जनाब सुहैब अहमद फ़ारूक़ी पुलिस अधिकारी हैं लेकिन हम उनको शायर के रूप में जानते हैं। उनकी बेगम आशकारा खानम कश्फ़ भी ज़हीन शायरा हैं। यह ख़त पढ़िए शायर पति ने अपनी शायर बेगम के नाम उनके जन्मदिन पर लिखा है- ========================== अस्वीकरण: यह स्वीकारोक्ति एक परिपक्व उम्र के …
Read More »राजीव कुमार की कहानी ‘दिल्ली की एक शाम’
आज पढ़िए राजीव कुमार की कहानी। राजीव कुमार की कहानियाँ, कविताएँ, साहित्यिक टिप्पणियाँ हम पढ़ते रहे हैं। यह उनकी नई कहानी है- =============================== दिल्ली की एक शाम —————- आज शाम हम फिर मिल ही गए। हमारी बैठकें इन दिनों ज़्यादा होने लगी थीं। मैं, देव साहब और किरण माकन तो …
Read More »युवा कवि चंद्रकुमार की कविताएँ
चंद्रकुमार ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय, न्यूयार्क से पढ़ाई की। वे आजकल एक निजी साफ्टवेयर कंपनी में निदेशक है लेकिन उनका पहला प्यार सम-सामयिक विषयों पर पठन-लेखन है। स्थानीय समाचार पत्रों में युवाओं के मार्गदर्शन के लिए लंबे समय तक एक नियमित स्तंभ लेखन के साथ ही खेल, राजनीति, शिक्षा, कलाओं और …
Read More »स्मृतियों में धड़कता इलाहाबाद
वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया की किताब ‘जीते जी इलाहाबाद’ पर यह सुंदर टिप्पणी लिखी है आलोक कुमार मिश्रा ने। आप भी पढ़िए और ममता जी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीजिए- ============== ‘इलाहाबाद मेरे लिए यूटोपिया में तब्दील होता जा रहा है। वह गड्ढों-दुचकों भरा ढचर-ढूँ शहर जहाँ ढंग की कोई …
Read More »‘सरदार उधम’ : एक क्रांतिकारी को विवेक सम्मत श्रद्धा–सुमन
आजकल ‘सरदार उधम’ फ़िल्म की बड़ी चर्चा है। इसी फ़िल्म पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है मनोज मल्हार ने, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाते हैं। आप भी पढ़िए- ========================= सरकारें अक्सर अपनी विचारधारा के अनुरूप कला , संस्कृति और सिनेमा को प्रोत्साहित करती है. कांग्रेस की सरकारें पहले धर्मनिरपेक्षता …
Read More »प्रीति प्रकाश की कहानी ‘पलाश के फूल’
प्रीति प्रकाश तेज़पुर विश्वविद्यालय में शोधार्थी हैं। उनके लेखन से हम सब परिचित रहे हैं। यह उनकी नई कहानी है- ================================== पलाश के फूल ‘पलाश के फूल कितने सुन्दर लगते हैं न’ हॉस्टल से वापस घर जाते समय कविता ने कहा| आगे बढ़ती हुई गाडी से मुड़कर मैंने पलाश के …
Read More »आशुतोष राणा की किताब पर यतीश कुमार की टिप्पणी
फ़िल्म अभिनेता आशुतोष राणा के व्यंग्य लेखकों का संकलन प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है- ‘मौन मुस्कान की मार’। इस पुस्तक पर एक सुंदर टिप्पणी लिखी है कवि यतीश कुमार ने। आप भी पढ़ सकते हैं- =================== कई बड़े कलाकारों के साक्षात्कार में सुना है कि अभिनय शैली में …
Read More »प्रकाश मनु के संस्मरण में शैलेश मटियानी
आज अपने ढंग के अकेले लेखक शैलेश मटियानी का जन्मदिन है। इस अवसर पर उनको याद कर रहे हैं वरिष्ठ लेखक प्रकाश मनु। इस आत्मीय संस्मरण को आप भी पढ़ सकते हैं- =============================== [1] मैं बहुत लेखकों से मिला हूँ। पर बहुत कम लेखक ऐसे मिले, जो पहली बार …
Read More »राजीव कुमार की कहानी ‘कहानी उलझी हुई’
राजीव कुमार साहित्यानुरागी हैं, कवि हैं, लेखक हैं। आज उनकी एक नई कहानी पढ़िए। एक दिलचस्प कहानी- ============================== फेसबुक पर उसकी इस नई कहानी का जिक्र था। एक बार फोन भी किया था उन्होंने। उसने यह आग्रह भी किया था कि उनकी यह कहानी मेरे द्वारा जरूर पढ़ी जाय, और …
Read More »नवीन चौधरी के उपन्यास ‘ढाई चाल’ का एक अंश
युवा लेखक नवीन चौधरी का दूसरा उपन्यास एक लम्बे इंतजार के बाद आया है। उनका पहला उपन्यास ‘जनता स्टोर’ एक रोमांचक पोलिटिकल थ्रिलर था। दूसरे उपन्यास ‘ढाई चाल’ से भी उसी रोमांच की उम्मीद है। उपन्यास राजकमल प्रकाशन समूह से प्रकाशित हुआ है। फ़िलहाल आप अंश पढ़िए- ==================== सीमा और …
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