यूँ तो हिंदी में ‘बनारस’ पर कई कविताएँ लिखी जा चुकी हैं। फिर भी, हर नया कवि उस शहर की ओर आकर्षित होता है। हर एक आँख उस शहर को अपनी नज़र से देखती है। हर एक दिल उस शहर को अलग तरह से महसूस करता है। अपना अनुभव बयान …
Read More »अथ ‘ब्रह्मोद्य’ प्रश्नोत्तरी उपाख्यान: मृणाल पाण्डे की कथा श्रृंखला का उपसंहार
जानी-मानी लेखिका मृणाल पाण्डे की कथा श्रृंखला हम पढ़ रहे थे. संस्कृत कथाओं की याद दिलाती हुई इस कथा में हीरामन तोता भी था, हिमुली देवी भी. लेकिन समकालीन जीवन, समाज, राजनीति की कथाएं इससे निकलती जा रही थीं. लेकिन हर कथा की तरह इस कथा का भी अंत हो …
Read More »क्या हिंदी अदालतों के कामकाज की भाषा बनने जा रही है?
अनन्त विजय विचारोत्तेजक लेख लिखते हैं, हिंदी की भावना, संवेदनाओं को जगा देते हैं. यह लेख बहुत अच्छी तरह से इस बात को सामने रखता है कि अदालतों का कामकाज देशी भाषाओं में हो इसके लिए क्या प्रयास हुए हैं और हाल में किस कारण से ऐसा लग रहा है …
Read More »विश्व कविता दिवस पर श्रद्धा सिंह की इन्स्टा पोयम्स
आज विश्व कविता दिवस है. हिंदी कविता में आजकल तरह-तरह के प्रयोग हो रहे हैं. जिनमें एक इन्स्टा पोएट्री का फॉर्म भी है. मुम्बई में रहने वाली श्रद्धा सिंह इश्क 104.8 की प्रोग्रामिंग हेड हैं लेकिन आजकल कविताओं को लेकर यह प्रयोग कर रही हैं. देखिये- मॉडरेटर ====================
Read More »तितली के परों को कभी छिलते नहीं देखा उर्फ अनारकली ऑफ आरा
आज मंगल है, बुध, बिफ्फे और बस शुक्कर को अनारकली ऑफ़ आरा रिलीज हो रही है. अविनाश दास की इस फिलिम का सबकी तरह हमें भी बहुत इन्तजार है. इस इंतजारी में फिलहाल युवा लेखक नवनीत नीरव का यह लेख पढ़िए. फिलिम पर नहीं है लेकिन बढ़िया माहौल बनाये हैं- …
Read More »दरियागंज की 21 नम्बर गली ब्रजेश्वर मदान और सुरेन्द्र मोहन पाठक!
दरियागंज की 21 नंबर गली के सामने से जब भी गुजरता हूँ मुझे 90 के दशक के आरंभिक वर्षों के वे दिन याद आ जाते हैं जब इस गली का आकर्षण मेरे लिए बहुत अधिउक होता था. वहां दीवान पब्लिकेशन्स का दफ्तर था, जहाँ से फ़िल्मी कलियाँ नामक पत्रिका का …
Read More »शेषनाथ पांडेय की कहानी ‘तारीख़’
हिंदी के कई लेखक ऐसे हैं, जो कविता और कहानी दोनों विधाओं में समान अधिकार के साथ लिखते हैं। उनमें एक नाम शेषनाथ पांडेय है। साहित्य से इतर शेषनाथ, फ़िल्म/टीवी के लिए पटकथा भी लिखते हैं। फ़िलहाल मुबई में रहते हैं और दोस्तों के बीच अपनी दिलदारी के लिए बेहद …
Read More »निर्मल वर्मा की कहानी ‘कव्वे और काला पानी’
आज गूगल ने बताया कि स्टोरीटेलिंग डे है. मुझे निर्मल वर्मा की कहानी याद आई- ‘कव्वे और काला पानी‘. असल में इस कहानी के याद आने का सन्दर्भ है. दो दिनों से संन्यास को लेकर बड़ी चर्चा है. इस कहानी को लेकर भी संन्यास को लेकर बहस हुई थी. आलोचक …
Read More »अंतरराष्ट्रीय गोरैया दिवस और ‘दाना-पानी’
आज अंतरराष्ट्रीय गोरैया दिवस है. शहरों में गोरैया गायब होती जा रही हैं. हमारा जीवन प्रकृति से दूर होता जा रहा है. अन्तरराष्ट्रीय गोरैया दिवस के माध्यम से इसी तरफ हमारा ध्यान दिलाने की कोशिश की जाती है. दिल्ली में ‘दाना-पानी’ नामक एक संस्था है जो चिड़ियों के साथ इंसान …
Read More »योगी आदित्यनाथ पर शशिशेखर की टिप्पणी
कल जब योगी आदित्यनाथ को यूपी का मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा हुई तो उसके बाद से उनको लेकर काफी कुछ लिखा गया. बहुत सारा मैंने पढ़ा भी. लेकिन ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ के संपादक शशिशेखर ने आज अखबार में पहले पन्ने पर जो ‘त्वरित टिप्पणी’ की वह सबसे संतुलित लगा और …
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