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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-8

आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात से जुड़ी बातें, जिसे लिख रही हैं विपिन चौधरी। आज पेश है आठवाँ भाग – त्रिपुरारि ======================================================== पिंजरे बदलते रहे, मैना वही रही बचपन में मीना कुमारी अपने पिता के साथ दादर में रहती थी …

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राजेश प्रधान की दो नई कविताएँ

बोस्टन प्रवासी राजेश प्रधान पेशे से वास्तुकार हैं, राजनीतिशास्त्री हैं. हिंदी में कविताएँ लिखते हैं. उनकी कविताओं में सतह के नीचे की दार्शनिकता, विचार, गहन चिंतन है जो उनकी कविताओं को एक अलग ही स्वर देता है. उनकी दो अलग मिजाज की कविताएँ आज पढ़िए- मॉडरेटर ======================= 1 सृष्टि और …

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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-7

आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात से जुड़ी बातें, जिसे लिख रही हैं विपिन चौधरी। आज पेश है सातवाँ भाग – त्रिपुरारि ======================================================== बच्चों की आपा– मीना कुमारी मीना कुमारी को बच्चों से बहुत प्रेम था, फिल्मों में वह ममतामयी माँ …

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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-6

आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात से जुड़ी बातें, जिसे लिख रही हैं विपिन चौधरी। आज पेश है छठा भाग – त्रिपुरारि ======================================================== कद्दावर नायक, जो मीना कुमारी के कद से ऊपर नहीं उठ सके पिता और पति के बीच  अपने …

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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-5

आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात से जुड़ी बातें, जिसे लिख रही हैं विपिन चौधरी। आज पेश है पाँचवां भाग – त्रिपुरारि ======================================================== सपनों के राजकुमार के हाथों में कलम थी मीना कुमारी का जीवन बेहद जटिल और अनुभवों का खासा …

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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-4

आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात से जुड़ी बातें, जिसे लिख रही हैं विपिन चौधरी। आज पेश है चौथा भाग – त्रिपुरारि ======================================================== स्टारडम की राह यानी रेड कारपेट का खुलना बैजू बावरा के हिट होते ही मीना कुमारी, रातों-रात स्टार बन …

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निखिल सचान के उपन्यास ‘यूपी 65’ का एक अंश

हिन्द युग्म ने नई वाली हिंदी के नारे के साथ टेक्नो लेखकों(इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट की पृष्ठभूमि के हिंदी लेखक) की एक नई खेप हिंदी को दी. जिसके सबसे पहले पोस्टर बॉय निखिल सचान थे. उनकी किताब ‘नमक स्वादानुसार’ की 3-4 साल पहले अच्छी चर्चा हुई थी. हालाँकि उनकी दूसरी किताब का नाम …

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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-3

आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात से जुड़ी बातें, जिसे लिख रही हैं विपिन चौधरी। आज पेश है तीसरा भाग – त्रिपुरारि ======================================================== बैजू की ‘गौरी’ ने जीवन के किनारे पर जड़ दी सुनहरी गोट विजय भट्ट द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बैजू …

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‘चीखती हुई चीं-चीं ‘दुश्चरित्र महिलाएं, दुश्चरित्र महिलाएं…’

अनामिका जी को देखता हूँ, उनसे मिलता हूँ तो करुणा शब्द का मतलब समझ में आता है. इतनी करुणामयी महिला मैंने जीवन में नहीं देखी. उनके लिए जो भी अपमानजनक भाषा का प्रयोग करेगा वह अपना चरित्र ही दिखाएगा. हिंदी में इतनी विराट और विविधवर्णी उपस्थिति किसी लेखिका का नहीं …

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भारत भूषण पुरस्कार कवि का अवमूल्यन भी कर देता है !

पिछले कुछ सालों से युवा कविता के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार मिलने के बाद बहस-विवाद की शुरुआत हो जाती है. बहस होना कोई बुरी बात नहीं है. भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार की शुरुआत साल की सर्वश्रेष्ठ युवा कविता को पुरस्कृत करने के लिए किया गया था. लेकिन साल …

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