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जीवन इस पार और उस पार

आज पढ़िए प्रियंका नारायण की कहानी। लगभग साइंस फ़िक्शन जैसी यह कहानी रोचक भी है और ज्ञानवर्धक भी। आप भी पढ़िएगा- ===================== काले बादलों से घिरी सुबह… ठंढ़ी हवा और दूर तक फैली घास…मोबाईल की घंटी बजी, किसी ने दो शब्द कहें और मन जैसे कहीं दूर खो गया… ऊर्जा, …

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‘थोड़ी- सी ज़मीन थोड़ा आसमान’ की काव्यात्मक समीक्षा

यतीश कुमार बहुत दिनों बाद अपनी काव्यात्मक समीक्षा के साथ वापस लौटे हैं।इस बार उन्होंने जयश्री रॉय की किताब ‘थोड़ी- सी ज़मीन थोड़ा आसमान’ को पढ़ते हुए कविताएँ लिखी हैं। यह किताब वाणी प्रकाशन से प्रकाशित है- ===================       1.     साँस की हाँफ में गलफड़ों का …

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रमेश ठाकुर की कहानी ‘फिर कभी मिलेंगे’

आज पढ़िए युवा लेखक रमेश ठाकुर की कहानी। पढ़कर अपनी राय ज़रूर दीजिएगा- =============== “हैलो राकेश! कहाँ हो तुम?” “मैं अपने कॉलेज में हूँ। तुम बताओ, तुम कहाँ हो? आज कैसे याद किया?” “मैं कैंपस आ रही हूँ। तुम मुझे आर्ट्स फ़ैकल्टी में मिलोगे?” “बताओ, कुछ काम होगा तो आ …

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सिधपुर की भगतणें : स्त्री के स्वभाविक विद्रोह का प्रमाणिक आख्यान

लक्ष्मी शर्मा के उपन्यास ‘सिधपुर की भगतणें’ पर यह सुविचारित टिप्पणी लिखी है जितेंद्र विसारिया ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ===========================        उपन्यास भले ही बाह्य विधा के रूप में  हिंदी में प्रविष्ट हुई हों, किन्तु यह विधा आधुनिक खड़ी बोली के प्रारंभिककाल से ही हिंदी साहित्य की लोकप्रिय …

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मंडन में उम्र गुजर जाती, खंडन में देर नहीं लगती!

नोएडा में ट्विन टावर को गिराए जाने की घटना टीवी पर पूरे देश ने देखा। हिंदी के सबसे लोकप्रिय लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक ने इस घटना को अपने घर से देखा। वे वहीं पास में रहते हैं। इसी अनुभव को अनेक अन्य अनुभवों के साथ मिलाते हुए उन्होंने बड़ा रोचक …

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दुःख की विचित्र आभा का उपन्यास

जयश्री रॉय के उपन्यास ‘थोड़ी-सी ज़मीन, थोड़ा आसमान’ के ऊपर यह टिप्पणी लिखी है युवा लेखक किंशुक गुप्ता ने। किंशुक मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं और हिंदी-अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में समान रूप से लिखते हैं। प्रमुखता से प्रकाशित होते हैं। फ़िलहाल यह समीक्षा पढ़िए- ======================== विस्थापन की समस्या को …

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‘अंबपाली’ पर यतीश कुमार की टिप्पणी

वरिष्ठ लेखिका गीताश्री के उपन्यास ‘अंबपाली’ पर यह टिप्पणी लिखी है कवि यतीश कुमार ने। एक पढ़ने लायक टिप्पणी- ========================== रचनाकार गीता श्री ने इस उपन्यास को लिखने के पहले अपने मन मस्तिष्क को उस काल के साँचे में ढाला है ताकि वहाँ की आवाज़ हम सुन सकें। भाषा को …

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दीवानावार प्रेम की तलाश का नॉवेल ‘राजा गिद्ध’

उर्दू लेखिका बानो क़ुदसिया के उपन्यास ‘राजा गिद्ध’ पर यह टिप्पणी लिखी है वरिष्ठ लेखिका जया जादवानी ने। सेतु प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास की समीक्ष पढ़िए- =====================    जंगल में भांति-भांति के परिंदे जमा हो रहे थे… हिन्द-सिंध से, पामेर की चोटियों से, अलास्का से भी कुछ परिंदे आए …

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‘आकाश में अर्द्धचंद्र’ की कविताओं से पाठकीय आत्मालाप

युवा लेखक आलोक कुमार मिश्रा ने कवि पंकज चतुर्वेदी के कविता संग्रह पर यह टिप्पणी लिखी है। पंकज चतुर्वेदी का कविता संग्रह ‘आकाश में अर्धचंद्र’ का प्रकाशन रुख़ प्रकाशन ने किया है। आप इस टिप्पणी को पढ़ें- ============================ जैसे कविताएं शब्दों का जामा पहन अनगिन रूपों में शाया होती हैं, …

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भारत का पुरस्कार बनाम इंडिया का पुरस्कार

‘वनमाली कथा’ में हिंदी को मिले बुकर पुरस्कार पर मैंने यह लेख लिखा था। पत्रिका के जुलाई अंक में लेख प्रकाशित हुआ है। आप भी पढ़ सकते हैं- प्रभात रंजन =================== इस साल ‘भारत’ का परिचय एक नए पुरस्कार से हुआ- इंटरनेशनल बुकर प्राइज़ से। ‘इंडिया’ का बुकर पुरस्कार से …

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