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प्रत्युष पुष्कर की कुछ संगीत कविताएँ

हिंदी के पाठकों को चाहते-न चाहते बहुत सारी कविताएँ पढनी पड़ती हैं. कुछ दिल में उतर जाती हैं, कुछ दिमाग को झकझोर देती हैं. अधिकतर केवल दुहराव भर होती हैं. लेकिन कुछ ऐसी होती हैं जो आपको चमत्कृत कर जाती हैं. प्रत्युष पुष्कर की इन संगीत-कविताओं जैसी कविता हिंदी में …

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जंग की दास्तां बन गई मोहब्बत की ग़ज़ल

पिछले 2-3 बरसों में एक ग़ज़ल बहुत सुनाई पड़ी। ‘वो हम-सफ़र था मगर उस से हम-नवाई न थी’ …लेकिन कम लोगों को मालूम है कि मोहब्बत भरी ये ग़ज़ल, दरअसल सन्1971 में हुए इंडो-पाक जंग के बाद लिखी गई थी। बाद में जब पाकिस्तानी टीवी सीरियल ‘हमसफ़र’ के टायटल सॉन्ग …

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‘मेघे ढाका तारा’ के लेखक शक्तिपाद राजगुरु के बारे में आप जानते हैं?

ऋत्विक घटक की फिल्म ‘मेघे ढाका तारा’ देखते हुए यह ध्यान ही नहीं आया था कि इतनी अच्छी कहानी लिखी किसने थी. प्रकाश के. रे का यह लेख नहीं पढ़ा होता तो शक्तिपाद राजगुरु नामक लेखक के बारे में जाना ही नहीं होता, अभी 12 जून को इस लेखक की …

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रविदत्त मोहता की कविताएँ

आज प्रस्तुत हैं रविदत्त मोहता की कविताएँ – संपादक ========================================================= यादें कभी अस्त नहीं होती मैं यादों के आसमान का पक्षी हूँ सदियां हो गयीं मैं सो नहीं पाया यादों के आसमानों का सूर्यास्त हो नहीं पाया कोई कहता है मैं किताब हूं कोई कहता हिसाब हूं पर मैं तो …

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सच, प्यार और थोड़ी-सी शरारत

खुशवंत सिंह की आत्मकथा ‘सच, प्यार और थोड़ी-सी शरारत’ पर युवा लेखक माधव राठौड़ की टिप्पणी – संपादक =================================================== अंग्रेजी के प्रसिद्ध पत्रकार, स्तम्भकार और विवादित कथाकार खुशवंत सिंह की आत्मकथा अपनी शैली में लिखा गया अपने समय का वह  कच्चा चिटठा है, जिसका दायरा रेगिस्तानी गाँव की गर्मी भरे …

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हैप्पी वाला बर्थ डे राहुल गांधी!

आज 19 जून है. याद आया राहुल गाँधी का जन्मदिन है. बारिश हो रही है. दिल्ली का मौसम किसी पहाड़ी कस्बे सा रूमानी हो गया है. सोचा कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता की तरह उनके बंगले पर माला लेकर जाऊं और हैप्पी बर्थ डे बोल आऊँ. फिर याद आया कि वे …

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युवा शायर #15 स्वप्निल तिवारी की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है स्वप्निल तिवारी की ग़ज़लें – त्रिपुरारि  ====================================================== ग़ज़ल-1 मेरे चारों सिम्त पहले जमअ तन्हाई हुई दिल-कचहरी में मिरी तब जा के सुनवाई हुई रेत पर लेटी हुई थी शाम लड़की सी किसी धूप से साहिल पे पूरे दिन की सँवलाई हुई धीरे धीरे …

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मैत्रेयी जी मैत्रेयी जी क्या हुआ आपको?

मैत्रयी पुष्पा की किताब ‘वह सफ़र था कि मुकाम था’ पर चल रहे विवाद पर युवा लेखिका दिव्या विजय की टिप्पणी- मॉडरेटर ======= ‘वह सफ़र था कि मुकाम था’ इस पर मैत्रेयी पुष्पा  भले ही कन्फ़्यूज़्ड हों पर आस-पास चल रहे मुबाहिसे में लगभग सब एक मुकाम पर पहुँच चुके …

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मैत्रयी जी बड़ी लेखिका हैं, उनको सावधानी से लिखना चाहिए था

मैत्रेयी पुष्पा की किताब ‘वह सफ़र था कि मुकाम था’ पर चल रहे विवाद पर जेएनयू में कोरियन विभाग में शोधा छात्रा रोहिणी कुमारी की टिप्पणी- ============ हिंदी जगत को ठीक से नहीं जानती हूँ लेकिन रूचि होने की वजह से पढ़ने की प्रक्रिया अनवरत चल रही है, जब भी …

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विजय विद्रोही का उपन्यास ‘करेला इश्क का’

मुझे जब एक मित्र ने विजय विद्रोही के उपन्यास ‘करेला इश्क का’ पढने का आग्रह किया तो मुझे लगा कि वह पत्रकार है इसलिए एक पत्रकार की किताब पढने के लिए कह रही है. आजकल टीवी से जुड़े पत्रकारों की किताबों की बाढ़ आ गई है. कई किताबें तो बहुत …

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