युवा लेखक दुष्यंत समकालीन जीवन सन्दर्भों को अपने कहानियों में लिखते रहे हैं. ‘वाया गुड़गाँव’ उनका पहला उपन्यास है, जो जगरनॉट के ऐप पर आया है. इसी उपन्यास को लेकर ‘जानकी पुल’ की उनसे बातचीत- मॉडरेटर ============================================ ‘वाया गुड़गांव’ ही क्यों? एक लाइन में बताइये ! हमारे जीवन में सब …
Read More »पटना पुस्तक मेला 2017: नया माहौल नया जोश
पटना पुस्तक मेला 2017 का समापन हो गया. एक नए माहौल में पटना पुस्तक मेला का आयोजन इस बार कुछ अलग रहा. युवा लेखक सुशील कुमार भारद्वाज की रपट- मॉडरेटर ================================ पटना पुस्तक मेला 2017 कई कारणों से इस बार चर्चा में रहा. यह मेला न सिर्फ ऐतिहासिक रूप से पहली बार …
Read More »हॉर्स तो बहुत होते हैं लेकिन विजेता कहलाता है ‘डार्क हॉर्स’
‘नीलोत्पल मृणाल के उपन्यास का शीर्षक ‘डार्क हॉर्स’ प्रोफेटिक साबित हुआ। ऐसे समय में जब हर महीने युवा लेखन के नए नए पोस्टर बॉय अवतरित हो रहे हों नीलोत्पल सबसे टिकाऊ पोस्टर बॉय हैं। वह स्वयं डार्क हॉर्स साबित हुए हैं। यह उनके लेखन की ताकत ही है कि ‘डार्क …
Read More »नीचता के नक्कारखाने में भाषा ज्ञान की तूती- मृणाल पाण्डे
प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे का यह लेख नीच शब्द को लेकर हुए विवाद से शुरू होकर भाषा और उनके प्रयोगों की यात्रा, शब्दों के आदान-प्रदान का विद्वतापूर्ण और दिलचस्प आकलन प्रस्तुत करता है। मौका मिले तो पढ़िएगा- मॉडरेटर इस लेखिका का दृढ विचार है कि हिंदी के पाठकों, श्रोताओं के …
Read More »‘यूपी 65’ के बहाने हिन्दी के नए लेखन को लेकर कुछ बातें
पंकज कौरव अनेक माध्यमों में काम करते रहे हैं, अच्छे लेखक भी हैं। उन्होने हाल में आए निखिल सचान के उपन्यास ‘यूपी 65’ को पढ़ते हुए हाल में आई हिन्दी में नई तरह की किताबों पर बहसतालब टिप्पणी की है- मॉडरेटर ============================================== निखिल सचान का पहला उपन्यास यूपी-65 पढ़कर भीतर …
Read More »शहनाज़ रहमत की ग़ज़लें
आज पेश है शहनाज़ रहमत की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 दर्दे दिल हूँ मैं किसी का या कोई सूनी नज़र कुछ पता मुझको नहीं है कौन हूँ मैं क्या ख़बर गर्दिशें मुझको जलातीं अपनी भट्टी में अगर, ख़ूब सोने सी निखरती और जाती मैं सँवर मुझ से मेरा रास्ता …
Read More »‘पद्मावती’ विवादः पाठ और संदर्भ के अनेक कोण
‘पद्मावती विवाद’ पर युवा लेखक, पत्रकार, इतिहास के गहरे अध्येता प्रकाश के रे का यह लेख कुछ गंभीर बिन्दुओं को उठाता है। पढ़ने लायक है- मौडरेटर ======== संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावती’ को लेकर सामाजिक और राजनीतिक गलियारों में विवाद चरम पर है. वर्तमान परिदृश्य में सुलह और समाधान की …
Read More »गेब्रियला गुतीरेज वाय मुज की कविताएं दुष्यंत के अनुवाद
26 नवंबर यानी आज के दिन 1959 में जन्मीं चर्चित समकालीन स्पेनिश कवयित्री गेब्रियला गुतीरेज वायमुज ने स्पेनिश में पीएच. डी. की है। वे सिएटल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और वाशिंग्टन स्टेट आर्ट कमीशन की कमिश्नर हैं। ‘ऐ मोस्ट इम्प्रोबेबल लाइफ’ नामक कविता संग्रह ने उन्हें लोकप्रिय और आलोचकों का चहेता …
Read More »अणुशक्ति सिंह की कहानी ‘बदलते करवटों के निशां’
अणुशक्ति सिंह की यह कहानी स्त्रीत्व-मातृत्व के द्वंद्व को बहुत संतुलन के साथ सामने रखती है। पढ़कर बताइएगा- मॉडरेटर ——————————- कभी दायीं ओर, कभी बायीं… चर्र-मर्र करते उस बिस्तर पर उसका करवटें बदलना ज़ारी था. लेटते वक़्त ऐसा लगा था जैसे नींद पलकों पर बैठी हो, फट से आगोश में आ …
Read More »उलझे जीवन की सुलझी कहानी ‘ज़िन्दगी 50-50’
भगवंत अनमोल का उपन्यास ‘ज़िंदगी 50-50’ इस साल का सरप्राइज़ उपन्यास बनता जा रहा है। हर तरह के पाठकों में अपनी जगह बनाता जा रहा है। इसका पहला संस्करण समाप्त हो गया है। आज इस उपन्यास की समीक्षा लिखी है कवयित्री स्मिता सिन्हा ने- मॉडरेटर ======================== एक ही समाज में …
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