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युवा शायर #17 सग़ीर आलम की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है सग़ीर आलम की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 कैसे कैसे मंज़र मेरी आँखों में आ जाते हैं, यादों के सब खंजर मेरी आँखों में आ जाते हैं। मेरी प्यासी आंखें फिर भी रह जाती हैं प्यासी ही, यूँ तो सात समंदर मेरी आँखों …

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‘माधुरी’ में प्रकाशित एक फ़िल्मी चालीसा

फिल्म पत्रिका माधुरी के सन 1972 के अंक में छपी हनुमान चालीसा की तर्ज़ पर वीरेंद्र सिंह गोधरा की फिल्मी चालीसा. एक से एक रचनाओं की खोज करने वाले प्रकाश के रे के सौजन्य से पढ़िए- मॉडरेटर  ======================================== दोहारू सहगल चरण स्पर्श कर, नित्य करूँ मधुपान। सुमिरौ प्रतिपल बिमल दा, …

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भोगे हुए यथार्थ द्वारा सम्बन्धो से मोहभंग

हिंदी में छठे दशक के बाद लिखी गई कहानियों को केंद्र में रखकर, विजय मोहन सिंह और मधुकर सिंह द्वारा सम्पादित एक समीक्षात्मक किताब आई है. अब उस समीक्षात्मक किताब की समीक्षा कर रहे हैं माधव राठौर. आप भी पढ़िए- संपादक =======================================================   “60 के बाद की कहानियां” किताब विजय …

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सूखै न प्रेम के सोतः जाता हुआ आषाढ़-आता हुआ सावन

आषाढ़ जाने वाला है और सावन आने वाला है. प्रसिद्ध लोकगायिका चंदन तिवारी ने इन महीनों के लोक जीवन से सम्बन्ध को लेकर एक छोटा-सा रोचक लेख लिखा है. पढियेगा- मॉडरेटर ============================== आषाढ़ जानेवाला है और सावन आनेवाला है. यह जो आषाढ़ जानेवाला है या कि जो सावन आनेवाला है, …

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भारत-चीन: कभी हमसे तुमसे भी राह थी ! 

भारत-चीन  के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में विमलेन्दु ने इस लेख में भारत-चीन के परंपरागत रिश्तों को लेकर अच्छा पठनीय लेख लिखा है- मॉडरेटर =========================== हममें से अधिकांश लोगों के लिए, चीन से हमारा प्रथम परिचय चाय की चुस्कियों के साथ शुरू होता था एक ज़माने में, …

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युवा शायर #16 अक्स समस्तीपुरी की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है अक्स समस्तीपुरी की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 जुदाई में तेरी आंखों को झील करते हुए सबूत ज़ाया किया है दलील करते हुए मैं अपने आप से खुश भी नहीं हूँ जाने क्यों सो खुश हूँ अपने ही रस्ते तवील करते हुए न जाने …

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राजेश प्रधान की कविता ‘बेवक्त राजनीति’

राजेश प्रधान मूलतः पटना के हैं. अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थान एमआईटी से राजनीति शास्त्र में पीएचडी करने के साथ साथ उन्होंने वहीं से आर्किटेक्चर की पढ़ाई की और जाने माने वास्तुकार हैं. राजनीतिशास्त्र पर किताब भी लिख चुके हैं. वे कविताएँ भी लिखते हैं. कविताओं के शब्दों, भावों में प्रयोग …

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प्रत्युष पुष्कर की कुछ संगीत कविताएँ

हिंदी के पाठकों को चाहते-न चाहते बहुत सारी कविताएँ पढनी पड़ती हैं. कुछ दिल में उतर जाती हैं, कुछ दिमाग को झकझोर देती हैं. अधिकतर केवल दुहराव भर होती हैं. लेकिन कुछ ऐसी होती हैं जो आपको चमत्कृत कर जाती हैं. प्रत्युष पुष्कर की इन संगीत-कविताओं जैसी कविता हिंदी में …

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जंग की दास्तां बन गई मोहब्बत की ग़ज़ल

पिछले 2-3 बरसों में एक ग़ज़ल बहुत सुनाई पड़ी। ‘वो हम-सफ़र था मगर उस से हम-नवाई न थी’ …लेकिन कम लोगों को मालूम है कि मोहब्बत भरी ये ग़ज़ल, दरअसल सन्1971 में हुए इंडो-पाक जंग के बाद लिखी गई थी। बाद में जब पाकिस्तानी टीवी सीरियल ‘हमसफ़र’ के टायटल सॉन्ग …

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‘मेघे ढाका तारा’ के लेखक शक्तिपाद राजगुरु के बारे में आप जानते हैं?

ऋत्विक घटक की फिल्म ‘मेघे ढाका तारा’ देखते हुए यह ध्यान ही नहीं आया था कि इतनी अच्छी कहानी लिखी किसने थी. प्रकाश के. रे का यह लेख नहीं पढ़ा होता तो शक्तिपाद राजगुरु नामक लेखक के बारे में जाना ही नहीं होता, अभी 12 जून को इस लेखक की …

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