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विनीत कुमार की ट्विटर कहानियां

‘लप्रेक’ के आरंभिक लेखकों में रहे विनीत कुमार ने कहानी 140 में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और उसके एक विजेताओं में भी रहे. आज उनकी कुछ ट्विटर कहानियां- जानकी पुल. ===================================================== 1. नहीं, आज रत्तीभर भी अपने भीतर जीके1 लेकर नहीं जाएगी और उसका ढेर सारा यमुना पार लेकर लौटेगी. आज उससे …

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अमितेश कुमार की ट्विटर कहानियां

कहानी 140 प्रतियोगिता में अमितेश कुमार एक ऐसे लेखक रहे जिनको दो दिन पुरस्कार मिला. आज उनकी ट्विटर कहानियां- जानकी पुल. ============================= आखिरी दांव भी खाली गया, रिजल्ट से निराश उसने अपने कमरे का मुआयना किया, ये सब लेकर कहां और कैसे ? फ़िर बत्रा के लिये निकल गया  ======================================= …

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सत्यानन्द निरुपम की #kahani140

 #kahani140 प्रतियोगिता के विजेताओं की कहानियां हम एक-एक करके पेश करेंगे. जितने कहानीकारों ने ट्विटर कहानी की इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया सबकी अपनी अलग शैली थी. २७ जनवरी के विजेता सत्यानन्द निरुपम की कहानियों को ही लीजिए. इनकी आंचलिकता इन्हें विशिष्ट बनाती है- जानकी पुल. ===================================================================== माँ जवाब पाए …

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जब सौ मासूम मरते होंगे, तब एक कवि पैदा होता होगा

हाल में ‘संवदिया’ पत्रिका का युवा हिंदी कविता अंक (अतिथि संपादक : देवेंद्र कुमार देवेश) आया है। पत्रिका में 92 युवा कवियों की कविताओं के साथ-साथ “वर्तमान समय में हिंदी कविता के समक्ष चुनौतियाँ” विषय पर कई वरिष्ठ कवियों के विचार भी प्रस्तुत किए गए हैं। आप भी पढ़िए : …

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वोल्गा इलाके में भारतीय बस्ती थी

इन दिनों प्रसिद्ध लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल की पुस्तक ‘हिंदी सराय- अस्त्राखान वाया येरेवान’ की बड़ी चर्चा है. उसका एक दिलचस्प अंश आज ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में छपा है. आपके लिए- जानकी पुल. === === अस्त्राखान वोल्गा के डेल्टा में तो बसा ही है, शहर का एक इलाका तो कहलाता ही वोल्गा …

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अभी-अभी एक सितारा टूटकर गिरा है

वेस्टलैंड-यात्रा बुक्स ने जब कहानी 140 यानी ट्विटर कहानी प्रतियोगिता की घोषणा की तो उम्मीद नहीं थी कि हिंदी के लेखक ऐसा प्रयास करेंगे, लेकिन अनेक लेखकों ने ट्विटर पर कहानी लिखकर इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. पहले दिन पुरस्कार पाने वाले लेखकों में युवा लेखक त्रिपुरारि कुमार शर्मा भी …

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आपको बाइफ़ेस जानता हूँ पर नाम याद नहीं आ रहा

युवा कवि नीरज शुक्ल की कुछ नई कविताएँ पढ़ी तो उनमें मुझे ताजगी महसूस हुई. आपसे साझा कर रहा हूं- प्रभात रंजन  ======== विस्मृति  तुम्हारी स्मृतियों में कहीं गुम  हो गया हूँ  मै  जो तुम्हे तकरीबन याद नहीं  उस एक दुनिया का  नागरिक हूँ  तुम्हारी खोयी  हुयी पेंसिलों, आलपिनों,रबर के टुकड़ों, नेल पालिश की …

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श्रीकांत दुबे की कहानी ‘ब्लेड’

बीच-बीच में कोई अच्छी कहानी कहीं पढ़ता हूं तो आपसे साझा कर लेता हूं. आज आपसे युवा लेखक श्रीकांत दुबे की कहानी ‘ब्लेड’ आपसे साझा कर रहा हूं. अच्छी लगेगी- जानकी पुल. =========================================================== जीन हमारी देहों में पैतृक लक्षणों के संवाहक होते हैं। लेकिन हमारे जिस्म की हरकतों में बहुत …

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नाटक नहीं होना था, नाटक हुआ

२०१३ के रंग महोत्सव में मंटो की जिंदगी पर आधारित ‘अजोका’ की प्रस्तुति के न होने को लेकर प्रसिद्ध लेखक अपूर्वानंद ने कुछ गंभीर सवाल उठाये हैं और सामूहिक प्रयासों से उसके अक्षरा थियेटर में आयोजित किए जाने के बारे में लिखा. यह महत्वपूर्ण लेख आज ‘जनसत्ता’ में प्रकाशित हुआ …

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मैं हिंदी साहित्य की एकता हो गया हूँ

कल जब मैं गुलजार साहब का लिखा गीत ‘जब एक कज़ा से गुजरो तो इक और कज़ा मिल जाती है’ सुन रहा था कि कवि-आलोचक विष्णु खरे का यह पत्र ईमेल में प्राप्त हुआ. इन दिनों वे स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में प्रवास पर हैं.   उन्होंने इस पत्र को प्रकाशित करने …

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