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आत्मज: अप्प पिता भव !

प्रसिद्ध कवि विनय कुमार के काव्य नाटक ‘आत्मज’ पर यह टिप्पणी लिखी है हिन्दी की वरिष्ठ लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ========================== छोटे से कलेवर की किताब है आत्मज, जो एक काव्य नाटक है। ऐसी विधा जिसे विलुप्त होते-होते मानो जीवन दान दिया हो, विनय कुमार …

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दिव्या विजय की कहानी ‘महानगर की एक रात’

पहला जानकी पुल शशिभूषण द्विवेदी सम्मान लेखिका दिव्या विजय को उनके कहानी संग्रह ‘सगबग मन’ के लिए दिया गया है। इस संग्रह में अलग अलग तरह के परिवेश की अनेक सघन कहानियाँ हैं। लेकिन ‘महानगर की एक रात’ कहानी बहुत अलग तरह की है। भय, शंका से भरपूर यह कहानी …

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जानकी पुल शशिभूषण द्विवेदी सम्मान ‘सगबग मन’ को

जानकी पुल शशिभूषण द्विवेदी सम्मान के बारे में कुछ महीने पहले घोषणा की गई थी। हर साल यह पुरस्कार कथा साहित्य के क्षेत्र में किसी एक कृति पर प्रदान किया जाएगा। हमने अपने निर्णायकों के साथ इसके नियम क़ायदों के बारे में सोच विचार कर यह तय पाया कि पहले …

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नेहा नरुका की छह कविताएँ

आज पढ़िए नेहा नरुका की कविताएँ। समकालीन कविता में नेहा का नाम जाना-पहचाना है। हाल में ही उनका कविता संग्रह आया है ‘फटी हथेलियाँ’। उनकी कविताओं के विषय भी लग हैं और भंगिमा भी। मिसाल के तौर पर इन कविताओं को पढ़िए- ===================================== 1 किसी ने मेरा उड़ता कबूतर मारा …

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हिंदी साहित्य और हिंदी के डॉक्टर: प्रमोद रंजन

प्रमोद रंजन का यह लेख एक साहित्योत्सव के पोस्टर से शुरु होकर सृजनशीलता और मौलिकता क्या है, जैसे बड़े सवालों को उठाता है। प्राध्यापकों की कुंठा और रीढ़विहीनता की भी इसमें अच्छी खबर ली गई है। पढ़िए– ======================== हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक साहित्य उत्सव हो रहा है। उसका पोस्टर …

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मेरी माँ बढ़िया जलेबी बनाती थी, मैं कहानियों की जलेबियाँ उतारती हूँ- अलका सरावगी

आज पढ़िए प्रसिद्ध लेखिका अलका सरावगी और कवि-कथाकार अर्पण कुमार की बातचीत- =============================================== अपनी दादी से गहरे जुड़ी अलका के भीतर पीढ़ियों से जुड़ाव के सूत्र दरअसल उनके बचपन से जुड़ते हैं। लीक से हटकर सोचने-चलने वाली कथाकार की कथा पुरानी है और अपने आसपास की साधन-संपन्नता और उसकी चकाचौंध …

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         मानव जीवन की परतें खोलतीं ‘फटी हथेलियाँ’

आज पढ़िए नेहा नरुका के कविता संग्रह ‘फटी हथेलियाँ’ पर यह विस्तृत टिप्पणी, लिखा है युवा लेखिका अनु रंजनी ने। यह संग्रह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- ======================== यदि कोई स्त्री, स्त्री अधिकारों, उसके संघर्षों की बात करे तो बहुत आसानी से उस पर पक्षपात का आरोप लगा दिया जाता …

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राजकमल प्रकाशन समूह की टॉप-सेलर लिस्ट और साहित्य

फरवरी, 2024 में हिंदी के सबसे बड़े प्रकाशक राजकमल प्रकाशन समूह ने पिछले 10 साल में प्रकाशित टॉप सेलर किताबों की सूची जारी की। सूची में 21 किताबें हैं। इन किताबों पर नजर डाल कर हम हिंदी प्रकाशन व्यवसाय और पाठकीयता की प्रकृति  को समझने की कोशिश कर  सकते हैं। …

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‘जो क़ौम भुला देती है तारीख़ को अपने’

आज दिनांक 8/2/2024 को दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज(सांध्य) में विकसित भारत@2047 से जुड़े कार्यक्रमों की शृंखला का उद्घाटन करते हुए केरल के राज्यपाल श्री आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा कि हमें अपने अतीत के गौरव को याद करते रहना चाहिए इससे भविष्य के निर्माण की प्रेरणा मिलती …

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प्रदीप दाश के उपन्यास ‘चरु, चीवर और चर्या’ का अंश

बड़े दिनों बाद एक दिलचस्प ऐतिहासिक उपन्यास पढ़ा- ‘चरु, चीवर और चर्या’। लेखक हैं प्रदीप दाश। उपन्यास की पृष्ठभूमि बौद्ध धर्म है, मध्यकाल से पहले के दौर में उड़ीसा में धर्मों का द्वंद्व किस तरह चल रहा था, उसमें राज्य की भूमिका कैसी थी? सब कुछ बहुत रोचक तरीक़े से …

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