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75 साल के नन्द किशोर नवल

कल हिंदी के के वरिष्ठ आलोचक नन्द किशोर नवल 75 साल के हो रहे हैं। उनकी अथक ऊर्जा को प्रणाम। आज प्रस्तुत है उनके ऊपर हिंदी के प्रसिद्ध कवि कथाकार प्रेम रंजन अनिमेष का लिखा संस्मरण- जानकी पुल।  ================           नवल जी हिंदी के वरिष्ठतम आलोचकों …

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खाकर वे सो रहे हैं जागकर हम रो रहे हैं

 ये अशोक वाजपेयी की नई कविताएँ हैं. करीब अर्ध-शताब्दी से अशोक वाजपेयी हिंदी कविता में दूसरी परम्परा की सबसे बड़ी आवाज के तौर पर मौजूद हैं, बेहद मजबूती से. उनकी कविताओं में हिंदी कविता की अनेक परम्पराओं की गूँज सुनाई देती है, लेकिन कविता में उन्होंने अपनी परंपरा भी बनाई. …

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कविता-आयोजनों की बहुलता ने फिर से कविता को जेरे-बहस किया है

कान्हा में प्रकृति के ‘सान्निध्य’ में कवियों के मिलन की चर्चा ने कुछ दूसरा ही रंग पकड़ लिया है. लेकिन वहां केवल दक्षिण-वाम का मिलन ही नहीं हो रहा था, कविता को लेकर कुछ गंभीर चर्चाएँ भी हुईं. कवि गिरिराज किराड़ू का यह लेख पढ़ लीजिए, जो कवियों के ‘सान्निध्य’ …

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राजेंद्र यादव की कहानी ‘अभिमन्यु की आत्महत्या’

आज राजेंद्र यादव ८४ साल के हो गए. राजेंद्र यादव मूलतः कथाकार हैं, ‘नई कहानी’ आंदोलन के तीन सिग्नेचर कथाकारों में एक. जन्मदिन के मौके पर ‘नई कहानी’ आंदोलन के इस पुरोधा की एक पुरानी कहानी पढते हैं, जो संयोग से वर्षगाँठ के प्रसंग से ही शुरु होती है, और …

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जा तू पड़ जा प्रेम में

तस्लीमा नसरीन मूलतः कवयित्री हैं. कल जब उनकी कविताओं का प्रयाग शुक्ल पाठ कर रहे थे तब बीच-बीच में वे भी यही कह रहे थे, अशोक वाजपेयी ने भी उनकी कविताओं पर बहुत प्रशंसात्मक ढंग से बोला. उनकी कविताओं का संग्रह ‘मुझे देना और प्रेम’ पढते हुए भी लगा कि …

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आख़िर एकांगिता ही तो अश्लीलता है!

‘कथादेश’ में शालिनी माथुर के लेख के प्रकाशन के बाद अनामिका और पवन करण की कविताओं पर वाद-विवाद-संवाद का लंबा सिलसिला चल रहा है. आज जानकी पुल पर इस बहस का समापन हम ‘कथादेश’ में ही प्रकाशित अनामिका के लेख से कर रहे हैं, जो ‘सुश्री शालिनी माथुर को निवेदित’ …

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पवन करण के रुदन से अनामिका की खिलखिलाहट क्या बेहतर है?

वरिष्ठ लेखक-पत्रकार राजकिशोर के लेख ‘यह (उनकी) पोर्नोग्राफी नहीं, (आप की) गुंडागर्दी है’ को पढकर यह टिप्पणी दीप्ति गुप्ता ने लिखी है. प्रसंग वही है अनामिका और पवन करण की कविताएँ और ‘कथादेश’ में प्रकाशित शालिनी माथुर की ‘रीडिंग’- जानकी पुल. ========================================  राजकिशोर जी, जिस  पर  चर्चा करना  आप एक …

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शिवमूर्ति: हमें नयी पीढ़ी के लेखन पर विश्वास रखना होगा.

हाल में ही हिंदी के वरिष्ठ कथाकार-उपन्यासकार शिवमूर्ति ६० साल के हुए। इस अवसर उनकी बातचीत प्रस्तुत है। इसमें उन्होंने अपनी आगे की लेखन-योजनाओं के बारे में तो बात की ही है वरिष्ठ पीढी बनाम युवा पीढी विवाद पर भी खुलकर अपनी बात रखी है। इस बातचीत का एक अंश …

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दैहिक गरिमा के भीतर-बाहर

अनामिका और पवन करण की कविताओं पर चली बहस में आज युवा लेखिका विपिन चौधरी की टिप्पणी- जानकी पुल.  =========  विश्व स्तर पर जिस बीमारी से १०.९ मिलियन महिलाएं जूझ रही हों उसी बीमारी और उस अंग विशेष को लेकर लिखी गयी कविताओं से परिणामस्वरूप सामने आई प्रतिक्रियों से एक …

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यह (उनकी) पोर्नोग्राफी नहीं, (आप की) गुंडागर्दी है

अनामिका और पवन करण की कविताओं पर ‘कथादेश’ में शालिनी माथुर के लेख के प्रकाशन के बाद उन कविताओं के कई पाठ सामने आए. आज वरिष्ठ लेखक-पत्रकार राजकिशोर का यह लेख- जानकी पुल. =============================================================== स्तनों पर लिखना बहुत मुश्किल है। स्तनों पर कुछ लिखा गया हो, तो उस पर  विचार …

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