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लोकगीतों का देहनोचवा दौर और लोकसंगीत की महिलाएं

आज महिला दिवस है। इस अवसर पर पढ़िए प्रसिद्ध लोक गायिका चंदन तिवारी का लिखा यह लेख- ============== लोक. यह शब्द सामने आते ही जीवन का एक विराट पहलू सामने होता है. सृष्टि,प्रकृति सब समाहित हो जाता है इस एक शब्द में. सृष्टि और प्रकृति के बाद लोक के तत्वों …

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जासूसीपन, थ्रिलरपन और रहस्यपन का रोचक कथानक ‘नैना’

संजीव पालीवाल के उपन्यास ‘नैना’ पर टिप्प्पणी जानी-मानी लेखिका नीलिमा चौहान ने लिखी है। एक रोचक और बेहद पठनीय उपन्यास की बहुत रोचक, पठनीय और विचारोत्तेजक समीक्षा। आप भी पढ़ सकते हैं- ======================================= हाल के वर्षों में उपन्यास विधा के साथ दो सुंदर हादसे हुए हैं। एक तो यह कि …

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स्मिता सिन्हा की नई कविताएँ

युवा कवयित्री स्मिता सिन्हा का कविता संग्रह आया है ‘बोलो न दरवेश’। सेतु प्रकाशन से प्रकाशित इस कविता संग्रह की कुछ कविताएँ पढ़ते हैं- ============================== (1)   दरवेश   ———————   उस आकाश और इस धरा के बीच जहाँ क्षितिज विस्तार पाता है वहीं उसी बिन्दु पर पाती हूँ मैं …

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राजुला मालूशाही की कथा: मृणाल पाण्डे

हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथाएँ लिख रही थीं। यह 28 वीं कथा और इस सीरिज़ की अंतिम कथा। इन लोक कथाओं के माध्यम से हमने देश की विविधवर्णी छवियाँ देखी, कथाएँ देखी। सीरिज़ की अंतिम कथा कुमाऊँ की प्रसिद्ध राजुला मालूशाही की …

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अनुकृति उपाध्याय के उपन्यास ‘नीना आंटी’ का एक अंश

अनुकृति उपाध्याय का उपन्यास आया है ‘नीना आंटी’। यह एक ऐसी किरदार है जिसको लेकर आजकल ख़ूब लिखा जा रहा है। अपनी शर्तों पर जीने वाली, समाज के क़ायदों को न मानने वाली। राजपाल एण्ड संज से प्रकाशित उपन्यास में कैसी हैं नीना आंटी, इस छोटे से अंश में जानते …

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पतरस बुख़ारी का व्यंग्य ‘बाइसिकिल’

पतरस बुख़ारी का नाम उर्दू के प्रमुख व्यंग्यकारों में लिया जाता है। बीसवीं शताब्दी के मध्य में उन्होंने वाचिक परम्परा की व्यंग्य परम्परा को एक बड़ी पहचान दी। हाल में ही उनकी किताब हिंदी में आई है- सिनेमा का इश्क़, जो उनके व्यंग्य लेखों का संग्रह है। मैंड्रेक प्रकाशन से …

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दिल्ली में नींद: नामालूम त्रासदियों के वृतांत

आज युवा लेखक उमाशंकर चौधरी का जन्मदिन है। यह संयोग है कि आज उनके कहानी संग्रह ‘दिल्ली में नींद’ की समीक्षा मिली। काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में हिंदी के प्रोफ़ेसर नीरज खरे ने यह समीक्षा लिखी है। आप भी पढ़ सकते हैं- ===================================               …

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विनय सीतापति की किताब ‘जुगलबंदी’ का एक अंश

विनय सीतापति की किताब ‘जुगलबंदी’ की बड़ी चर्चा है। वाजपेयी-आडवाणी के आपसी संबंधों को लेकर लिखी गई इस किताब का हिंदी अनुवाद हाल में ही पेंग्विन से प्रकाशित हुआ है। आइए किताब का वह रोचक अंश पढ़ते हैं जो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफ़े को लेकर वाजपेयी …

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राजकमल, पुरानी दिल्ली और दिल्ली पुलिस

कल 28 फ़रवरी से राजकमल प्रकाशन अपने 75 वें साल में प्रवेश कर जाएगा। अपने 74 वें स्थापना दिवस को इस बार राजकमल कुछ अनूठे अन्दाज़ में मना रहा है। सीधे पाठकों के बीच पहुँचने के अभियान के साथ। आप भी जानना चाहते हैं तो इसको पढ़ सकते हैं- ========================== …

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भाषा, मातृभाषा और मातृभाषा आंदोलन

विश्व मातृभाषा दिवस को लेकर वेद प्रताप वैदिक जी का यह लेख नवभारत टाइम्स में प्रकाशित हुआ था। देर से पढ़ पाया। पढ़ा तो लगा कि साझा किया जाना चाहिए। बहुत अच्छी जानकारी है- ================= आम तौर पर लोगों को पता नहीं होता कि संयुक्त राष्ट्र 21 फरवरी को विश्व-मातृभाषा …

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