी की एक अद्भुत व्याख्या करता है. सचमुच इस समय हिंदी में उनके जैसा विश्लेषक नहीं है- जानकी पुल. =======  अज्ञेय की यह काव्यपंक्ति सहसा याद आई जब सर्वोच्च न्यायालय के …

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