आज पढ़िए चर्चित युवा कवयित्री अनामिका अनु के कविता संग्रह ‘इंजीकरी’ पर यतीश कुमार की यह टिप्पणी। और हां, इस बार अर्से बाद उन्होंने पद्य में नहीं गद्य में लिखा है- =================== कुछ रचनाएँ ऐसी होती हैं जो विषय विविधता के साथ शब्दों की कोमलता व अर्थ का विराट और …
Read More »‘जौन एलिया का जिन’ नाटक की समीक्षा
हाल में ही इरशाद खान सिकंदर का नाटक आया है ‘जौन एलिया का जिन’। राजपाल एंड संज से प्रकाशित इस नाटक की विस्तृत समीक्षा लिखी है राजशेखर त्रिपाठी ने। आप भी पढ़िए- ========================== मैं जो हूं जॉन एलिया हूं जनाब इसका बेहद लिहाज़ कीजिएगा …………………………………….. मुझसे मिलने को आप आए …
Read More »पीटी ऊषा उर्फ मैडम बहुत सख्त हैं!
यौन शोषण के विरुद्ध जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों के संदर्भ में पीटी उषा के बयान के बहाने यह गम्भीर टिप्पणी लेखिका योगिता यादव ने की है। आप भी पढ़ सकते हैं- ===================== सब स्त्रियां एक सी नहीं होतीं, पुरुष भी सब एक से नहीं होते। इसके …
Read More »जया प्रसाद की पुस्तक ‘श्री सिद्धि माँ’ का एक अंश
नीम करौली बाबा को सब जानते हैं। सिद्धि माँ के बारे में आप जानते हैं? जया प्रसाद की किताब ‘श्री सिद्धि माँ’ आई है, जिसका अनुवाद पेंगुइन से आया है। आइए उसका एक अंश पढ़ते हैं- ==================== वह बीसवीं सदी का प्रारम्भ था। हिमालय की पहाड़ियों में स्थित अल्मोड़ा एक …
Read More »सारंग उपाध्याय के उपन्यास ‘सलाम बॉम्बे व्हाया वर्सोवा डोंगरी’ का एक अंश
मुंबई को लेकर सारंग उपाध्याय ने कुछ बेजोड़ कहानियाँ लिखी हैं। अभी हाल में ही मुंबई की पृष्ठभूमि पर उनका उपन्यास आया है ‘सलाम बॉम्बे व्हाया वर्सोवा डोंगरी’। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास का अंश पढ़िए- =========================== जब दुनिया रहने लायक होगी…! इस दुनिया में एक जैसा कुछ नहीं …
Read More »ये दिल है कि चोर दरवाज़ा : मुख्य दरवाज़े की प्रस्तावना और उपसंहार भी
इस साल एक उल्लेखनीय कथा संकलन आया है ‘ये दिल है कि चोर दरवाजा‘। किंशुक गुप्ता द्वारा लिखी समलैंगिक रिश्तों की ये कहानियाँ हिंदी में अपने ढंग की अनूठी है और बहस की मांग करती है। फ़िलहाल वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस संग्रह पर डॉक्टर भूपेन्द्र बिष्ट की यह टिप्पणी …
Read More »‘पारा-पारा’ पर यतीश कुमार की काव्यात्मक टिप्पणी
यतीश कुमार अर्से बाद अपनी काव्यात्मक टिप्पणी के साथ लौटे हैं। इस बार उनको चुना है प्रत्यक्षा के उपन्यास ‘पारा-पारा’ ने। यह उपन्यास राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- ======================== 1. समय की टहनी पर टंगा चाँद निहारता है मुझे और अपनी ही छाया की गिरफ़्त में छटपटाती हूँ मैं …
Read More »उम्र भर जिनको अक़ीदों ने लड़ाए रक्खा
आज ईद के मौक़े पर पढ़िए जनाब सुहैब अहमद फ़ारूक़ी का यह लेख। सभी को ईद मुबारक- ================================ वस्बिर फ़इन्नल्लाह ला युदीउ ‘अज्र अलमुहसिनीन। हज़रात! उपरोक्त क़ुर’सानी आयत का हिन्दुस्तानी में तर्जुमा इस प्रकार है:- ‘….और धीरज रखो! क्यूंकि ईश्वर भलाई करने वालों का इनआम बेकार नहीं होने देता।’ इस …
Read More »‘दोगलापन: ज़िंदगी और स्टार्ट अप्स का खरा सच’ पुस्तक का एक अंश
अश्नीर ग्रोवर भारत में स्टार्ट अप को साफल वनाने वाले सफल चेहरों में एक हैं। ग्रोफ़र इंडिया के सीएफ़ओ की किताब ‘दोगलापन: ज़िंदगी और स्टार्ट अप्स का खरा सच’ का एक दिलचस्प अंश पढ़िए। किताब पेंगुइन हिंद पॉकेट बुक्स से प्रकाशित है- ========================= 25 जनवरी, 2022, शाम 4 बजे जनवरी …
Read More »रवित यादव की नई गद्य कविताएँ
आज पढ़िए युवा कवि रवित यादव की कविताएँ। रवित पेशे से वकील हैं और गद्य कविताओं में प्रयोग करते रहते हैं। आज उनकी कुछ नई गद्य कविताएँ पढ़िए- ================================ 1- हम मिलेंगे दास्तानों के किसी दिलचस्प मोड़ पर। ――――――― चार पेड़ों के बीच जैसे चार रस्सियाँ बंधी हों और बंधे …
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